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Nandita Mahtani hosts a birthday party for Tusshar Kapoor

http://www.sakshatkar.com/2017/11/nandita-mahtani-hosts-birthday-party.html

आवेश में नोंकझोंक पर तलाक नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि तकरार की छोटी-मोटी घटनाओं या क्षणिक आवेश में पति या पत्नी की ओर से दिए गए बयान को आधार बनाकर तलाक को मंजूरी नहीं दी जा सकती, क्योंकि यह ‘कू्ररता’ नहीं है। जस्टिस पी. सदाशिवम और जस्टिस बीएस चौहान की पीठ ने कहा कि कू्ररता के आधार पर ही तलाक मंजूर की जा सकती है। लेकिन इसके लिए यह स्थापित होना जरूरी है कि पति या पत्नी में से किसी एक की ओर से लगातार ऐसा बर्ताव किया जा रहा है, जिसे सही नहीं ठहराया जा सकता और जिससे दूसरे की शारीरिक और मानसिक सेहत पर असर पड़ रहा है। इसमें दूसरे की इच्छा के खिलाफ की जा रही यौन संबंधी मांग भी शामिल है।‘कू्ररता’ के आधार पर तलाक चाह रहे थेजस्टिस सदाशिवम ने फैसला लिखते हुए कहा कि क्षणिक आवेश में आकर दिए गए बयान और बड़ों के बर्ताव पर नाराजगी जाहिर करने को कू्ररता नहीं माना जा सकता। छोटी-मोटी नोंक-झोंक और वैवाहिक जीवन में दिन-प्रतिदिन की जिंदगी में जो कुछ होता है वह कू्ररता के आधार पर तलाक को मंजूरी देने की पर्याप्त वजह नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने अमृतसर के सिरहली स्थित आईटीआई के प्रधानाचार्य गुरबक्श सिंह की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया। गुरबक्श जिले के ही वर्का इलाके में एक सरकारी संस्थान में लाइब्रेरियन के तौर पर कार्यरत अपनी पत्नी से ‘कू्ररता’ के आधार पर तलाक चाह रहे थे। रिश्तेदारों के सामने गालियां दीजस्टिस सदाशिवम ने कहा कि यह सच है कि हिंसा की एक भी घटना, जो गंभीर और माफी के लायक न हो, कू्ररता के मानकों पर खरी उतरती है। पति या पत्नी में से किसी एक की ओर से भी दूसरे की इच्छा के विरुद्ध लगातार की जा रही यौन संबंधी मांग कू्ररता हो सकती है बशर्ते इससे दूसरे को जख्म पहुंचे। आवेदक की ओर से ऐसी शिकायत नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि पति ने हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 13 के तहत इस आधार पर तलाक मांगा था कि उसकी पत्नी ने उसके बुजुर्ग माता-पिता को लोहरी पर्व के दौरान अपमानित किया और दोस्तों एवं रिश्तेदारों के सामने उन्हें गालियां दी।एजेंसी

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