Feature

Nandita Mahtani hosts a birthday party for Tusshar Kapoor

http://www.sakshatkar.com/2017/11/nandita-mahtani-hosts-birthday-party.html

लाशों के बीच नाचती बार बालाएं

किसी व्यक्ति की मौत होने पर वहां मातम का माहौल होता है. सगे-संबंधी और रिश्तेदार उसकी मौत पर आंसू बहाते हैं, पर आपने कभी किसी की मौत पर और उसकी जलती हुई लाश के बीच बार-बालाओं को नाचते हुए देखा या सुना है? यदि नहीं तो हम आपको बताते हैं. यूपी की धार्मिक नगरी वाराणसी में कुछ ऐसा ही होता है. यहां बाबा महाश्मशान नाग मंदिर में एक तऱफ लाशे जलती हैं और दूसरी तऱफ लड़कियां नाचती हैं. इनका नाच देखने के लिए पूरा शहर उमड़ता है. क्या आम, क्या खास सब इस नाच के सुरूर में झूमते नज़र आते हैं. पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी जिन पर व्यवस्था करने की ज़िम्मेदारी होती है, वे खुद ही इस नाच में शरीक होते हैं. यह सब होता है परंपरा के नाम पर. इसकी दुहाई देकर वे भी बच निकलते हैं, जिनके कंधों पर समाज सुधारने की ज़िम्मेदारी होती है. यहां का दृश्य देखकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे. एक तऱफ लाश जलाई जा रही है, दूसरी तऱफ मुन्नी बदनाम हुई जैसे गानों पर ठुमके लगते हैं. स्थानीय रानू सिंह के मुताबिक़, नवरात्र में यह कार्यक्रम होता है. पुरानी मान्यताओं के मुताबिक़, अकबर के मंत्री मानसिंह ने इस परंपरा की शुरुआत की थी. यहां स्थित शिव मंदिर में लोग मन्नत मांगते थे. इसे पूरा होने पर इस श्मशान के बीच घर की वधुएं नाचती थीं. चूंकि इस समय ऐसा होना संभव नहीं है, इसलिए लोग अपनी मन्नत पूरा करने के लिए बाहर से बार बालाएं बुलाते हैं.

काशी के राजा मानसिंह ने इस पौराणिक घाट पर भूत भावन भगवान शिव के मंदिर का निर्माण कराया. वह यहां संगीत का कार्यक्रम भी कराना चाहते थे. ऐसे स्थान जहां चिताएं जलती हों, वहां संगीत का कार्यक्रम करने की हिम्मत किसी में नहीं होती थी. इसलिए राजा ने तवाय़फों को इस आयोजान में शामिल किया. यही धीरे-धीरे परंपरा में बदल गया. लोग अगले जन्म को सुधारने के लिए ऐसा करने लगे.


(
साभार:चौथी दुनिया)

No comments:

Post a Comment

Famous Post