नई दिल्ली, 19 नवंबर- रतन टाटा और राहुल बजाज के बाद अब बाबा रामदेव ने भ्रष्टाचार से जुड़ा सनसनीखेज खुलासा किया है। बाबा रामदेव का कहना है कि उनसे एक मंत्री और मुख्यमंत्री ने पूरे दो करोड़ रुपये मांगे। ये खुलासा रामदेव ने गोंडा में हजारों लोगों की भीड़ के सामने किया। भीड़ के सामने बाबा रामदेव का योग का ज्ञान अचानक घूस ज्ञान में बदल गया। शिविर योग का था लेकिन कुछ ही देर में योग की जगह भ्रष्टाचार पर बाबा बोलने लगे। और जो बोला उससे एक बार फिर खादी कठघरे में खड़ी हो गई। गोंडा के टॉमसन मैदान में बैठे लोग सन्न रह गए।रामदेव ने कहा, जब रतन टाटा बोल गए, राहुल बजाज बोल गए तो मैं क्यों चुप रहूं। हमारे यहां भी लैंड यूज चेंज करना था। मेरे से मांगने की हिमाकत नहीं करता तो हमारे कार्यकर्ता से मंत्री बोला दो करोड़ रुपया दे दो मैं तेरा काम कर दूंगा। मैंने कहा कि इसकी ऐसी की तैसी दो करोड़ रुपया मांगने में इसको शर्म नहीं आई। मैं गया मुख्यमंत्री के पास। मैंने कहा कैसे मंत्री बना रखे हैं तुमने। वो रिश्वत मांग रहा है और मेरे पैरों के नीचे से जमीं खिसक गई जब मुख्यमंत्री का उत्तार आया। वो बोला कि आप से सीधी रिश्वत नहीं मांगनी चाहिए थी। उसने जो ट्रस्ट बना रखा है उसमें डोनेशन मांग लेता।बाबा रामदेव ने खुलासा नहीं किया कि आखिर ये मंत्री और मुख्यमंत्री कौन था। उनके नाम बाबा रामदेव ने नहीं बताए। लेकिन जो खुलासा किया है वो एक बार फिर नेताओं पर सवाल खड़ा करने के लिए काफी है। खादी बिना पैसे के नहीं मानती। यही बताने की कोशिश कर रहे हैं बाबा रामदेव। बाबा रामदेव का कहना है कि एक मुख्यमंत्री से ऐसे शब्द सुनकर वो भी हैरत में रह गए।बाबा रामदेव ने इस खुलासे पर लोगों से खूब तालियां बटोरीं। उनका कहना है कि उन्होंने भ्रष्टाचार पर देश भर में मुहिम छेड़ी हुई है। लगे हाथ बाबा रामदेव ने केंद्र सरकार पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने 2ळ घोटाले का मतलब जनता को समझाया। बतलाया कि कितना होता है एक लाख 76 हजार करोड़ रुपया।घूसखोरी पर एक के बाद एक बड़ी हस्तियां अपनी जुबान खोल रही हैं। पहले रतन टाटा, फिर राहुल बजाज और अब बाबा रामदेव। साफ है देश की रगों में इस वक्त घूसखोरी और भ्रष्टाचार खून की तरह दौड़ रहा है। लेकिन इस पर रोक लगाने वाला कोई नहीं है। जनता सुन रही है। देख रही है। लेकिन नेताओं, अफसरों को शायद होश में आने में अभी वक्त लगेगा।
शत्रुंजय सिंह
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