"जब इमरान हाशमी और तुषार कपूर आई-नेक्स्ट, पटना के आफिस पहुंचे" - खबर पढ़कर चौंक गया। खबर में ऐसा कोई कारण नहीं बताया गया है जिससे लगे कि ये दोनों कलाकार आई नेक्स्ट के बुलावे पर या अपनी ओर से सिर्फ आई-नेक्स्ट पर मेहरबानी दिखाने या तुषार कपूर का जन्म दिन मनाने मुंबई से पटना गए होंगे और शाम की फ्लाइट से फिर वापस भी हो गए। खबर ऐसे लिखी गई है जैसे इमरान हाशमी के साथ तुषार कपूर यूं ही लटक लिए हों।
आगे आपने लिख ही दिया है, "dirty'' फिल्म के इन दोनों सितारों ने एक तीर के साथ दो शिकार कर लिया। इधर एडिटर बन कर अपनी पब्लिसिटी बटोर ली और उधर अपनी फिल्म का प्रमोशन भी कर लिया। देर शाम की फ्लाईट से दोनों वापस लौट गए।"
गलती आपकी नहीं है, आपके पास विज्ञप्ति आई और आप जिस उदारता से खबरें प्रकाशित करते हैं, इसे भी कर दिया। पर यह मामला वैसे ही हो गया जैसे किसी दौड़ में तीसरा स्थान पाने वाले ने विज्ञप्ति भेजी उसे प्रमुखता मिल गई और पहले दूसरे स्थान पर कौन रहा उसका कोई पता ही नहीं है। और न यह पता चला कि प्रतियोगिता दरअसल थी क्या, किसने कराई आदि। आपको बताऊं कि दोनों कलाकार अपनी फिल्म डर्टी पिक्चर का प्रचार प्रसार करने ही पटना गए थे।
सिनेपोलिस (इसके बारे में आगे) की एक विज्ञप्ति के मुताबिक - डर्टी पिक्चर के कलाकारों को पटना वालों के करीब ले आया सिनेपोलिस। इसमें कहा गया था कि, "इमरान हाशमी और तुषार कपूर प्रेस कांफ्रेंस के लिए सिनेपोलिस पटना पहुंचे थे। और सिनेपोलिस फेसबुक कांटेस्ट जीतने वाले भाग्यशाली सिनेपैट को इन कलाकारों से चर्चा करने का दुर्लभ मौका भी मिला।''
पटना डेटलाइन से जारी 20 नवंबर की विज्ञप्ति में आगे कहा गया है, "पटना के पहले और एकमात्र मल्टीप्लेक्स सिनेपोलिस ने आज 2011 की बॉलीवुड की सबसे प्रतीक्षित फिल्म में से एक, दि डर्टी पिक्चर के प्रचार-प्रसार के लिए एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया। इसमें फिल्म के अग्रणी कलाकारों - तुषार कपूर और इमरान हाशमी ने हिस्सा लिया। प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करने और पटना वालों से मिलने के लिए ये दोनों कलाकार खासतौर से पटना आए थे। इससे पहले, सिनेपोलिस ने अपने फेसबुक पेज पर दि डर्टी पिक्चर कांटेस्ट का आयोजन भी किया था। इसके विजेताओं को इमरान और तुषार से मिलने तथा बातचीत करने का मौका मिला। इस मौके पर सिनेपोलिस इंडिया के प्रमुख, एक्जीबिशन श्री आशीष शुक्ला ने कहा, सिनेपोलिस में हमलोगों ने हमेशा ग्राहकों की खुशी को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है और अपने संरक्षकों के पसंदीदा कलाकारों को उनके करीब लाया है। हम सिनेपोलिस आने और इसकी तारीफ करने तथा अपने संरक्षकों से मिलने के लिए दि डर्टी पिक्चर के कलाकारों के आभारी हैं। पटना में हमारे लिए यह ऐसा अनुभव है जिसे भुलाया नहीं जा सकता है और हम इस फिल्म की सफलता की उम्मीद करते हैं। सिनेपोलिस पटना वालों के लिए मनोरंजन की नए सिरे से खोज करने के लिए प्रतिबद्ध है तथा यह शहर में और भी कई सितारों को लेकर आएगा। इस मौके पर दि डर्टी पिक्चर के मुख्य अभिनेता श्री इमरान हाशमी ने कहा, पटना में दि डर्टी पिक्चर के प्रति लोगों का यह उत्साह देखकर बेहद खुशी हो रही है और मुझे यकीन है कि सिनेपोलिस में फिल्म देखने के अपने बेजोड़ अनुभव के साथ उन्हें हमारी फिल्म पूरा मनोरंजन देगी। इस मौके पर मैं सिनेपोलिस को दुनिया भर में परिचालन के सफल 40 वर्ष पूर्ण होने पर धन्यवाद दूंगा।"
