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Nandita Mahtani hosts a birthday party for Tusshar Kapoor

http://www.sakshatkar.com/2017/11/nandita-mahtani-hosts-birthday-party.html

प्रभु चावला की कमी किसे अखरेगी?



अलोक तोमर
आखिरकार इंडिया टुडे समूह ने प्रभु चावला से प्रिंट छुड़ा ही दिया। साठ साल की उम्र में जब लोग रिटायर होते हैं, प्रभु चावला एक बार फिर इंडियन एक्सप्रेस की नौकरी करने चल दिए। इंडियन एक्सप्रेस का विचित्र तथ्य यह है कि इसके दो हिस्से हैं। एक मूल इंडियन एक्सप्रेस जो उत्तर और पश्चिम भारत से निकलता हैं और दूसरा न्यू इंडियन एक्सप्रेस जो बंटवारे के बाद दक्षिण भारतीय प्रदेशों से चलता है। यह संयोग भी हो सकता है कि इस इंडियन एक्सप्रेस के ताकतवर संपादक शेखर गुप्ता एनडीटीवी के सबसे लोकप्रिय कार्यक्रम के संचालक हैं और प्रभु चावला को विस्थापित करने के पीछे उन एम जे अकबर का नाम लिया जाता है, जिन्होंने अपने अखबार संडे गार्जियन में एनडीटीवी की आर्थिक अनियमितताओं की खाट खड़ी की हैं और अब मुकदमा झेल रही है। इसके अलावा इन तीनों अखबारी हस्तियों में प्रभु चावला का सीधी बात शो जो टीवी पर आता है वह काफी टेढ़ा और हास्यास्पद है।


हालांकि प्रभु चावला अपने बेटे को तो बचा लिए मगर इंडिया टुडे के मालिक और संस्थान की प्रतिष्ठा का पूरा ध्यान रखने वाले अरुण पुरी ने खुद पापा चावला की दलाली को नहीं बख्शा। दलाली भी सुपर दलाल नीरा राडिया के साथ मिल कर की गई थी और बेचारे प्रभु को अंग्रेजी नहीं आती इसलिए उन्होंने अपनी इस दलाली की जो सफाई सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत की, वह भी किसी के गले नहीं उतरी। नीरा राडिया के बहाने दी गई सफाई में प्रभु चावला का कहना था कि वे इतने महान और विद्वान हैं कि नीरा राडिया उनसे राय ले रही थी और वे राय दे रहे थे। मगर इसका गलत अर्थ लगा लिया गया।

जिन्होंने प्रभु चावला और नीरा राडिया के वे टेप सुने हैं उनका कहना है कि प्रभु चावला इस बातचीत में दलाली करने के लिए कातर और आतुर दोनों नजर आते हैं। खास तौर पर अनिल अंबानी के दरबार में अपने बेटे को जगह नहीं मिलने से वे आहत थे और अपनी दलाली मुकेश और अनिल दोनों की जगह मंजूर नहीं होने से बेचैन थे।

अपनी प्रचंड प्रतिभाहीनता के बावजूद अरुण पुरी ने अगर प्रभु चावला को इंडिया टुडे में दो-दो बार रखा तो कोई न कोई प्रतिभा जरूर होगी। इसे जुगाड़ प्रतिभा कहते हैं और इसके लिए सबसे अनिवार्य गुण बेशर्मी होती है। वैसे वे इंडियन एक्सप्रेस में संपादक कैसे रहे इसकी कहानी आप पढ़ चुके हैं लेकिन सिर्फ याद दिलाने के लिए, उन्होंने एक जाने माने और दो टुक पत्रकार से इंडियन एक्सप्रेस के संपादक बनने जा रहे एच के दुआ के खिलाफ कुछ तकनीकी दस्तावेज हासिल कर लिए थे। उन्हीं की दम पर दुआ साब भी रहे और चावला भी।

बहुत जल्दी ही वे इंडिया टुडे में वापस लौट गए। आउटल लुक पत्रिका ने जो 800 टेप और निकाले हैं उनमें अभी कई जगह वीर सांघवी और प्रभु चावला के अलावा बरखा दत्त भी हैं। वीर सांघवी को तो शोभना भरतिया ने किनारे लगा दिया और प्रभु चावला तो अब ठिकाने ही लग चुके हैं, मगर बेचारे प्रणय रॉय की समझ में नहीं आ रहा है कि वे पहले अपने आपको बचाए या सरकार में मंत्री तक बनाने का दम रखने वाली अपनी लाडली बरखा दत्त को? यह बात अलग है कि बरखा दत्त भी प्रभु चावला की तरह लेकिन उनसे बेहतर भाषा में कह चुकी हैं कि वे तो नीरा राडिया को बेवकूफ बना रही थी। यह बात अलग है कि जो नया टेप सामने आया हैं उसमे नीरा राडिया ने कांग्रेस का रुख बदलने का पूरा श्रेय मनीष तिवारी के बयान के आधार पर बरखा को ही दिया है और बरखा इस शहर से अब दूर भाग रही हैं।

जहां तक प्रभु चावला की बात हैं तो उनके इंडिया टुडे और आज तक से हटने को बहुत लोग मिस नहीं करेंगे। सिवाय उन कुछ लोगों के जो उनका परम कॉमेडी शो सीधी बात देखते हैं और डॉली बिंद्रा इंटरव्यू देख कर धन्य हो जाते हैं और खली और प्रभु चावला का इंटरव्यू सुनते वक्त तुलना करते रहते हैं कि कौन ज्यादा साफ बोल रहा है? अभी तो ये नौकरियों की बात हो रही है जब इन सबको बुलाई थी और ठिकाना लगाएंगी तब नजारा देखने वाला होगा।

लेखक आलोक तोमर जाने-माने पत्रकार हैं

1 comment:

  1. सीधी बात से पीछा छूट गया साथ ही एक घटिया पत्रकार से भी। बहुत ही आनन्‍द का विषय है। वैसे अब प्रभु चावला को बिग बॉस जैसे शो में जाना चाहिए और साथ में राखी सावंत जैसे लोग होने चाहिए। अच्‍छी जानकारी देने के लिए आपका आभार।

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