लखनऊ। उत्तर प्रदेश की एक स्थानीय अदालत ने सोमवार को सत्ताधारी बसपा विधायक योगेंद्र सागर और उसके दो सहयोगियों को भगोड़ा घोषित कर दिया। तीनों एक छात्रा के कथित बलात्कार के आरोप में वांछित थे। बदायूं जिले के एसीजेएम ए. के. गुप्ता ने सोमवार को बसपा विधायक और उसके दो सहयोगियों तेजेंद्र सागर और मनु शर्मा को भगोड़ा घोषित किया। सागर, बदायूं की बिलसी विधानसभा सीट से विधायक हैं। बसपा विधायक के खिलाफ सीबीसीआईडी ने फरवरी 2009 में आरोप पत्र दाखिल किया था, जिसके बाद स्थानीय अदालत ने अप्रैल 2010 में विधायक के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था लेकिन विधायक कभी अदालत के समक्ष पेश ही नहीं हुआ।
विधायक व उसके दो सहयोगियों पर आरोप है कि उसने बदायूं की एक 18 वर्षीय स्नातक की छात्रा को बंधक बना काफी समय तक नशीली दवाइयों की सुईयां लगाकर उसका बलात्कार किया। पीड़िता के पिता द्वारा पुलिस पर विधायक और उसके सहयोगियों के खिलाफ कोई कार्रवाई न करके उन्हें बचाने का आरोप लगाने के बाद राज्य सरकार ने 7 फरवरी 2008 को इस मामले की जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी थी। बाद में अगस्त 2009 को अदालत की तरफ से इस मामले में विधायक के खिलाफ वारंट जारी किया गया था, लेकिन विधायक ने न तो कभी जमानत के लिए प्रार्थना पत्र दिया और न ही अदालत के सामने पेश हुआ।
विधायक व उसके दो सहयोगियों पर आरोप है कि उसने बदायूं की एक 18 वर्षीय स्नातक की छात्रा को बंधक बना काफी समय तक नशीली दवाइयों की सुईयां लगाकर उसका बलात्कार किया। पीड़िता के पिता द्वारा पुलिस पर विधायक और उसके सहयोगियों के खिलाफ कोई कार्रवाई न करके उन्हें बचाने का आरोप लगाने के बाद राज्य सरकार ने 7 फरवरी 2008 को इस मामले की जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी थी। बाद में अगस्त 2009 को अदालत की तरफ से इस मामले में विधायक के खिलाफ वारंट जारी किया गया था, लेकिन विधायक ने न तो कभी जमानत के लिए प्रार्थना पत्र दिया और न ही अदालत के सामने पेश हुआ।
No comments:
Post a Comment