Sushil Gangwar
दलाली करके पैसा कमाने का शौक अजीव है . दलाल हर जगह पैदा हो गए है. मै पिछले 10 से मीडिया में काम कर रहा हु. फैशन - फिल्म मीडिया से जुड़े होने के कारण बॉलीवुड - फैशन वर्ल्ड के दलालों को थोडा बहुत पहचानता हु. मॉडल विवेका बाबाजी की मौत के बाद थोडा सा सदमा लगा ? दिमाग फिर से घूमने लगा. मुंबई में रहकर धक्के खाए तो थोडा बहुत सीखा है . कोम्प्लेते सिनेमा पत्रिका में काम करने के दौरान जहा बॉलीवुड एक्टर - एक्ट्रेस से मिलता था . उनके साथ बॉलीवुड - फैशन की दुनिया के दलाल कभी कभार मिल लेते थे.
किसी को काम दिलाने के नाम दलाल अच्छी कमाई कर लेते है. जिसमे कुछ दलाल बड़े फैशन की हस्तियो से लेकर फिल्म प्रोडूसर निर्देशक -एक्टर को लड़के - लडकिया जिस्म्फरोसी के लिए मुहैया करवाते थे. यह दलाल अपने आपको फिल्म - फैशन कुर्दिनाटर कह कर मिलते थे. इन लोगो का टार्गेट छोटे शहर के लडकिया और लड़के होते . जो काम पाने की लालसा में अपने कपडे उतारने से नहीं घबराते थे. उस समय मै मीरा रोड मुंबई में रहता था . मुझे शाम को खाने की टेबल पर अक्सर नए चेहरे मिलते थे जो दूर दूर शहर से अपना सपना साकार करने के लिए आते थे. एक बार मेरा लड़के से परिचय हुआ वह उ प का रहने वाला था. धीरे धीरे हम लोग रोज मिलने लगे . एक दिन बोला भाई , आज खाना नहीं खाया सुबह थोडा सा नास्ता किया था मैंने पूछा क्या पैसे ख़तम हो गए . तुझे फिल्मो और मोडलिंग में काम क्यों नहीं मिल रहा है .
वह रोकर बोला यार मेरा सपना कभी पूरा नहीं हो सकता है . मै अपने जिस्म का सौदा नहीं कर सकता हु . मेरे दोस्त को एक छोटा रोल मिल गया है . तू जानता है वह हर रात पता नहीं कहा से मोटा पैसा ला रहा है . मुझे लगता है वह जिगोलो बन गया है . मै घर बापस चला जाउगा लेकिन अपने आदर्श से समझोता नहीं कर सकता हु. यह लड़के लडकिया काम की तलाश में डिस्को जाते ताकि किसी बड़ी हस्ती से मिल जाये और अपनी मजिल आसन हो जाये .
फिल्म पत्रकारिता करते करते पूरी मायानगरी के काले चेहरे को जान चुका था. एक बार तो हद हो गयी जब एक टीवी एक्ट्रेस ने सेक्स करने का प्रस्ताब दे दिया . फिल्म - फैशन - मीडिया का जहर रगों में फ़ैल जाये तो इन्सान बीमार हो जाता है . यह सब पुरानी बाते है जब भी सोचता हु तो सहम जाता हु .
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