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Nandita Mahtani hosts a birthday party for Tusshar Kapoor

http://www.sakshatkar.com/2017/11/nandita-mahtani-hosts-birthday-party.html

वाह भाई वाह! अश्‍लीलता परोसने वाले वाले भास्‍कर को टीवी पर बढ़ती अश्‍लीलता की चिंता


अखबार में शुरू किया इनिशिएटिव : दैनिक भास्कर, जयपुर के बुधवार के सिटी भास्कर (१८ अप्रैल २०१२) की खबर पढ़कर दिमाग ही घूम गया कि 'सौ-सौ चूहे खाकर बिल्ली चली हज को'. दैनिक भास्कर का बड़ा नाम है पर काम भी बड़ा करते हों ऐसा आवश्यक तो नहीं. इनकी वेबसाइट पर तमाम अश्लील फोटो, खबरें और वीडियो मुखपृष्ठ पर हमेशा फ्लैश होते रहते हैं क्योंकि इनको अश्लीलता के दम पर अधिक से अधिक हिट्स चाहिए ताकि इनकी वेबसाइट नंबर १ वेबसाइट बन जाये और बनी रहे. यही भास्‍कर अब टीवी पर बढ़ रही अश्‍लीलता के खिलाफ बीड़ा उठाया है.
इन्हें युवा पीढ़ी और भारतीय संस्कारों से कोई सरोकार नहीं है बस 'पैसा' कमाना है तो सेक्स का तड़का न्यूज़ में भी लगाना जरुरी है. कभी-कभी गलती से इनकी वेबसाइट पर पहुँच जाएँगे तो बड़ी मुश्किल हो जाती है पता ही नहीं चल पाता कि ये समाचार वेबसाइट है या फिर को हिंदी में पोर्न वेबसाइट. वाह रे बाजारवाद! तूने अख़बारों को भी नहीं छोड़ा. पर हम पाठक अगर चाहें तो इनकी मनमानी को रोक सकते हैं, बस इनको इनकी करतूत को बंद करने के लिए कहना पड़ेगा.
इनका कहना है कि इन्टरनेट पर तो पोर्न खुलेआम मिलता है फिर थोड़ा-बहुत हम भी दिखा देते हैं तो इसमें बुराई क्या है? हम नहीं दिखाएँगे तो भी देखने वाले तो देख ही लेंगे. अरे भैया कोई इनको समझाओ कि न्यूज वेबसाइट पर पोर्न नहीं न्यूज पढ़ने के लिए आते हैं पाठक.  हमारा भास्कर के प्रबंधन से हाथ जोड़कर अनुरोध है कि सबसे पहले अपनी वेबसाइट से अश्लील सामग्री को हटाएँ क्योंकि हम जैसे अभिभावक इन्टरनेट पर 'अश्लील' वेबसाइटें तो प्रतिबंधित (ब्लाक) कर सकते हैं ताकि हमारे बच्चे भटक ना जाएँ पर 'समाचार' के नाम पर अश्लीलता परोसने वाली वेबसाइटस का क्या करें, क्या हमें अब हर समाचार वेबसाइट पर भी रोक लगानी पड़ेगी?
आप भी देखिए कि अपनी साइट पर गंदगी फैलाने वाले दैनिक भास्‍कर को टीवी पर अश्‍लीलता नजर आ रही है. उसने अभिभावकों से बच्‍चों को टीवी पर प्रसारित ऐसे कार्यक्रमों से दूर रहने की नसीहत भी दी है. समझ में नहीं आ रहा है कि इसे भास्‍कर की बेशर्मी कहा जाए या इसकी तारीफ की जाए. खैर, अब आप भी पढिए टीवी पर बढ़ रही अश्‍लीलता को लेकर भास्‍कर में प्रकाशित इनेसिएटिव.
ऐसी फिल्मों से दूर रखेंगे बच्चों को
: शहरवासियों में बढऩे लगा टी.वी. पर दिखाई जा रही ए सर्टिफिकेट मूवीज व वल्गर सीरियल्स के प्रति रोष : जनहित याचिका लगाने के साथ हर संभव कोशिश से रोकने का लिया संकल्प :
आप भी हमें टीवी पर दिखाई जा रही अश्लीलता को रोकने के संबंध में सुझाव दे सकते हैं। संपर्क करें।
singh.vijay05@gmail.com, Mob : 9314855558
