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Nandita Mahtani hosts a birthday party for Tusshar Kapoor

http://www.sakshatkar.com/2017/11/nandita-mahtani-hosts-birthday-party.html

बाबू सिंह कुशवाहा ने घूस लेकर ठेके बांटे थे!


लखनऊ: भ्रष्टाचार के आरोपी बीएसपी के जिस पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा को पार्टी में शामिल कर बीजेपी फंसी हुई है उन पर मरीजों की जान से खिलवाड़ का संगीन आरोप है. घोटाला राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ मिशन (एनएचआरएम) से जुड़ा हुआ है.
स्टार न्यूज ने कुशवाहा के खिलाफ एफआईआर की कॉपी देखी है, जिसमें उन पर घूस लेकर ठेके बांटने का आरोप है. आरोप है कि टेंडर निकलने से पहले पैसे लेकर ठेके तय हो जाते थे और स्वास्थ्य सेवा के लिए जरूरी जिन सामनों की सप्लाई होती थी वो घटिया क्वालिटी के होती थे. यही नहीं बाजार कीमत से पांच गुना ज्यादा कीमत देकर सामान खरीदे जाते थे. एनएचआरएम घोटाले में उत्तर प्रदेश के पूर्व परिवार कल्याण मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा को भी टेंडर दिलाने के बदले घूस मिली थी. यह खुलासा सीबीआई ने कुशवाहा के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर में किया है. सीबीआई की एफआईआर में और भी कई अहम खुलासे किए गए हैं.
सीबीआई ने एनएचआरएम घोटाला मामले में बाबू सिंह कुशवाहा समेत कुल 12 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और इसमें बाराबांकी मे तैनात कई अधिकारियों के नाम भी शामिल हैं. एफआईआर के मुताबिक प्रदेश के 134 अस्पतालों के आधुनिकीकरण के लिए जो टेंडर निकाले गए उनमें पहले ही तय कर लिया गया कि यह ठेका किसे दिया जाना है. एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि ऐसा बाबू सिंह कुशवाहा के कहने पर किया गया था.
इस ठेके के तहत कुल 27 तरह की चीजें निविदा लेने वाली कंपनी को देने थे. यह ठेका गाजियाबाद की सर्जिकोइन कंपनी को दिया गया, जबकि इस कंपनी ने जो रेट दिए थे वो आम बाजार के रेटों से चार-पांच गुना ज्यादा थे. एफआईआर में कहा गया है कि इस कंपनी ने जो सामान भेजा वो घटिया दर्जे का था. एफआईआर में साफ तौर पर कहा गया है कि सामान भेजे जाने के फर्जी दस्तावेज तैयार कर उन्हे सरकारी अधिकारियों के आगे पेश किया गया और बिना सामान भेजे ही लाखों रुपये अदा कर दिए गए. इस पूरे ठेके मे सरकार को 5.5 करोड रुपये का नुकसान हुआ.
एफआईआर के मुताबिक फर्जी बिलों के आधार पर सामान रमेश भाटिया नाम के एक शख्स ने भेजा था जो 'अंकुर गुडस एंड पार्सल ट्रांसपोर्ट' का मालिक बताया गया है. एफआईआर में बाबू सिंह कुशवाहा के बारे में साफ तौर पर लिखा है कि टेंडर दिए जाने के पीछे उनका प्रभाव था और जांच की जाने वाली औपचारिकताओं को भी नहीं निभाया गया था. यह टेंडर उत्तर प्रदेश जल निगम के महाप्रबंधक पीके जैन ने दिया था.
जैन को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है. छापेमारी के दौरान उसके पास से तीन किलो सोना और एक करोड 18 लाख रुपये नगद मिले थे. एफआईआर में साफ तौर पर लिखा गया है कि आरोपियों ने टेंडर लेने के बदले बाबू सिंह कुशवाहा से डील की, उन्हे पैसे दिए और सरकारी ठेका हासिल किया. एफआईआर में सीबीआई ने उस रकम का जिक्र नहीं किया है जो बाबू सिंह कुशवाहा को दी गई. साभार : न्‍यूज बुलेट

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