देशभर में महिलाओं को अपनों से बड़ों के सामने तो पर्दा करते सुना व देखा गया है, मगर हरियाणा राज्य के जिला जींद के एक ग्राम नगूरां में ब्राह्मण समाज की महिलाएं पिछले सात वर्षों से उल्लू से पर्दा करती आ रहर है। ग्राम के सरपंच भरथू शर्मा ने प्रैसवार्ता को बताया कि गांव को बसाने वाले पदान गौत्र की महिलाएं पेड़ के नीचे से गुजरते समय पर्दा कर लेती है, क्योंकि इस समुदाय के लोग उल्लू को अपना वंश चलाने वाला मानते है। किदंवती के अनुसार सात सौ वर्ष पूर्व मुस्लमान और राजपूतों ने ब्राह्मणों को परिवार सहित अमावस्या के दिन खाने पर बुलाया और रास्ते में बारूदी सुरंग बिछाकर उन्हें मौत के घाट उतार दिया। ब्राह्मण समाज की केवल एक महिला बची, जो गर्भवती होने के कारण दावत में नहीं पहुंच पाई थी। घटना की सूचना मिलने पर वह जान बचाने के लिए 12 कि.मी. दूर स्थित अपने पीहर कहसून गांव की ओर दौड़ पड़ी, मगर रास्ते में उसने एक पुत्र को जन्म दिया और उसे वहीं छोड़कर अपने मायके पहुंची और सारी आप बीती परिवारजनों को सुनाई, जिस पर परिवारजन नवजात शिशु को लेने के लिए मौके पर पहुंचे, तो देखा कि वहां एक उल्लू पंख फैलाकर बच्चे को धूप से बचाते हुए उसकी रक्षा कर रहा था। बड़ा होकर पदान नामक यह युवक राजा की फौज में भर्ती हो गया और उसने खूब बहादुरी से काम किए, जिससे प्रसन्न होकर राजा ने उसे ईनाम लेने को कहा तो उसने राजा से एक रात के लिए फौज मांग कर गांव के सभी मुस्लमानों व राजपूतों को मार गिराया। तभी से पदान के अपने नाना के यहां करने के कारण गांव का नाम पहले नानूनां और फिर नगूंरा पड़ गया। तभी से ब्राह्मण उल्लू को अपने वंश का रक्षक मानकर उसे पूजनीय मानने लगे
Sabhar- Thepressvarta.com
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