सोमवार /05 जुलाई 2010 / संजय कुमार /नागपुर )
भारत बंद के दौरान नागपुर के प्रसिद्ध वैरायटी चौक पर प्रदर्शन कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज की तस्वीर लेने वाले कुछ फोटो जर्नलिस्टों पर पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाई। इस घटना में छायाचित्रकार मराठी दैनिक लोकशाही वार्ता के जीवक गजभिए, दैनिक १८५७ के देवेश व्यास, तरुण भारत के निरंजन अत्रे, लोकमत के राजेश टिकले, सकाल के अनुरुद्ध सिंह डीनोरे, जी न्यूज के रत्नशील सातपुते और दैनिक महासागर के सौरभ अडबे को चोट लगी। इसमें सबसे ज्यादा मार वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट जीवक गजभिये और सौरभ अड़बे को पड़ी। खास बात यह है कि फोटो जर्नलिस्टों ने शहर पुलिस आयुक्त से इसकी शिकायत करने पहुंचे तो उन्होंने दो दूट कहा- पुलिस अपना काम कर रही है, तुम अपना काम करो। पुलिस ने इन फोटो जर्नलिस्टों पर लाठियां बरसाने के बाद उन्हें सीताबर्डी थाने ले जाया गया। जब मीडियाकर्मी सीताबर्डी थाने पहुंचे तो उन्हें गेट पर ही अंदर जाने से रोक दिया गया। इस घटना की नागपुर श्रमिक पत्रकार संघ के अध्यक्ष शिरीष बोरकर, सचिव संजय लोखंडे व अन्य पदाधिकारियों तथा पत्रकारों ने निषेध करते हुए राज्य सरकार से दोषी पुलिस कर्मियों को निलंबित किए जाने की मांग की है। शिरीष बोरकर ने कहा कि शहर पुलिस आयुक्त प्रवीण दीक्षित स्वयं घटनास्थल पर मौजूद थे। उनके सामने ही पुलिस ने फोटो जर्नलिस्टों पर लाठी चार्ज किया। जब उनसे इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंन ेकहा कि इस मामले की जांच डी।सी.पी. स्तर का अधिकारी करेगा और जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कार्रवाई होगी। इस मामले को लेकर संघ राज्य के गृहमंत्री आर.आर. पाटिल से भी चर्चा की जाएगी। इस संदर्भ में तिलक पत्रकार भवन में सभा आयोजित की गई। सभा में शहर के फोटो जर्नलिस्ट व कई पत्रकार उपस्थित थे। शाम को आयोजित एक प्रेस वार्ता में भाजपा के राज्य महासचिव देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि भाजपा शांतिपूर्वक आंदोलन कर गिरफ्तार दे रही थी। गिरफ्तारी देने के दौरान पुलिस ने आंदोलनकारी भाजपा की महिला कार्यकर्ताओं को पुलिस वैन में क्रुरतापूर्वक बैठाया गया। उसी बैन में पुरुष पुलिसकर्मियों को घुसा कर पुलिस लाइन टाकली ले जाया जा रहा था। इसका भाजपा के पुरुष व महिला कार्यकर्ताओं ने विरोध कर पुरुष पुलिस कर्मियों की बजाय महिला पुलिस कर्मियों की तैनायती की मांग की। लेकिन पुलिस ने एक न सुनी। इसका विरोध करते हुए भाजपा के कार्यकर्ताओं ने महिलाओं को ले जा रही पुलिस वैन को रोका। इसके आग बबूला पुलिसवालों ने लाठीचार्ज कर दी और घटना को सार्वजनिक करने वाले छायाचित्रकारों को भी घायल कर दिया। पुलिस का यह कृत्य निंदनीय है। उन्होंने कहा कि छायाचित्रकारों पर लाठी चार्ज का मामला विधानसभा में उठाया जाएगा और मुख्यमंत्री, गृहमंत्री को जवाब मांगा जाएगा।
