सरकार ने अंधविश्वास फैलाने वाले कार्यक्रमों का प्रसारण करने पर इस वर्ष एक टीवी चैनल का नोटिस जारी किया है. जबकि पिछले वर्ष सरकार की तरफ से ऐसे कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले तीन टीवी चैनलों को नोटिस जारी किया गया था. सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री सीएम जातुया ने राज्यसभा में जानकारी दी कि इस वर्ष पिछले जन्म का राज नामक रिऐलिटी शो का प्रसारण करने वाले एनडीटीवी इमैजिन को तीन फरवरी को नोटिस जारी किया गया था. नोटिस के बाद सरकार ने जांच में आया कि इस कार्यक्रम के चलते निर्धारित आचार संहिता का कोई उल्लंघन नही हो रहा है. लिहाजा इस पर आगे कोई कार्रवाई नहीं की गई.
उन्होंने जानकारी दी कि वर्ष 2009 में एक कार्यक्रम के प्रसारण पर स्टार विजय टीवी चैनल को सरकार की तरफ से नोटिस दिया गया था. इस कार्यक्रम की जांच की गई और पाया गया कि कार्यक्रम संहिता का उल्लंघन नहीं कर रहा है. जातुया ने बताया कि पिछले साल ही एक धारावाहिक के प्रसारण के लिए नाइन एक्स चैनल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. उसके बाद उसे एक चेतावनी भी जारी की गई. 'श्...श कोई है' नाम के सीरियल के प्रसारण के लिए पिछले साल कलर्स चैनल को नोटिस दिया गया, फिर उसके बाद उसे चेतावनी भी जारी की गई.
विप्लव ठाकुर के प्रश्न के लिखित उत्तर में जातुया ने बताया कि मौजूदा केबल टीवी नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम 1995 और उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों के अनुसार, सैटेलाइट टीवी चैनलों पर प्रसारित कार्यक्रमों की पूर्व सेंसरशिप नहीं है. उन्होंने बताया कि सरकार ने कार्यक्रम एवं विज्ञापन संहिताओं के उल्लंघन के संबंध में निजी टीवी चैनलों की विषय वस्तु की निगरानी के लिए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मॉनीटरिंग केंद्र (ईएमएमसी) की भी स्थापना की है. जहां कार्यक्रमों की निगरानी की जाती है तथा जरूरत पड़ने पर आवश्यक निर्देश जारी किए जाते हैं.
उन्होंने जानकारी दी कि वर्ष 2009 में एक कार्यक्रम के प्रसारण पर स्टार विजय टीवी चैनल को सरकार की तरफ से नोटिस दिया गया था. इस कार्यक्रम की जांच की गई और पाया गया कि कार्यक्रम संहिता का उल्लंघन नहीं कर रहा है. जातुया ने बताया कि पिछले साल ही एक धारावाहिक के प्रसारण के लिए नाइन एक्स चैनल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. उसके बाद उसे एक चेतावनी भी जारी की गई. 'श्...श कोई है' नाम के सीरियल के प्रसारण के लिए पिछले साल कलर्स चैनल को नोटिस दिया गया, फिर उसके बाद उसे चेतावनी भी जारी की गई.
विप्लव ठाकुर के प्रश्न के लिखित उत्तर में जातुया ने बताया कि मौजूदा केबल टीवी नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम 1995 और उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों के अनुसार, सैटेलाइट टीवी चैनलों पर प्रसारित कार्यक्रमों की पूर्व सेंसरशिप नहीं है. उन्होंने बताया कि सरकार ने कार्यक्रम एवं विज्ञापन संहिताओं के उल्लंघन के संबंध में निजी टीवी चैनलों की विषय वस्तु की निगरानी के लिए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मॉनीटरिंग केंद्र (ईएमएमसी) की भी स्थापना की है. जहां कार्यक्रमों की निगरानी की जाती है तथा जरूरत पड़ने पर आवश्यक निर्देश जारी किए जाते हैं.
Sabhaar : bhadas4media.com
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