शमशेर सिंह
अमेरिकी मीडिया और दादागिरी : एक बड़ा अमेरिकी अधिकारी दरवाजे के बीच अपना पैर अड़ा देता है. वह चीखकर भारत के सीनियर अफसरों को ललकारता है कि अगर हिम्मत है, तो दरवाजा बंद करके दिखाओ. वो धमकी भी देता है कि अगर सबकुछ उसके मनमाफिक नहीं हुआ, तो वह बैठक के बीच से ही राष्ट्रपति ओबामा को लेकर वापस चला जाएगा. यह सब उस दरबाजे पर हो रहा था, जिसके भीतर ओबामा और मनमोहन सिंह की मुलाकात चल रही थी. यकीन नहीं हो रहा होगा न आप लोगों को? यहां अगर पात्रों के ओहदे और उनकी वेशभूषा हटा दी जाए, तो यह बिलकुल गली-मोहल्लों के छुटभैये गुंडों जैसी हरकत ही थी. संसार के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति, जो अपनी ताकत नहीं, बल्कि व्यवहार से लोगों का दिल जीतने में माहिर माने जाते हों, उनके प्रेस सेक्रेट्री से ऐसे छिछोरे व्यवहार की उम्मीद तो नहीं ही की जा सकती है.
ये बवाल मचा हैदराबाद हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और हमारे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मुलाकात की तस्वीरें कैद करने को लेकर. यह पहले से तय था कि दोनों देशों के आठ-आठ मीडिया वाले अंदर 'फोटोअप' के लिए जाएंगे. बाद में कई कारणों से भारतीय अधिकारियों ने ये संख्या पांच कर दी. बस क्या था, व्हाइट हाउस प्रेस सेक्रेट्री रोबर्ट गिब्स अड़ गए. उन्होंने कहा कि यह संख्या आठ से कम करने का कोई सवाल ही नहीं उठता और हर हाल में वे आठों अमेरिकी मीडियावालों को अंदर लेकर ही जायेंगे.
भारतीय अधिकारियों ने अपनी मजबूरी जताई. उनसे मान जाने की गुहार लगाते रहे, लेकिन गिब्स कुछ सुनने की बजाय और भड़क रहे थे. वे चिल्लाने और धमकाने लगे. रही बात गिब्स की अगली हरकत की, उसका जिक्र तो हमने ऊपर किया ही है. अब कोई चारा नहीं था सिवाए गिब्स के आगे झुकने का. हमारे अधिकारियों ने वही किया. जलालत, झल्लाहट सब पी गए. दूसरी ओर गिब्स अपनी मनमानी कर आगे निकल गए. हर कोई यह देखकर दंग था. हमारे अधिकारी सहमे से थे, लेकिन गिब्स और अमेरिकी मीडिया के लोगों के चेहरे पर विजयी मुस्कान साफ झलक रही थी. वाह रे गिब्स, शाबाश. तभी तो कहते हैं... 'अतिथि देवो भव'.
ये बवाल मचा हैदराबाद हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और हमारे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मुलाकात की तस्वीरें कैद करने को लेकर. यह पहले से तय था कि दोनों देशों के आठ-आठ मीडिया वाले अंदर 'फोटोअप' के लिए जाएंगे. बाद में कई कारणों से भारतीय अधिकारियों ने ये संख्या पांच कर दी. बस क्या था, व्हाइट हाउस प्रेस सेक्रेट्री रोबर्ट गिब्स अड़ गए. उन्होंने कहा कि यह संख्या आठ से कम करने का कोई सवाल ही नहीं उठता और हर हाल में वे आठों अमेरिकी मीडियावालों को अंदर लेकर ही जायेंगे.
भारतीय अधिकारियों ने अपनी मजबूरी जताई. उनसे मान जाने की गुहार लगाते रहे, लेकिन गिब्स कुछ सुनने की बजाय और भड़क रहे थे. वे चिल्लाने और धमकाने लगे. रही बात गिब्स की अगली हरकत की, उसका जिक्र तो हमने ऊपर किया ही है. अब कोई चारा नहीं था सिवाए गिब्स के आगे झुकने का. हमारे अधिकारियों ने वही किया. जलालत, झल्लाहट सब पी गए. दूसरी ओर गिब्स अपनी मनमानी कर आगे निकल गए. हर कोई यह देखकर दंग था. हमारे अधिकारी सहमे से थे, लेकिन गिब्स और अमेरिकी मीडिया के लोगों के चेहरे पर विजयी मुस्कान साफ झलक रही थी. वाह रे गिब्स, शाबाश. तभी तो कहते हैं... 'अतिथि देवो भव'.
Sabhaar : आन द स्पाट
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