सिटी रिपोर्टर. 'ये राखी सावंत कौन है, डर्टी पिक्चर क्या होती है, ये फिल्म के विज्ञापन पर 'ए' क्यों लिखा हुआ है?' ये कुछ ऐसे सवाल हैं, जो बच्चे हमसे पूछते हैं और उनके पूछने का कारण है टी.वी. पर दिखाई जानी वाली वल्गर फिल्में और सीरियल। टी.वी. जो दुनिया का सबसे सुरक्षित और पसंदीदा जानकारी प्राप्त करने व मनोरंजन का साधन माना जाता है, को हमारे चैनल्स इस प्रकार कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं? क्या इन्हें रोकने वाला कोई नहीं है? अब टी.वी. भी नहीं तो और क्या?
टेलीविजन पर परोसी जा रही अश्लीलता के खिलाफ सिटी रिपोर्टर के चलाए जा रहे अभियान में अब पूरा शहर जुड़ता जा रहा है। इसी को लेकर जयपुराइट्स मंगलवार को दैनिक भास्कर कार्यालय पहुंचे और टॉक शो में जाहिर की टी.वी. पर आ रही अश्लीलता पर स्वयं की परेशानियां। इसमें सभी ने मिलकर यह संकल्प लिया कि वह इन चीजों को न केवल टी.वी. पर आने से रोकेंगे, बल्कि बच्चों को भी इससे दूर रखेंगे।
लगाएंगे जनहित याचिका, उतरेंगे सड़कों पर : सिनेमा में अश्लीलता चलती है, क्योंकि वहां पर हर कोई अलाउड नहीं होता। अब टी.वी. पर इसे दिखाया जा रहा है। आज हम फेस कर रहे हैं कल हमारे भाई-बहन करेंगे। राजस्थान यूनिवर्सिटी के अरविंद बालोत कहते हैं, हम जनहित याचिका लगाएंगे। वहीं राजेश, अमित, विनोद, सोमेन्द्र और विष्णु ने कहा, 'ए' सर्टिफिकेट मूवी टी.वी. पर प्राइम टाइम में प्रसारित करना भारतीयों की भावनाओं को ठेस पहुंचाना है। इसके लिए अब हम सड़कों पर उतरेंगे और स्टूडेंट्स यूनियन के स्तर पर एक अभियान चलाएंगे।
मंत्रालय और बोर्ड में करेंगे शिकायत : टी.वी. पर आने वाले मुख्य मनोरंजन चैनल्स पर 'ए' सर्टिफिकेट फिल्में नियमानुसार नहीं दिखाई जा सकतीं। यह भारतीय परिवारों के साथ दुर्व्‍यवहार है। समाज सेवक दिलीप कुमार कहते हैं, इसके लिए हम मंत्रालय और बोर्ड में शिकायत करेंगे।
ओवर डोज हो गया है : टी.वी. पर प्राइम टाइम में आने वाले शोज में अश्लीलता आने से घर का माहौल ही बदल जाता है। न तो चैनल बदल सकते हैं और न ही बच्चों को हटा सकते हैं। माला रारा ने कहा, यह तो ओवर डोज है। कविता महावर ने कहा, इससे हमारी संस्कृति टूट रही है।
टीचर्स को कम्पेयर करते हैं : बच्चे जो टी.वी. पर गलत देखते हैं उससे अपने टीचर्स और आस-पास के माहौल को कम्पेयर करते हैं। पेशे से टीचर डॉ. विजय सिंह राठौड़ ने कहा, मेरी भी 6 साल की बेटी है। ऐसे में टी.वी. देखकर वो हमसे अभी से सवाल करती है।
प्रतिबंध जरूरी : सरकार, प्रतिनिधि, सूचना व प्रसारण मंत्रालय और आमजन। हम सभी को मिलकर रोकना होगा टी.वी. पर आ रहा वल्गर। डॉ. युवराज सिंह कहते हैं, इसके लिए हमें संबंधित मंत्रालय को लिखित में शिकायत करनी चाहिए। नहीं तो हम स्वयं को बचा ही नहीं पाएंगे। मनोरंजन चैनलों पर आ रही 'ए' सर्टिफिकेट फिल्मों और वल्गर सीरियल्स से जयपुराइट्स परेशान हैं।
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.
Sabhar- Bhadas4media.com

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