लंदन : ब्रिटेन में हड़ताल करने वाले सरकारी कर्मचारियों को उनके परिजन के सामने खड़ा करके गोली मारने जैसी अजीबो-गरीब टिप्पणी करने वाले बीबीसी के प्रस्तोता जेरमी क्लार्कसन इस बार भारतीय संस्कृति का मजाक उड़ाकर नस्लीय भेदभाव के आरोपों से घिर गए हैं। डेली मेल में प्रकाशित खबर के मुताबिक क्लार्कसन ने बीबीसी पर क्रिसमस के मौके पर प्रसारित विशेष कार्यक्रम टॉप गियर में भारतीय रेल, शौचालयों, कपड़ों, भोजन और इतिहास का मजाक उड़ाया था।
इसे देखने के बाद दर्शक बहुत नाराज हैं। उनकी नाराजगी इसलिए भी अधिक है, क्योंकि हाल में ब्रिटेन में एक भारतीय छात्र अनुज बिदवे की हत्या कर दी गई थी। इस हत्या के ठीक दो दिन बाद यह कार्यक्रम प्रसारित किया गया है। अनुज की हत्या के पीछे पुलिस नस्लीय भेदभाव को कारण बता रही है। कार्यक्रम के दौरान इस विवादित प्रस्तोता ने भारत में गरीबों के बीच साफ-सफाई की खराब स्थिति को दर्शाने के लिए शौचालय युक्त जगुआर कार से झुग्गी-बस्ती का चक्कर लगाया।
बीबीसी की प्रवक्ता का कहना है कि बुधवार की शाम प्रसारित कार्यक्रम में भारत की छवि खराब करने वाले सामग्री के बारे में 23 शिकायतें आई हैं। उन्होंने कहा कि अगर दर्शक या धार्मिक संस्थाएं शिकायत करना चाहती हैं तो वह बीबीसी से शिकायत करें। हम मीडिया के माध्यम से प्रतिक्रिया नहीं देंगे। क्लार्कसन इसी महीने एक अन्य विवाद में भी फंसे थे जिसके बाद उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी। उन्होंने बीबीसी-1 पर अपने शो के दौरान कहा था कि हड़ताल कर रहे सार्वजनिक उपक्रम के कर्मचारियों को उनके परिवार के सामने खड़ा करके गोली मार देनी चाहिए।
रिपोर्ट में कहा गया कि कार्यक्रम के एक सीन में क्लार्कसन को दो गणमान्य भारतीयों को पैंट प्रेस करना सिखाने के लिए उनके सामने ही अपनी पैंट उतारते हुए दिखाया गया है। एक अन्य सीन में टॉप गियर की टीम ने रेल पर ब्रिटिश उद्योग का प्रचार करता हुआ बैनर लगा रखा है। उन बैनरों पर लिखा, ब्रिटिश आइटी आपकी कंपनी के लिए बेहतर है और इंग्लिश मफिन खाओ, लेकिन रेल डिब्बों के अलग होने पर यह संदेश अशलील संदेशों में बदल जाते हैं। साभार : एजेंसी
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