पुलिस और नक्सली, दोनों अब मीडिया पर शिकंजा कसने में लगे हैं. इसकी बानगी छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में औड़ाई में हुई नक्सली घटना के बाद देखने को मिली. वहां मीडियाकर्मियों को जाने से रोक दिया. एक तरफ तो नक्सलियों का तालिबानी चेहरा साफ नजर आ रहा है दूसरी ओर पुलिस ने भी मीडियाकर्मियों को रोक कर अपने अलोकतांत्रिक चेहरे का दर्शन कराया है.नक्सलियों ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 27 जवानों को घेरकर गोली मारी. उनके शवों पर जमकर गोलियां बरसाईं. बेरहमी से तीन जवानों के गले काट दिए. दो जवानों के चहरे क्रूरता से कुचल डाले. इस घटना के चंद घंटों के बाद जैसे-तैसे छत्तीसगढ़ के कुछ पत्रकार तो घटनास्थल पर पहुंच गए लेकिन जैसे ही इस इलाके की ओर दुनिया भर के पत्रकारों का सैलाब उमड़ने लगा, वैसे ही प्रशासन ने मीडिया की इंट्री पर रोक लगा दी.नक्सली पिछले 5 साल से हर 2 दिन में औसतन 3 लोगों को मौत की नींद सुलाते रहे हैं. 2005 से अब तक माओवादी करीब 2,670 लोगों को मार चुके हैं, जिनमें करीब 1,680 नागरिक और 990 सुरक्षा बलों के जवान हैं. यह आकड़ा पूरे देश का है. लेकिन छत्तीसगढ़ में इन सालों में सबसे अधिक वारदातें हुई हैं. कोई दिन नहीं गुजरता जिस दिन छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने किसी वारदात को अंजाम न दिया हो. ऐसे में छत्तीसगढ़ पुलिस इन इलाकों में मीडिया को रोककर क्या दर्शाना चाहती है.
नक्सली कभी सीआरपीएफ के जवानों को निशाना बना रहे हैं. तो कभी मुखबिरी की शक में की जा रही है ग्रामीणों की हत्या. नक्सली दरिंदगी पर उतारू हो गए हैं. हत्या करने के बाद लाश के साथ अमानवीय व्यवहार उनके द्वारा किया जा रहा है. छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में नक्सली हमले में मारे गए जवानों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से नक्सलियों की दरिंदगी के सबूत भी मिले हैं. एक के बाद एक हो रहे नक्सली हमलों ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार के दावों की पोल खोलकर रख दी है. इन दावों को जमकर बखिया उधेड़ी मीडिया ने. ऐसे में मीडिया पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस ने मीडियाकर्मियों की आवाजाही पर रोक लगा दी है.
लेखक आर।के. गांधी, साधना न्यूज एमपी-सीजी न्यूज चैनल में बतौर रिपोर्टर कार्यरत हैं.
नक्सली कभी सीआरपीएफ के जवानों को निशाना बना रहे हैं. तो कभी मुखबिरी की शक में की जा रही है ग्रामीणों की हत्या. नक्सली दरिंदगी पर उतारू हो गए हैं. हत्या करने के बाद लाश के साथ अमानवीय व्यवहार उनके द्वारा किया जा रहा है. छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में नक्सली हमले में मारे गए जवानों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से नक्सलियों की दरिंदगी के सबूत भी मिले हैं. एक के बाद एक हो रहे नक्सली हमलों ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार के दावों की पोल खोलकर रख दी है. इन दावों को जमकर बखिया उधेड़ी मीडिया ने. ऐसे में मीडिया पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस ने मीडियाकर्मियों की आवाजाही पर रोक लगा दी है.
लेखक आर।के. गांधी, साधना न्यूज एमपी-सीजी न्यूज चैनल में बतौर रिपोर्टर कार्यरत हैं.
साभार- भड़ास ४ मीडिया
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