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Nandita Mahtani hosts a birthday party for Tusshar Kapoor

http://www.sakshatkar.com/2017/11/nandita-mahtani-hosts-birthday-party.html

डरा कर रजामंदी से संबंध बनाना भी रेप


नई दिल्ली . सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि किसी व्यक्ति को दुष्कर्म के दंड से बचने के लिए रजामंदी से संबंध बनाने की दलील नहीं देनी चाहिए। यदि भय के कारण पीड़ित रजामंद रही, तो भी मुजरिम को दुष्कर्म के लिए दंडित किया जा सकता है।
यह मामला 17 वर्ष पुराना है और हरियाणा के कुरुक्षेत्र से संबंधित है। इसमें पंचायत ने मुजरिम सतपाल सिंह पर 1100 रुपए का जुर्माना लगाया था। साथ ही पीड़ित और उसके परिवार पर दबाव डाला कि वह मुजरिम के खिलाफ रिपोर्ट नहीं लिखाए। इस दौरान पीड़ित तथा उसका परिवार खुद को सभी लिहाज से आहत और अपमानित महसूस करता रहा।
दुष्कर्म के चार महीने बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और सतपाल को गिरफ्तार किया। सेशन कोर्ट ने सतपाल को सात वर्ष की जबकि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पांच वर्ष की सजा सुनाई थी। सतपाल की दलील थी कि इस मामले में पीड़ित रजामंद थी और उसे जबरन फंसाया गया है।
जस्टिस पी सतशिवम तथा बीएस चौहान की बेंच ने सतपाल की याचिका खारिज कर दी। उसने यह तर्क नहीं माना कि सतपाल ने पीड़ित से रजामंदी ली थी। बेंच ने कहा कि ऐसे मामले में (सजा दिलाने के लिए) बल प्रयोग या इसकी धमकी पर्याप्त है। बेंच ने यह भी कहा कि ऐसे पर्याप्त सबूत हैं जो बताते हैं कि पंचायत ने सतपाल द्वारा दुष्कर्म करने के फौरन बाद दखल दिया।
इसने पीड़ित पर दबाव डाला कि वह मामला अदालत के बाहर निपटाए। बेंच के मुताबिक, दुष्कर्म के मामले में पीड़ित को अपने भविष्य की चिंता रहती है। फिर परिवार को अपने तथा पीड़ित के सम्मान के बारे में सोचना पड़ता है। ऐसे में परिजनों को विचार करना होता है कि वे मामला कोर्ट में ले जाएं या नहीं।
साभार - भास्कर.कॉम

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