पत्रकारों को पीटने वालों को निलंबित करो : नागपुर : महंगाई के विरोध में भारत बंद के दौरान नागपुर के वेरायटी चौक पर कवरेज के लिए गए मीडियाकर्मियों पर किये लाठी चार्ज का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। दोषी पुलिसकर्मियों तथा अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे नागपुर श्रमिक पत्रकार संघ ने बुधवार शाम तक का समय दिया है। इसको लेकर नागपुर श्रमिक पत्रकार संघ की एक बैठक तिलक पत्रकार भवन में हुई। इस बीच मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने घटना की रिपोर्ट लाने के लिए मीडिया समिति के वरिष्ठ पत्रकार प्रफुल्ल मारपकवार को नागपुर भेजा है। मंगलवार को पत्रकार भवन में वे भी उपस्थित थे।मारपकवार ने पत्रकारों को बताया कि वे पुलिस आयुक्त प्रवीण दीक्षित से भी मिले और सारी जानकारी ली। वे इस रिपोर्ट को बुधवार को मुख्यमंत्री तथा गृहमंत्री को सौप देंगे। इससे पहले महाराष्ट्र पत्रकार संघ के अध्यक्ष यदू जोशी ने बताया कि वे पुलिसायुक्त से मिले और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की तो पुलिसायुक्त ने कहा कि प्रेस पर लाठी चार्ज नहीं, सिर्फ धक्का मुक्की हुई। शिरीष बोरकर ने बताया अनेक अखबारों में लाठी चार्ज संबंधित खबर के साथ जो फोटो प्रकाशित हुई हे, उसमें दुय्यम निरीक्षक अनिल पंडागड़े, सहायक पुलिस निरीक्षक ए.आर. बिरवे साफ दिखाई दे रहे हैं। जबकि हेड कांस्टेबल और सिपाहियों की पहचान की जा रही है।
प्रेसकर्मियों पर लाठी चार्ज के विरोध में में बुधवार को नागपुर के सभी पत्रकारों से काले फीते लगाकर काम करने की अपील की गई है। 7 जुलाई को दोपहर 12 से 1 बजे तक विभागीय आयुक्त कार्यालय के सामने दोषी अधिकारियों को निलंबित करने की मांग को लेकर नागपुर के पत्रकार धरना पद्रर्शन करेंगे। बोरकर ने कहा कि पुलिसाआयुक्त दोषी पुलिस अधिकारियों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन हम शांत नहीं बैठेंगे। देने के बाद भी यदि कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।उन्होंने शहर के सभी पत्रकारों एवं अखबारों की श्रमिक संगठनाओं से 7 जुलाई को होने वाले धरना आंदोलन में शामिल होने की अपील की है।भगाए गए पुलिसकर्मी : नागपुर श्रमिक पत्रकार संघ की बिल्डिंग में पत्रकारों की बैठक बुलाई गई थी। बैठक की जानकारी सभी पत्रकारों तक पहुंचाने के अलावा सूचना फलक में भी इसकी सूचना भी लगाई गई थी। शाम 6 बजे होने वाली इस बैठक के चलते पत्रपरिषद में व्यस्त पत्रकार थोड़ा विलंब से सभागृह में पहुंचे। मुख्यमंत्री द्वारा रिपोर्ट लेने के लिए मुंबई से भेजे गए वरिष्ठ पत्रकार मारपतवार पत्रकारों के सवालों के जबाब दे रहे थे कि एक पत्रकार ने बताया पीछे कुछ पुलिसकर्मी बैठे हुए हैं, उन्हें बाहर निकाला जाए। यह सुनकर मारपतवार भी अचंभित रह गए । संघ के अध्यक्ष शिरीष बोरकर ने पुलिस कर्मियों से सभागृह से बाहर जाने का निवेदन करते हुए कहा कि यह बैठक सिर्फ पत्रकारों के लिए है, जिसकी खुफिया जानकारी न ले। इनका सुनते ही सादे कपड़ों में आए दो पुलिसकर्मी चुपचाप बाहर चले गए।
नागपुर से पत्रकार संजय कुमार की रिपोर्ट
प्रेसकर्मियों पर लाठी चार्ज के विरोध में में बुधवार को नागपुर के सभी पत्रकारों से काले फीते लगाकर काम करने की अपील की गई है। 7 जुलाई को दोपहर 12 से 1 बजे तक विभागीय आयुक्त कार्यालय के सामने दोषी अधिकारियों को निलंबित करने की मांग को लेकर नागपुर के पत्रकार धरना पद्रर्शन करेंगे। बोरकर ने कहा कि पुलिसाआयुक्त दोषी पुलिस अधिकारियों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन हम शांत नहीं बैठेंगे। देने के बाद भी यदि कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।उन्होंने शहर के सभी पत्रकारों एवं अखबारों की श्रमिक संगठनाओं से 7 जुलाई को होने वाले धरना आंदोलन में शामिल होने की अपील की है।भगाए गए पुलिसकर्मी : नागपुर श्रमिक पत्रकार संघ की बिल्डिंग में पत्रकारों की बैठक बुलाई गई थी। बैठक की जानकारी सभी पत्रकारों तक पहुंचाने के अलावा सूचना फलक में भी इसकी सूचना भी लगाई गई थी। शाम 6 बजे होने वाली इस बैठक के चलते पत्रपरिषद में व्यस्त पत्रकार थोड़ा विलंब से सभागृह में पहुंचे। मुख्यमंत्री द्वारा रिपोर्ट लेने के लिए मुंबई से भेजे गए वरिष्ठ पत्रकार मारपतवार पत्रकारों के सवालों के जबाब दे रहे थे कि एक पत्रकार ने बताया पीछे कुछ पुलिसकर्मी बैठे हुए हैं, उन्हें बाहर निकाला जाए। यह सुनकर मारपतवार भी अचंभित रह गए । संघ के अध्यक्ष शिरीष बोरकर ने पुलिस कर्मियों से सभागृह से बाहर जाने का निवेदन करते हुए कहा कि यह बैठक सिर्फ पत्रकारों के लिए है, जिसकी खुफिया जानकारी न ले। इनका सुनते ही सादे कपड़ों में आए दो पुलिसकर्मी चुपचाप बाहर चले गए।
नागपुर से पत्रकार संजय कुमार की रिपोर्ट
साभार- भड़ास ४ मीडिया .कॉम
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