बीबीसी इंटरनेट, रेडियो और टीवी के माध्यम से करोड़ों लोगों तक पहुंच रही है और बीबीसी की समाचार सेवाओं की पहुंच दुनिया भर में 24 करोड़ लोगों तक हो गई है। हालांकि शॉर्टवेव पर बीबीसी के श्रोताओं की संख्या में दो करोड़ की कमी आई है उसेक बावजूद बीबीसी को यह सफलता हासिल हुई है। मुख्यतः भारत और बांग्लादेश में शॉर्टवेव पर बीबीसी रेडियो प्रसारण सुनने वालों की संख्या में कमी आई है। ये आंकड़े ऐसे समय जारी हुए हैं, जब विदेश मंत्रालय के साथ अगले तीन वर्षों के लिए बीबीसी वर्ल्ड सर्विस को दिए जाने वाले अनुदान के बारे में चर्चा शुरू होने वाली है।शॉर्ट वेव ध्वनि तरंगें लंबे समय से बीबीसी वर्ल्ड सर्विस के लिए प्रसारण का मुख्य माध्यम रही हैं, लेकिन शॉर्ट वेब पर रेडियो सुनने वाले लोगों की तादाद में लगातार गिरावट आ रही है, यही वजह है कि बीबीसी वर्ल्ड सर्विस भी समाचारों के प्रसारण के लिए एफ़एम रेडियो, इंटरनेट और टीवी का इस्तेमाल कर रही है। नए माध्यमों के जरिए बीबीसी के श्रोताओं और दर्शकों की संख्या बढ़ रही है। इस समय हर सप्ताह बीबीसी वर्ल्ड सर्विस लगभग 18 करोड़ लोगों तक पहुंचती है जिसमें अरबी-फ़ारसी टीवी और वेबसाइटों पर आने वाले लोगों की संख्या भी शामिल है। गौरतसब है कि बीबीसी वर्ल्ड सर्विस रेडियो, ऑनलाइन और अरबी फ़ारसी टीवी के लिए ब्रिटेन सरकार पैसे देती है, जबकि बीबीसी वर्ल्ड न्यूज टेलीविज़न और बीबीसी डॉट कॉम व्यावसायिक स्तर पर चलते हैं।वर्ल्ड टीवी और बीबीसी डॉट कॉम लगभग साढ़े आठ करोड़ लोगों तक पहुंचता है। बीबीसी ग्लोबल न्यूज़ के निदेशक पीटर हॉरॉक्स का कहना है कि शॉर्ट वेब के श्रोताओं की संख्या में गिरावट के बावजूद ग्लोबल न्यूज़ की पहुँच बढ़ी है, जिसकी वजह मल्टीमीडिया योजना की सफलता है।
साभार -समाचार ४ मीडिया .कॉम
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