Feature

Nandita Mahtani hosts a birthday party for Tusshar Kapoor

http://www.sakshatkar.com/2017/11/nandita-mahtani-hosts-birthday-party.html

आलोक तोमर का कैंसर फैला, बत्रा में भर्ती

देश के जाने-माने पत्रकार आलोक तोमर की तबीयत ज्यादा खराब हो गई है. गले और फेफड़ का कैंसर कीमीयोथिरेपी के बावजूद कम होने की बजाय बढ़ गया है. इस कारण डाक्टरों ने उन्हें एडमिट होकर लगातार पांच दिन तक कीमीयोथिरेपी कराने की सलाह दी है. इस कारण आलोक तोमर आजकल दिल्ली के साकेत स्थित बत्रा हास्पिटल में भर्ती हैं और आज उनके कीमीयोथिरेपी का पांचवां दिन है. डाक्टरों ने उनके शरीर का जब पूरा चेकअप कराया तो मालूम चला कि उन पर अब तक की गई कीमीयोथिरेपी का कोई असर नहीं हुआ है. कैंसर ने विस्तार ले लिया है. अब उनकी लगातार कीमीयोथिरेपी की जा रही है, जिसका आज पांचवां दिन है. लगातार कीमीयोथिरेपी का साइड इफेक्ट ये हुआ है कि उनका शरीर सूजकर दोगुना हो चुका है, शरीर बेहद काला नजर आने लगा है. सिर के बाल काफी गिर गए हैं.


बावजूद इसके यह जीवट पत्रकार मौत को मात देने का ऐलान करते हुए डेटलाइन इंडिया और सीएनईबी के काम को हास्पिटल से ही निपटा रहा है. आलोक तोमर से मिलने बत्रा हास्पिटल सीएनईबी के सीईओ और एडिटर इन चीफ अनुरंजन झा और भड़ास4मीडिया के संपादक यशवंत सिंह पहुंच. कई घंटे की बातचीत के दौरान जब आलोक तोमर के सामने प्रस्ताव रखा गया कि उनकी आर्थिक मदद के लिए एक कोष बनाया जाना चाहिए तो उन्होंने व्यंग्य में कहा कि रहने दो, इस देश में मदद कोष बनाने की परंपरा नहीं है, बाद में स्मृति कोष बना लेना. अपने समय और परिवेश के इस जांबाज पत्रकार ने लाखों रुपये इलाज पर खर्च होने के बावजूद किसी से मदद के लिए अभी तक मुंह नहीं खोला है.

आलोक तोमर की पत्नी सुप्रिया राय कहती हैं कि मना करने के बावजूद ये अस्पताल के बेड से ही कीमीयोथिरेपी के दौरान ही लैपटाप से डेटलाइन इंडिया और सीएनईबी के काम संचालित कर रहे हैं. सुप्रिया के मुताबिक यहां के डाक्टर भी इस बात से आश्चर्यचकित हैं कि पिछले दिनों जितनी भी कीमीयोथिरेपी की गई, उसका अब तक कोई असर नहीं हुआ है. आलोक तोमर को सीएनईबी के चीफ अनुरंजन झा ने आश्वस्त किया कि कंपनी उनकी पूरी आर्थिक मदद करेगी और इलाज के दौरान उनकी सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा. आलोक तोमर ने बातचीत में कहा कि उन्हें दुख है कि जिन लोगों को वे अपना मानते रहे हैं, उनमें से कई लोगों ने इस मौके पर एसएमएस भेज कर भी हालचाल लेने की कोशिश नहीं की.
Sabhaar : Bhadas4media.com

1 comment:

  1. आलोक जी का एक आलेख अभी-अभी पढ़ा था। उस पर टिप्‍पणी करने वक्‍त मैं पूछना चाह रही थी कि अब आपकी तबियत कैसी है। लेकिन सोचा कि आलेख लिख रहे हैं तो तबियत ठीक ही होगी। तभी दूसरी यह पोस्‍ट पढने को मिली। सच में ऐसे प्रखर प्रत्रकार के लिए चिंता है।

    ReplyDelete

Famous Post