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Nandita Mahtani hosts a birthday party for Tusshar Kapoor

http://www.sakshatkar.com/2017/11/nandita-mahtani-hosts-birthday-party.html

भास्कर के फोटोग्राफर को जलाकर मार डाला

भास्कर ने छोटी-सी व बेहूदा खबर प्रकाशित की : 26 अक्टूबर को जबलपुर में वैसे तो कार्तिक की चांदनी रात थी लेकिन प्रेस के इतिहास में काली रात मानी जाएगी, क्योंकि यहां देश में तेजी से बढ़ते अखबार दैनिक भास्कर के फोटोग्राफर राकेश साहू की उनकी दुकान में हत्या कर दी गई. सारा शहर विशेषकर मीडिया जगत उनकी मौत से गमगीन है. लेकिन अखबार के मालिक और संपादकों को शर्म नहीं आई.
समूची संस्कार धानी के लोग जब सुबह उठे और उन्होंने शहर से प्रकाशित होने वाले अखबारों पर नजर डाली तो पता चला की भास्कर के फोटोग्राफर की हत्या कर दी गई. शहर वालों ने तुरंत ही विस्तृत खबर पढ़ने के लिए भास्कर को ढूंढा और पन्ना पलटना शुरू किया, प्रथम पृष्ठ से लेकर आखिरी पृष्ठ तक पलट डाला, लेकिन कहीं भी जघन्य हत्या की खबर नहीं मिली. पाठकों ने फिर से अखबार पलटा तब कहीं जाकर चौथे पृष्ठ पर न्यूज इन बाक्स में खबर मिली. इसमें बमुश्किल दस लाइन और डेढ़ सौ शब्दों में देश में सबसे तेजी से बढ़ते अखबार ने अपने कर्मचारी की हत्या का समाचार प्रकाशित किया था. उसमें भी कहीं यह नहीं लिखा था कि राकेश साहू भास्कर के लिए अपनी सेवाएं दे रहे थे. बस एक प्रेस फोटोग्राफर लिखकर ही अपने कर्तब्यों की इतिश्री समझ ली गई थी.
इसी अंक में भास्कर के पुलआउट डीबी स्टार में स्व. राकेश साहू की फोटो तीसरे पृष्ठ पर नाम सहित प्रकाशित की गई है. पाठकों ने खबर पढ़कर अपना माथा ठोक लिया और उन्हें भास्कर समूह की असलियत समझ में आई. शहर के मीडियाकर्मियों ने यह खबर पढ़ी तो उन्हें प्रेस जगत को अपनी सेवाएं देने में शर्म महसूस होने लगी. सभी की जुबां पर बस एक ही प्रश्न था कि जिसके लिए काम करते हुए जीवन बलिदान कर दिया उसी अखबार ने मौत की खबर गैरों की तरह प्रकाशित की. देश में सबसे तेजी से बढ़ते अखबार के इस कृत्य पर जबलपुर शहर में मीडिया जगत के लोग शर्मसार हो गए.लोग यही आपस में सवाल कर रहे हैं कि भास्कर ने अपने फोटोग्राफर की मौत पर इतनी छोटी सी और बेहूदा ढंग से खबर क्यों दी.
राकेश साहू को जिंदा जलाने के लिए लगाई गई आग तो बुझ गई है लेकिन उस आग से एक नई आग मीडियाकर्मियों और आम आदमी के दिल में लग गई है. मालूम हो कि पूर्व में भी ऐसे अनेक मौके आए जब भास्कर समूह के कर्मचारियों से अभद्रता की गई, उनके कैमरे तोड़े गए, तलवार और अन्य हथियारों से हमला किया लेकिन भास्कर समूह ने अपने समाचार पत्र में उनकी खबरें तक प्रकाशित नहीं की.
जबलपुर से एक पत्रकार द्वारा भेजी गई चिट्ठी पर आधारित
साभार : भड़ास ४ मीडिया .कॉम

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