थानेदार ने पन्द्रह हजार में निपटवाया मामला : हजारीबाग में बुधवार को चार मीडियाकर्मियों को अवैध वसूली के लिए जाना महंगा पड़ गया. सरकारी कर्मचारियों ने इन लोगों को मारपीट कर भगा दिया. इसमें एक की तो जमकर धुनाई हुई. बताया जा रहा है कि हजारीबाग के माइनर एरिगेशन विभाग में कशिश न्यूज के दीपक कुमार, हमार टीवी के अरविंद कुमार एवं महुआ टीवी के रामानंद पांडेय के साथ मोइन नाम का एक व्यक्ति गया हुआ था. ये लोग कर्मचारियों पर पैसा देने का दबाव बना रहे थे.
कर्मचारी पैसा देने को तैयार नहीं थे. इसी बीच मोइन से किसी कर्मचारी का विवाद हो गया. बताया जा रहा है कि मोइन का पत्रकारिता से कुछ लेना-देना नहीं है, कुछ समय तक वह 365 से जुड़े हुए थे, पर शिकायतों के बाद उन्हें निकाल दिया गया था. इस दौरान वे कहीं कार्यरत नहीं हैं. नाराज कर्मचारियों ने मोइन की जमकर धुनाई कर दी, साथ ही इन तीनों चैनलों के पत्रकारों को भी बीच-बचाव करने पर मारा-पीटा. मारपीट के बाद दोनों पक्ष थाने पहुंचे.
कर्मचारियों ने चारों लोगों के खिलाफ अवैध वसूली करने की शिकायत की तो पत्रकारों ने मारपीट तथा अपना कैमरा तोड़े जाने की शिकायत की, परन्तु थानाध्यक्ष आभास कुमार ने पत्रकारों से जुड़ा मामला देखते हुए कर्मचारियों पर ही दबाव बनाने लगे. उन्होंने कर्मचारियों को समझाया कि सरकारी कर्मचारी हो क्यों प्रेस वालों के चक्कर में पड़ते हो. केस हो गया तो नौकरी चली जाएगी, परेशानी होने लगेगी. कुछ पैसे ले-देकर मामला सलटा लो.
बताया जा रहा है कि थानेदार के दबाव बनाने पर सरकारी कर्मचारी भी मामले को आगे खींचने की बजाय पैसा देने को तैयार हो गए. कैमरा टूटने के नाम पर पंद्रह हजार रुपये की रकम फाइनल की गई. थानेदार ने कहा कि 15 लोग एक-एक हजार रुपये दे दो मामला सेटल हो जाएगा. बताया जा रहा है कि आज कर्मचारी इन लोगों को पैसा देने वाले हैं. इस संदर्भ में जब थानेदार आभास कुमार से बात की गई तो उन्होंने इस तरह की किसी घटना से इनकार कर दिया.
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