लगे हाथ पाठकों को बता दूं कि सिनेपोलिस इंडिया सिनेपोलिस की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायिका है और भारत में पहली अंतरराष्ट्रीय फिल्म एक्जीबिटर है। भारत में इसने अपने परिचालन की शुरुआत 2009 में अमृतसर में की थी। इसकी योजना 2016 तक 500 स्क्रीन शुरू करने की है। इंडिया रीटेल फोरम में सिनेपोलिस को 2010 का प्रतिष्ठावाला मोस्ट एडमायर्ड रीटेल लांच अवार्ड मिल चुका है। सिनेपोलिस दुनिया का चौथा सबसे बड़ा मूवी थिएटर सर्किट है जो 11 देशों में 2600 से ज्यादा स्क्रीन का परिचालन करता है तथा हर साल 10 करोड़ 50 लाख लोगों को अपनी सेवाएं मुहैया कराता है। कंपनी अपने स्क्रीन का परिचालन चार भिन्न ब्रांड के तहत करती है और इसका विस्तार अल्ट्रा प्रीमियम से एक्सट्रीम मूल्य वर्ग तक है। सिनेपोलिस दुनिया का पहला सिनेमा प्रदर्शक है जिसने अपने सिनेपोलिस वीआईपी ब्रांड के जरिए प्रीमियम और लक्जरी मूवी थिएटर की अवधारणा सबसे पहले पेश की थी। कंपनी अपने ग्राहकों को फिल्मी मनोरंजन का सर्वश्रेष्ठ अनुभव मुहैया कराना चाहती है और इस मिशन में सहायता के लिए दुनिया भर में इसके 15,000 कर्मचारी हैं। निजी स्वामित्व वाले सिनेपोलिस की स्थापना 1971 में हुई थी और इसका मुख्यालय मैक्सिको के मोरेलिया में है।
सिनेपोलिस अपने धंधे के लिए ही सही, इस तरह के आयोजन करता रहता है। इससे पहले अमृतसर डेटलाइन से जारी 20 अक्तूबर 2011 की एक विज्ञप्ति के मुताबिक मल्टीप्लेक्स की दुनिया की चौथी सबसे बड़ी श्रृंखला और भारत के पहले अंतरराष्ट्रीय फिल्म प्रदर्शक सिनेपोलिस ने अपने फेसबुक कांटेस्ट मीट एंड ग्रीट एसआरके के विजेता रघु शर्मा को बॉलीवुड के शहंशाह शाहरुख खान से मिलने के लिए आमंत्रित किया था। रघु शर्मा सिनेपोलिस अमृतसर में फिल्में देखने के शौकीन हैं और इनका चुनाव अमृतसर के उस भाग्यशाली विजेता के रूप में किया गया है और उन्हें बेंगलुरू में मेगा स्टार से मिलने का मौका और आने-जाने का पूरा खर्च मिला था।
सिनेपोलिस इस तरह के आयोजन करता रहता है, यह बताने के लिए एक और विज्ञप्ति का हवाला दूंगा। पटना डेटलाइन से 1 अक्तूबर 2011 की एक विज्ञप्ति के मुताबिक सिनेपोलिस ने बिहार में मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के लिए "जो डूबा सो पार - इट्स लव इन बिहार" की स्पेशल स्क्रीनिंग की। अभिनेता विजय पाठक, आनंद तिवारी और सीता ने भी सिनेपोलिस में विशेष स्क्रीनिंग में हिस्सा लिया।
इस मौके पर सिनपोलिस इंडिया के प्रमुख-एक्जीबिशन, श्री आशीष शुक्ल ने कहा, सिनेपोलिस को जो डूबा सो पार के कलाकारों को पटना बुलाकर खुशी है। बिहार में तैयार इस फिल्म को बिहार में ही देखना बहुत अच्छा है। पटना में पहला मल्टीप्लेक्स होने के नाते हमलोग और भी कलाकारों को अपने दर्शकों से मिलवाने के लिए प्रतिबद्ध है। हम सिनेपोलिस में आने और इसकी तारीफ करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और फिल्म 'जो डूबा सो पार' के कलाकारों के आभारी हैं कि वे हमारे दर्शकों से मिले और इसे उनके लिए एक यादगार अनुभव बना दिया। 'जो डूबा सो पार' को बिहार में ही तैयार किया गया है और एक प्रेम कहानी है जिसमें एक लड़के किशु (आनंद तिवारी) को अनिवासी भारतीय सपना (सीता) से प्रेम हो जाता है जो भारतीय संस्कृति पर अनुसंधान करने के लिए भारत आई हुई है। पर किशु जब इस रोमांस में आगे बढ़ना चाहता है तो स्थितियां बदलती हैं और जो कुछ होता है वही इस फिल्म की कहानी है।
