नई दिल्ली/लखनऊ. एनआरएचएम घोटाले में राजधानी दिल्ली और उत्तर प्रदेश भर में करीब 60 ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी चल रही है। सीबीआई ने इस घोटाले में पांच नई एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर में यूपी के पूर्व मंत्री और कुछ दिन पहले तक मुख्यमंत्री मायावती के करीबी रहे बाबू सिंह कुशवाहा का भी नाम है। कुशवाहा के लखनऊ, बांदा और दिल्ली स्थित घरों पर भी छापे मारे जा रहे हैं। मुरादाबाद में दवा व्यवसायी के घर, दफ्तर पर भी छापेमारी चल रही है।
पूर्व परिवार कल्याण मंत्री कुशवाहा के करीबी एमएलए और एमएलसी के घर भी छापेमारी हुई है जो पूर्वांचल से ताल्लुक रखते हैं। इस दौरान न तो कुशवाहा और न ही उनके करीबी विधायक अपने आवास पर मिले हैं।
सीबीआई को एनआरएचएम घोटाले में अहम जानकारियां मिल रही हैं। स्पेशल टास्क फोर्स इस मामले में शुरुआती जांच के पांच मामले दर्ज कर चुकी है। इनमें जननी सुरक्षा योजना, 779 एंबुलेंस की खरीदारी, दवाओं की खरीद जैसे मामले शामिल हैं।
गौरतलब है कि बीएसपी से निकाले जाने के बाद बाबू सिंह कुशवाहा ने मंगलवार को ही भाजपा का दामन थामा है (तस्वीर में)। सीबीआई एनआरएचएम घोटाला मामले में पूर्व मंत्री अनंत मिश्र और कुशवाहा से इससे पहले भी एक बार पूछताछ कर चुकी है। सूत्र बता रहे हैं कि कुशवाहा को फिर से पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है और इस मामले में उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है। एनआरएचएम घोटाला को बिहार के चारा घोटाला जैसा बड़ा घोटाला माना जा रहा है। एक समय मायावती के बेहद करीबी रहे कुशवाहा को एनआरएचएम घोटाला में नाम आने के बाद बीएसपी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। घोटाले की सीबीआई जांच के आदेश होते ही मायावती ने कुशवाहा का इस्तीफा मंजूर कर लिया।
शुरुआती जांच में सीबीआई को पता लगा है कि एनआरएचएम में सीएमओ यानी चीफ मेडिकल ऑफिसर पद के लिए खास मेहरबानी की जा रही थी, क्योंकि सीएमओ के पास करोड़ों की योजना के तहत लाखों की खरीदारी के अधिकार थे। इसी के चलते इस घोटाले को बढ़ावा मिला और सीबीआई तीन सीएमओ की हत्या भी उसी का नतीजा मान रही है। सीएमओ से मंगाए गए दस्तावेज में सीबीआई को अहम खुलासों का पता चला।
सीबीआई को पता चला है कि जिन जगहों से दवाओं की खरीदारी दिखाई गई है उन जगहों पर दवा की कोई कंपनी नहीं है, यहां तक कि कुछ जगहों की जांच के दौरान उन स्थानों पर परचून की दुकानें पाई गईं। कुशवाहा की अग्रोहा सेविंग्स लिमिटेड एक संदिग्ध कंपनी है और इस पर ‘मनी लॉन्डरिंग’ में शामिल होने के आरोप हैं। बताया जा रहा है कि कुशवाहा के परिवार के सदस्य इस कंपनी के डायरेक्टर हैं।
भ्रष्टाचार के आरोप में मायावती सरकार से बाहर किए गए कुशवाहा सहित कई बसपा नेताओं पर कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने चुटकी ली है। दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, ‘बीएसपी के कलंक, बीजेपी के तिलक। बीजेपी ने बसपा के दागी मंत्रियों को अपनाया और टिकट दिया। यह बीजेपी का असली चाल, चरित्र और चेहरा है।’
Sabhar - Bhaskar.com
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