मीडिया दरबार को एक पाठक ने मेल भेजकर कर कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां दी हैं। इस मेल के मुताबिक निर्मलजीत सिंह नरुला उर्फ निर्मल बाबा झारखंड के वरिष्ठ राजनेता इंदर सिंह नामधारी के करीबी रिश्तेदार हैं। मेल में दावा किया गया है कि बाबा जी को ठेकेदारी के मैदान में पांव जमाने में नामधारी ने भी मदद की थी, लेकिन मामला जम नहीं पाया।
मेल की मूल प्रति इस प्रकार है:
“निर्मल सिंह नरूला” उर्फ “निर्मल बाबा” टीवी पर लगभग सभी चेनलों पर आने वाला एक ठग है…..जो पैसे के बदले कृपा बाँटने का ढोंग करता है…..!!
अब कुछ जानकारी बाबा के बारे में…..जो शायद आपको मालूम न हो…..!!
=> इस ढोंगी बाबा का ससुराल झारखंड में है और ये दस वर्ष से अधिक समय तक वहाँ गुजार चुका हैं।
=> ये झारखंड के सांसद इंदर सिंह नामधारी का साला हैं।
=> ढोंगी बाबा विवाह के बाद करीब 1974-75 के दौरान झारखंड में आया था और लाईम स्टोन का व्यवसाय शुरू किया। मगर उसमें सफल नहीं हुआ . इसके बाद गढ़वा में कपड़े का व्यवसाय शुरू किया, लेकिन वहां भी सफल नहीं हो सका .
=> एक वक्त ऐसा भी था कि ये निर्मल बाबा काफी परेशानियों से जूझ रहा था . तब बिहार में मंत्री रहे “इंदर सिंह नामधारी” ने माइनिंग का एक बड़ा काम इसे दिलवाया था। तब यह ठेकेदारी का काम करता था. उसी कार्य के दौरान इस पाखंडी बाबा को ज्ञान की प्राप्ति हुई, ऐसा इसके रिश्तेदारों ने अफवाह फैलाई .
=> 1984 के दंगे के दौराज जब ये रांची में था, तो किसी तरह से ये अपनी जान बचाकर वहाँ से भागा था .
=> गोमो में निर्मल नरूला का साढ़ू भाई सरदार नरेन्द्र सिंह नारंग हैं। इनका विवाह भी दिलीप सिंह बग्गा की बड़ी बेटी के साथ हुआ था.
जाहिर है इस ढोंगी ने अपने राजनैतिक रिश्तों के चलते ही सभी विद्रोहियों को बढ़ने का मौका नहीं दिया……
टीवी पर अपना ढोंग दिखा-दिखा कर लोगों को अपने भगवान होने का अहसास करवाने वाले बाबा का खुद का कोई कारोबार नहीं है………!!
अब कुछ जानकारी बाबा के बारे में…..जो शायद आपको मालूम न हो…..!!
=> इस ढोंगी बाबा का ससुराल झारखंड में है और ये दस वर्ष से अधिक समय तक वहाँ गुजार चुका हैं।
=> ये झारखंड के सांसद इंदर सिंह नामधारी का साला हैं।
=> ढोंगी बाबा विवाह के बाद करीब 1974-75 के दौरान झारखंड में आया था और लाईम स्टोन का व्यवसाय शुरू किया। मगर उसमें सफल नहीं हुआ . इसके बाद गढ़वा में कपड़े का व्यवसाय शुरू किया, लेकिन वहां भी सफल नहीं हो सका .
=> एक वक्त ऐसा भी था कि ये निर्मल बाबा काफी परेशानियों से जूझ रहा था . तब बिहार में मंत्री रहे “इंदर सिंह नामधारी” ने माइनिंग का एक बड़ा काम इसे दिलवाया था। तब यह ठेकेदारी का काम करता था. उसी कार्य के दौरान इस पाखंडी बाबा को ज्ञान की प्राप्ति हुई, ऐसा इसके रिश्तेदारों ने अफवाह फैलाई .
=> 1984 के दंगे के दौराज जब ये रांची में था, तो किसी तरह से ये अपनी जान बचाकर वहाँ से भागा था .
=> गोमो में निर्मल नरूला का साढ़ू भाई सरदार नरेन्द्र सिंह नारंग हैं। इनका विवाह भी दिलीप सिंह बग्गा की बड़ी बेटी के साथ हुआ था.
जाहिर है इस ढोंगी ने अपने राजनैतिक रिश्तों के चलते ही सभी विद्रोहियों को बढ़ने का मौका नहीं दिया……
टीवी पर अपना ढोंग दिखा-दिखा कर लोगों को अपने भगवान होने का अहसास करवाने वाले बाबा का खुद का कोई कारोबार नहीं है………!!
मीडिया दरबार ने जब निर्मल बाबा को मेल भेज कर इस बारे में जानकारी चाही तो ऑटोमेटेड रिप्लाइ के जरिए उनका अकाउंट नंबर आ गया और बताया गया कि बाबा जी ने जनवरी से निजी मुलाकात बंद कर दी है।
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