सिवान बिहार के रहने वाले मधुप श्रीवास्तव जो काफी दिनों से मिलने की कोशिश कर रहे थे कल मुझे टाइम मिला तो मधुप जी को बुला लिया उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश ---
आखिर जिन्दगी का मकसद क्या है ?
मेरा मकसद ही मुझे सिवान से डेल्ही और मुंबई ले आया है मै हिंदी - भोजपुरी फिल्मो में डिरेक्टर बनने के लिए आया हु |
बचपन से ही हिंदी - भोजपुरी फिल्मो में कुछ करने की चाहत ने मुझे मुंबई का रास्ता दिखा दिया है | मुंबई आने से पहले मैंने पाच साल तक सिवान में थियेटर किया था वह अनुभव मेरा काम कर रहा है अभी तो मेरी शुरुआत हु |
आपने कहा तक शिक्षा हासिल की है ?
मैंने मास मीडिया की पढ़ाई Nagaland university से की है आज कल भोजपुरी फिल्मो और हिंदी फिल्मो के लिए काम कर रहा हु बहुत सारे प्रोजेक्ट मिल रहे है |
क्या आपके परिवार में फिल्मो - मीडिया के लिए काम करता है |
मै शुक्रगुजार हु कुलदीप जी ( मीडिया क्लब ऑफ़ इंडिया डाट .कॉम ) का हु जिन्होंने मुझे मीडिया का मार्गदर्शन दिया | वह मेरे लिए सब कुछ है |
मेरा पिता एक कृषक है जो खेती करके काम चला रहे है मै अपने पिता का सपना पूरा करना चाहता हु |
मेरा शौक हिंदी और भोजपुरी फिल्मो के लिए लिखना , डिरेक्ट करना ही जीवन का पहला शौक है | अब शौक को मैंने अपनी जिन्दगी का हिस्सा बना लिया है |
यह साक्षात्कार सुशील गंगवार संपादक मीडिया दलाल डाट .कॉम ने लिया जो पिछले ११ वर्षो से प्रिंट मीडिया , वेब मीडिया , इलेक्ट्रोनिक मीडिया के लिए काम कर रहे |
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