नई दिल्ली. मुंबई हमलों को तीन साल पूरे हो रहे हैं। इन हमलों को लेकर एक अमेरिकी वेबसाइट ने सनसनीखेज खुलासे किए हैं। पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी ने अमेरिका के उस अनुरोध ठुकरा दिया था जिसके तहत लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी का मोबाइल फोन जब्त करने को कहा गया था। लखवी रावलपिंडी की अदियाला जेल के भीतर से ही मोबाइल फोन के जरिये अपने आतंकी गुट के ऑपरेशन को संचालित करता था लेकिन पाकिस्तान अधिकारियों ने इसे अपने कब्जे में लेने की जहमत नहीं उठाई।
जनरल कयानी से मिले एक अमेरिकी अधिकारी ने इस बात पर गहरी चिंता जताई कि मुंबई हमलों के आरोप में गिरफ्तार लखवी पुलिस हिरासत में रहते हुए भी लश्कर का ऑपरेशन चलाता रहा। खोजी पत्रकारिता के लिए मशहूर अमेरिकी वेबसाइट ‘प्रोपब्लिका’ ने अमेरिकी सरकार के एक मेमो का हवाला देते हुए यह खबर दी है।
वेबसाइट के मुताबिक, ‘जनरल कयानी ने कहा कि आईएसआई ने जेल अधिकारियों को लखवी के बाहरी दुनिया से संपर्क में रहने की पूरी सुविधा देने को कहा था। लेकिन पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष ने अमेरिकी अधिकारियों के इस अनुरोध को ठुकरा दिया कि लखवी का मोबाइल फोन ले लिया जाए।’ यह मेमो अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को भेजा गया था।
प्रोपब्लिका ने अमेरिकी अधिकारी के हवाले से कहा है, ‘लखवी अब भी लश्कर का सैन्य प्रमुख है। वह पुलिस हिरासत में है लेकिन उसे लश्कर कमांडर के पद से हटाया नहीं गया है।’ वेबसाइट की जांच के मुताबिक मुंबई हमलों में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का भी हाथ था। वेबसाइट ने पाकिस्तानी-अमेरिकी मूल के लश्कर आतंकी डेविड हेडली की इन हमलों में भूमिका पर भी रोशनी डाली है और सवाल उठाए हैं कि अमेरिका ने क्यों नहीं हेडली को पहले ही पकड़ लिया जिससे 26/11 जैसी घटना को रोका जा सकता था।
आईएसआई के लिए जासूसी करने वाले हेडली ने शिकागो की अदालत में सुनवाई के दौरान कबूल किया कि मुंबई हमलों में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की भी भूमिका रही थीं। हैरान करने वाली बात यह है कि हेडली अमेरिकी ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन के लिए मुखबिर का काम करता था। लेकिन अमेरिकी अदालत में सुनवाई के दौरान इस तथ्य को गंभीरता से नहीं लिया गया। हेडली को लेकर अमेरिकी एजेंसियों की चेतावनी को भी गंभीरता से नहीं लिया गया। यदि ऐसा किया गया होता तो मुंबई हमले को रोकने में मदद मिल सकती थी।
हेडली नशे का आदी था और वह ड्रग्स की तस्करी भी करता था। अमेरिकी अधिकारियों के लिए मुखबिरी करते हुए शुरुआती 16 महीने के दौरान हेडली ने पाकिस्तान के हेराइन तस्करी के नेटवर्क में घुसपैठ की। हेडली की मदद से पांच तस्कर गिरफ्तार किए गए और ढाई किलो हेरोइन जब्त भी की गई।
Sabhar:- Bhaskar.com
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