लंदन : लोकप्रिय सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक विवादों में घिर गई है। उस पर यूजर्स की निजी सूचना निकालने और उसे विज्ञापनदाताओं को बेचने का आरोप लगा है। ब्रिटिश अखबार द संडे टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, फेसबुक अपने यूजर्स के राजनीतिक विचार, लैंगिक पहचान, धार्मिक आस्थाएं और यहां तक कि उनका अता-पता भी जमा कर रही है। यूरोपीय आयोग इस मुद्दे पर फेसबुक केखिलाफ कार्रवाई की तैयारी में है।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि लोग चाहे अपनी प्राइवेसी सेटिंग कुछ भी रखें, फेसबुक अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर लोगों की सूचनाएं जमा कर, उसे विज्ञापनदाताओं को उपलब्ध करा रही है। इसके चलते यूरोपीय आयोग अगले साल जनवरी में नया दिशा-निर्देश जारी करने वाला है। इसमें इस तरह के विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान होगा। नियमों का पालन न करने पर फेसबुक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यूरोपीय आयोग के उपाध्यक्ष विविएन रीडिंग ने कहा कि वर्तमान यूरोपीय दस्तावेज संरक्षण कानून में संशोधन करके नए दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमने सेवा प्रदाताओं, खासकर सोशल मीडिया साइटों से कामकाज को लेकर पारदर्शिता बरतने को कहा है। यूजर्स को पता होना चाहिए कि आंकड़ों का संग्रह क्यों किया जा रहा है। इनका भविष्य में कहां इस्तेमाल होगा। हालांकि फेसबुक ने इन आरोपों से इंकार किया है। साभार : एजेंसी
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