केपी कृष्णाउन्नी का कोच्चि में निधन : कार्तिक बरुआ ने मुंबई में ली अंतिम सांस : पीटीआई के वरिष्ठ पत्रकार के पी कृष्णाउन्नी का सुबह कोच्चि के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। उनके परिवार ने बताया कि 92 साल के कृष्णाउन्नी पिछले कुछ समय से बीमार थे। उनके परिवार में उनके पुत्र टाइम्स समूह में उपाध्यक्ष के अशोक कुमार और दो पुत्रियां हैं। उनकी पत्नी की मृत्यु पहले हो गई थी।
दिल्ली में उन्होंने लंबे समय तक राजनयिक बीट कवर की थी। कृष्णाउन्नी ने अपने पत्रकारीय जीवन की शुरूआत 1942 में कोलंबो में रायटर्स के साथ की और 1 फरवरी 1949 को पीटीआई की स्थापना के पहले दिन से उन्होंने संवाद समिति को अपनी सेवा दी। केपीके के नाम से मशहूर कृष्णाउन्नी ने पीटीआई से सेवानिवृत्ति के बाद एक दशक तक फ्रीलांसिंग की और प्रमुख अखबारों के लिए लिखा। अपने 37 सालों के पत्रकारीय अनुभव को उन्होंने ‘रिपोर्टिंग मेमोरीज’ में लिखा । (साभार : भाषा))
दूसरी तरफ, पीटीआई के पूर्व सहायक महाप्रबंधक और वरिष्ठ पत्रकार कार्तिक कुमार बरुआ का भी आज मुंबई के अस्पताल में निधन हो गया. 72 वर्षीय बरुआ काफी समय से दिल की बीमारी से पीडि़त थे. बताया जा रहा है कि उनको अंधेरी स्थित कोकिलाबेन अंबानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. कार्तिक बरुआ अपने पीछे एक पुत्र और दो पुत्रियां छोड़ गए हैं.
बरुआ ने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 1950 में प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के साथ की थी। वर्ष 2000 तक वे पीटीआई को अपनी सेवाएं देते रहे. रिपोर्टर के रुप में शुरुआत करने वाले कार्तिक बरुआ अपने मेहनत, लगन और कार्यशीलता के बल पर पीटीआई के सहायक महाप्रबंध पद तक पहुंचे. इसके अलावा वे पीटीआई के शिलांग और गुवाहाटी कार्यालयों में भी प्रबंधक के रूप में अपनी सेवाएं दी. वर्ष 1992 में क्षेत्रीय प्रबंधक के रूप में पीटीआई मुंबई में कार्यभार ग्रहण किया तथा सेवानिवृत्ति तक यहीं रहे. कार्तिक बरुआ मूल रूप से आसाम के निवासी थे.
दिल्ली में उन्होंने लंबे समय तक राजनयिक बीट कवर की थी। कृष्णाउन्नी ने अपने पत्रकारीय जीवन की शुरूआत 1942 में कोलंबो में रायटर्स के साथ की और 1 फरवरी 1949 को पीटीआई की स्थापना के पहले दिन से उन्होंने संवाद समिति को अपनी सेवा दी। केपीके के नाम से मशहूर कृष्णाउन्नी ने पीटीआई से सेवानिवृत्ति के बाद एक दशक तक फ्रीलांसिंग की और प्रमुख अखबारों के लिए लिखा। अपने 37 सालों के पत्रकारीय अनुभव को उन्होंने ‘रिपोर्टिंग मेमोरीज’ में लिखा । (साभार : भाषा))
दूसरी तरफ, पीटीआई के पूर्व सहायक महाप्रबंधक और वरिष्ठ पत्रकार कार्तिक कुमार बरुआ का भी आज मुंबई के अस्पताल में निधन हो गया. 72 वर्षीय बरुआ काफी समय से दिल की बीमारी से पीडि़त थे. बताया जा रहा है कि उनको अंधेरी स्थित कोकिलाबेन अंबानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. कार्तिक बरुआ अपने पीछे एक पुत्र और दो पुत्रियां छोड़ गए हैं.
बरुआ ने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 1950 में प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के साथ की थी। वर्ष 2000 तक वे पीटीआई को अपनी सेवाएं देते रहे. रिपोर्टर के रुप में शुरुआत करने वाले कार्तिक बरुआ अपने मेहनत, लगन और कार्यशीलता के बल पर पीटीआई के सहायक महाप्रबंध पद तक पहुंचे. इसके अलावा वे पीटीआई के शिलांग और गुवाहाटी कार्यालयों में भी प्रबंधक के रूप में अपनी सेवाएं दी. वर्ष 1992 में क्षेत्रीय प्रबंधक के रूप में पीटीआई मुंबई में कार्यभार ग्रहण किया तथा सेवानिवृत्ति तक यहीं रहे. कार्तिक बरुआ मूल रूप से आसाम के निवासी थे.
साभार - भड़ास ४ मीडिया .कॉम
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