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Nandita Mahtani hosts a birthday party for Tusshar Kapoor

http://www.sakshatkar.com/2017/11/nandita-mahtani-hosts-birthday-party.html

बलात्कार का मुजरिम अभी तक पकड़ से बाहर

श्रीपति त्रिवेदी-
उत्तर पूर्वी युवती के साथ बलात्कार करने वाले चार लोगाें में से एक का स्केच जारी कर दिया गया है लेकिन खुद पुलिस वाले कह रहे हैं कि उन्हें इस आदमी का चेहरा किसी अपराधी के तौर पर याद नहीं आता और यह चेहरा उनकी फाइलों में भी नहीं है।
अभी घटना की शिकार इस लड़की से उसकी याददाश्त के आधार पर बनवाने की कोशिश हो रही है ताकि अगर हो सके तो असली गुनहगारों को पकड़ा जा सके। दिल्ली में इस साल बलात्कार की जो घटनाए हुई हैं उनमें 20 प्रतिशत से ज्यादा लोग नहीं पकड़े गए। उत्तर पूर्व से आई लड़कियां तो भाषा के मामले में भी काफी मुसीबत में रहती है इसलिए उनसे अपराधियों को पकड़ने में सहयोग मिलने की उम्मीद कम ही की जाती है। चार साल पहले धौलाकुंआ पर ही बलात्कार की शिकार मणिपुर की एक लड़की कुछ दिन पुलिस के आंच में सहयोग के बाद वापस लौट गई और आज तक दिल्ली नहीं आई।
दिल्ली के सनसनीखेज धौला कुआं गैंगरेप कांड में पुलिस ने एक आरोपी का स्केच जारी किया है। चश्मदीदों के बयान और सबूतों के आधार पर पुलिस ने उस आरोपी का हुलिया तैयार किया है। इसके अलावा पुलिस ये भी दावा कर रही है कि वो केस को जल्द ही सुलझा लेगी।
गोल चेहरा, छोटे बाल वाला ये शख्स वारदात की रात उन चारों आरोपियों के साथ था। वारदात के 72 घंटे बाद दिल्ली पुलिस ने एक चश्मदीद से पूछताछ के आधार पर इस शख्स का स्केच जारी किया है। इसकी उम्र 20 से 30 साल के बीच है। पुलिस का दावा है कि इस स्केच के अलावा उसे वारदात से जुड़े कुछ और अहम सबूत भी मिले हैं।
पुलिस को मिले चश्मदीद ने सबसे नजदीक से इसी शख्स को देखा था। बाकी के तीनों आरोपियों की उम्र इसी आरोपी के आसपास है। इस जानकारी के अलावा पुलिस को अब तक कोई और सुराग नहीं लग पाया है। वहीं इस घटना के बाद क्रिस्चिएन एसोसिएशन काउंसिल ने भी दिल्ली पुलिस से मिलकर काम करने वाली लड़कियों की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की।
इस घटना के बाद से दिल्ली पुलिस ने भी अपनी कमर कस ली है। पुलिस ने 100 नंबर पर कॉल करने वाली हर महिला को 5 मिनट में मदद करने का वादा किया है। लेकिन सवाल ये है कि क्या दिल्ली पुलिस महज एक स्केच जारी कर अपनी पल्ला झाड़ सकती है? घटना के तीन दिन बाद भी दिल्ली पुलिस और कोई सबूत क्यों नहीं जुटा पाई?
सीसीटीवी से दिल्ली पुलिस को कोई सुराग क्यों नहीं मिला। क्या दिल्ली पुलिस खुद मानती है कि पहले 100 नंबर पर कॉल करने के बाद महिलाओं को तुरंत राहत नहीं मिलती थी। साफ है कि दिल्ली पुलिस का रवैया पहले की तरह अब भी ढीला ढाला है और इसीलिए तमाम कोशिशों के बाद भी बदमाशों पर लगाम नहीं लगाई जा सकी है।

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