लगे हाथ पाठकों को बता दूं कि सिनेपोलिस इंडिया सिनेपोलिस की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायिका है और भारत में पहली अंतरराष्ट्रीय फिल्म एक्जीबिटर है। भारत में इसने अपने परिचालन की शुरुआत 2009 में अमृतसर में की थी। इसकी योजना 2016 तक 500 स्क्रीन शुरू करने की है। इंडिया रीटेल फोरम में सिनेपोलिस को 2010 का प्रतिष्ठावाला मोस्ट एडमायर्ड रीटेल लांच अवार्ड मिल चुका है। सिनेपोलिस दुनिया का चौथा सबसे बड़ा मूवी थिएटर सर्किट है जो 11 देशों में 2600 से ज्यादा स्क्रीन का परिचालन करता है तथा हर साल 10 करोड़ 50 लाख लोगों को अपनी सेवाएं मुहैया कराता है। कंपनी अपने स्क्रीन का परिचालन चार भिन्न ब्रांड के तहत करती है और इसका विस्तार अल्ट्रा प्रीमियम से एक्सट्रीम मूल्य वर्ग तक है। सिनेपोलिस दुनिया का पहला सिनेमा प्रदर्शक है जिसने अपने सिनेपोलिस वीआईपी ब्रांड के जरिए प्रीमियम और लक्जरी मूवी थिएटर की अवधारणा सबसे पहले पेश की थी। कंपनी अपने ग्राहकों को फिल्मी मनोरंजन का सर्वश्रेष्ठ अनुभव मुहैया कराना चाहती है और इस मिशन में सहायता के लिए दुनिया भर में इसके 15,000 कर्मचारी हैं। निजी स्वामित्व वाले सिनेपोलिस की स्थापना 1971 में हुई थी और इसका मुख्यालय मैक्सिको के मोरेलिया में है।
सिनेपोलिस अपने धंधे के लिए ही सही, इस तरह के आयोजन करता रहता है। इससे पहले अमृतसर डेटलाइन से जारी 20 अक्तूबर 2011 की एक विज्ञप्ति के मुताबिक मल्टीप्लेक्स की दुनिया की चौथी सबसे बड़ी श्रृंखला और भारत के पहले अंतरराष्ट्रीय फिल्म प्रदर्शक सिनेपोलिस ने अपने फेसबुक कांटेस्ट मीट एंड ग्रीट एसआरके के विजेता रघु शर्मा को बॉलीवुड के शहंशाह शाहरुख खान से मिलने के लिए आमंत्रित किया था। रघु शर्मा सिनेपोलिस अमृतसर में फिल्में देखने के शौकीन हैं और इनका चुनाव अमृतसर के उस भाग्यशाली विजेता के रूप में किया गया है और उन्हें बेंगलुरू में मेगा स्टार से मिलने का मौका और आने-जाने का पूरा खर्च मिला था।
सिनेपोलिस इस तरह के आयोजन करता रहता है, यह बताने के लिए एक और विज्ञप्ति का हवाला दूंगा। पटना डेटलाइन से 1 अक्तूबर 2011 की एक विज्ञप्ति के मुताबिक सिनेपोलिस ने बिहार में मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के लिए "जो डूबा सो पार - इट्स लव इन बिहार" की स्पेशल स्क्रीनिंग की। अभिनेता विजय पाठक, आनंद तिवारी और सीता ने भी सिनेपोलिस में विशेष स्क्रीनिंग में हिस्सा लिया।
इस मौके पर सिनपोलिस इंडिया के प्रमुख-एक्जीबिशन, श्री आशीष शुक्ल ने कहा, सिनेपोलिस को जो डूबा सो पार के कलाकारों को पटना बुलाकर खुशी है। बिहार में तैयार इस फिल्म को बिहार में ही देखना बहुत अच्छा है। पटना में पहला मल्टीप्लेक्स होने के नाते हमलोग और भी कलाकारों को अपने दर्शकों से मिलवाने के लिए प्रतिबद्ध है। हम सिनेपोलिस में आने और इसकी तारीफ करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और फिल्म 'जो डूबा सो पार' के कलाकारों के आभारी हैं कि वे हमारे दर्शकों से मिले और इसे उनके लिए एक यादगार अनुभव बना दिया। 'जो डूबा सो पार' को बिहार में ही तैयार किया गया है और एक प्रेम कहानी है जिसमें एक लड़के किशु (आनंद तिवारी) को अनिवासी भारतीय सपना (सीता) से प्रेम हो जाता है जो भारतीय संस्कृति पर अनुसंधान करने के लिए भारत आई हुई है। पर किशु जब इस रोमांस में आगे बढ़ना चाहता है तो स्थितियां बदलती हैं और जो कुछ होता है वही इस फिल्म की कहानी है।
लेखक संजय कुमार सिंह लंबे समय तक हिंदी दैनिक जनसत्ता में वरिष्ठ पद पर कार्यरत रहे हैं. इन दिनों बतौर उद्यमी अनुवाद कंपनी का संचालन कर रहे हैं. उनसे संपर्क anuvaadmail@gmail.com के जरिए किया जा सकता है
Sabhar:- Bhadas4media.com
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