भारत बंद के दौरान नागपुर के प्रसिद्ध वैरायटी चौक पर प्रदर्शन कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज की तस्वीर लेने वाले कुछ फोटो जर्नलिस्टों पर पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाई। इस घटना में छायाचित्रकार मराठी दैनिक लोकशाही वार्ता के जीवक गजभिए, दैनिक १८५७ के देवेश व्यास, तरुण भारत के निरंजन अत्रे, लोकमत के राजेश टिकले, सकाल के अनुरुद्ध सिंह डीनोरे, जी न्यूज के रत्नशील सातपुते और दैनिक महासागर के सौरभ अडबे को चोट लगी। इसमें सबसे ज्यादा मार वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट जीवक गजभिये और सौरभ अड़बे को पड़ी। खास बात यह है कि फोटो जर्नलिस्टों ने शहर पुलिस आयुक्त से इसकी शिकायत करने पहुंचे तो उन्होंने दो दूट कहा- पुलिस अपना काम कर रही है, तुम अपना काम करो। पुलिस ने इन फोटो जर्नलिस्टों पर लाठियां बरसाने के बाद उन्हें सीताबर्डी थाने ले जाया गया। जब मीडियाकर्मी सीताबर्डी थाने पहुंचे तो उन्हें गेट पर ही अंदर जाने से रोक दिया गया। इस घटना की नागपुर श्रमिक पत्रकार संघ के अध्यक्ष शिरीष बोरकर, सचिव संजय लोखंडे व अन्य पदाधिकारियों तथा पत्रकारों ने निषेध करते हुए राज्य सरकार से दोषी पुलिस कर्मियों को निलंबित किए जाने की मांग की है। शिरीष बोरकर ने कहा कि शहर पुलिस आयुक्त प्रवीण दीक्षित स्वयं घटनास्थल पर मौजूद थे। उनके सामने ही पुलिस ने फोटो जर्नलिस्टों पर लाठी चार्ज किया। जब उनसे इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंन ेकहा कि इस मामले की जांच डी।सी.पी. स्तर का अधिकारी करेगा और जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कार्रवाई होगी। इस मामले को लेकर संघ राज्य के गृहमंत्री आर.आर. पाटिल से भी चर्चा की जाएगी। इस संदर्भ में तिलक पत्रकार भवन में सभा आयोजित की गई। सभा में शहर के फोटो जर्नलिस्ट व कई पत्रकार उपस्थित थे। शाम को आयोजित एक प्रेस वार्ता में भाजपा के राज्य महासचिव देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि भाजपा शांतिपूर्वक आंदोलन कर गिरफ्तार दे रही थी। गिरफ्तारी देने के दौरान पुलिस ने आंदोलनकारी भाजपा की महिला कार्यकर्ताओं को पुलिस वैन में क्रुरतापूर्वक बैठाया गया। उसी बैन में पुरुष पुलिसकर्मियों को घुसा कर पुलिस लाइन टाकली ले जाया जा रहा था। इसका भाजपा के पुरुष व महिला कार्यकर्ताओं ने विरोध कर पुरुष पुलिस कर्मियों की बजाय महिला पुलिस कर्मियों की तैनायती की मांग की। लेकिन पुलिस ने एक न सुनी। इसका विरोध करते हुए भाजपा के कार्यकर्ताओं ने महिलाओं को ले जा रही पुलिस वैन को रोका। इसके आग बबूला पुलिसवालों ने लाठीचार्ज कर दी और घटना को सार्वजनिक करने वाले छायाचित्रकारों को भी घायल कर दिया। पुलिस का यह कृत्य निंदनीय है। उन्होंने कहा कि छायाचित्रकारों पर लाठी चार्ज का मामला विधानसभा में उठाया जाएगा और मुख्यमंत्री, गृहमंत्री को जवाब मांगा जाएगा।
साभार - मीडिया मंच .कॉम
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