दिनांक 18 नवम्बर, 2010 को कतिपय टीवी चैनलों पर योगगुरु स्वामी रामदेव जी का वक्तव्य प्रसारित हुआ। उस वक्तव्य में स्वामी राम देव जी ने खुलासा किया कि उत्तराखण्ड के एक मंत्री ने उनसे दो करोड़ रुपये रिश्वत की मांग की थी। उक्त घटना की शिकायत उस समय के मुख्यमंत्री से की तो मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मंत्री को राशि चन्दे के रुप में मांगनी चाहिए थी। उक्त वक्तव्य के कुछ देर बाद एक टीवी चैनल ने पंतजलि योगपीठ के महामंत्री वैद्य बालकृष्ण जी से प्रश्न किये कि यह घटना कब की है, मंत्री कौन थे? रिश्वत किस काम को करने के लिए मांगी गई।
इन प्रश्नों के जवाब में बालकृष्ण जी ने जवाब दिया कि घटना डेढ -दो वर्ष पुरानी है। मंत्री के नाम का खुलासा बाद में किया जायेगा। आश्रम में दवाईयां आदि विभिन्न प्रकार की सामग्री आदि बनाई जाती है, उनके लिये अलग-अलग लाइसेंस आदि की जरुरत पड़ती है। रिश्वत उसके एवज में मांगी गयी थी।
आज की मेरी प्रेस वार्ता निम्न बिन्दुओं के परिपेक्ष में हैः-
क) स्वामी रामदेव जी देश में योग, स्वदेशी एंव भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग का भी वे ऐलान कर रहे हैं। इसलिये मैं रामदेव जी एंव उनके उपरोक्त कार्यों का पूर्ण सम्मान एंव समर्थन करता हूं। मैं उम्मीद करता हूं कि भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई को वे आगे बढ़ायेंगे एंव भ्रष्टाचारियों को बेनकाब करेंगे।
ख) स्वामी रामदेव जी एंव वैद्य बाल कृष्ण जी की तरफ से व्यक्तव्य आया है कि उपरोक्त घटना डेढ-दो वर्ष पूर्व की है। मैंने उत्तराखण्ड का मुख्यमंत्री पद 27 जून 2009 के मध्यान्ह छोड़ा था। तब से आज तक 17 माह पूरे होने वाले हैं। श्री राम देव जी के व श्री बाल कृष्ण जी के व्यक्तव्यों से ऐसा प्रतीत हुआ कि घटना मेरे मुख्यमंत्रित्व काल की भी हो सकती है।
ग) अतः इस वक्तव्य पर अपनी एंव अपने कार्यकाल की स्थिति को स्पष्ट करना मेरा कर्तव्य हो जाता है। मेरा कहना है कि -
1- स्वामी रामदेव जी ने कभी मुझसे न तो किसी मंत्री द्वारा उनसे 2 करोड़ रुपये मांगने की सूचना दी और ना ही शिकायत की। बल्कि राम देव जी ने कभी भी मुझसे किसी भी मंत्री के भ्रष्टाचार के सबंध में शिकायत नहीं की।
2- अतः स्वामी राम देव जी से मेरा निम्न अनुरोध है - i - वे उस मंत्री का नाम बतायें जिसने उनसे दो करोड़ रुपये मांगे?ii - क्या उन्होंने दो करोड़ रुपये की रिश्वत दी?iii - रुपये मांगने की घटना ठीक किस तिथि की है?iv - उन्होंने कब और किस मुख्यमंत्री से मंत्री की शिकायत की?
जहां तक मेरा प्रश्न है तो मैं स्पष्ट कर चुका हूं कि न तो स्वामी राम देव जी ने मुझे इस बारे में कभी कुछ बताया, ना ही कल से पूर्व मुझे इस बात का पता था।
मैं किसी प्रकार के भ्रष्टाचार का सदैव विरोधी रहा हूं तथा भ्रष्टाचार के विरुद्व हर मुहिम का स्पष्ट पक्षधर हूं। मेरे लोकसभा कार्यकाल, केन्द्र में मंत्री कार्यकाल एंव प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यकाल सहित अपने पूरे राजनैतिक जीवन में मैं सुचिता एंव पारदर्शिता का पक्षधर तथा भ्रष्टाचार का विरोधी रहा हूं। भ्रष्टाचार की शिकायत का मैंने सीधे समाचार माध्यमों के माध्यम से भी संज्ञान दिया है। उदाहरणार्थ चम्बा काण्डा ताल फल पट्टी में अवैध निर्माण एंव टिहरी में वन विभाग के कुछ अधिकारियों द्वारा अवैध कटान का मैंने समाचार माध्यमों के समाचारों का संज्ञान लिया तथा तुरन्त कार्यवाही भी की। मेरे केन्द्रीय भूतल परिवहन मंत्री रहते हुये पंजाब के छोटे से पत्र ने मेरे कार्यालय में किसी अधिकारी द्वारा 20 लाख रुपये घूस लेने का समाचार छापा। समाचार का संज्ञान लेते हुये मैंने तत्कालीन चीफ विजलेन्स कमिशनर श्री विटटल को लिखित रुप में अपने कार्यालय की विजलेन्स जांच करने के लिये लिखा। उन्होंने जांच कर मेरे कार्यालय को क्लीन चिट भी दी थी। अर्थात भ्रष्टाचार यदि कोई मेरा निकट व्यक्ति भी कर रहा हो तो मैं उसे माफ करने वाला नही हूं। यदि स्वामी राम देव जी ऐसी कोई भी बात मुझसे करते तो संबंधित मंत्री को तुरन्त मंत्री पद से हटाकर अवश्य आवश्यक जांच करवाता।
मैं इस अवसर पर यह भी स्पष्ट करना चाहता हूं कि मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद मेरी स्वच्छ छवि को धूमिल करने हेतु समाचारों को एंव घटनाओं को तोड-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। मैं एक जिम्मेदार राजनैतिक कार्यकर्त्ता होने के नाते एंव जिम्मेदार पदों पर पूर्व में आसीन होने के कारण सारी चीजों को राजनैतिक स्वार्थ के लिये सार्वजनिक करने का पक्षधर नही हूं। मेरी इस जिम्मेदारी के अहसास को कुछ लोग कमजोरी समझने की भूल कर लगातार मुझ पर आक्रमण कर रहे हैं। लेकिन जनता मेरे चरित्र एंव कार्यशैली से भली-भांति परिचित है। सुचिता के प्रति हर कीमत पर मेरी प्रतिबद्वता से भी जनता वाकिफ है। मैं एक बार फिर भ्रष्टाचार के खिलाफ एंव सुचिता के पक्ष में अपनी प्रतिबद्वता प्रदर्शित करते हुये उत्तराखण्ड को आदर्श राज्य ( मॉडल स्टेट) बनाने हेतु अपना संकल्प दोहराता हूं। मुझे आशा है कि स्वामी रामदेव भी सारी बातों को स्पष्ट व सार्वजनिक कर उत्तराखण्ड को आदर्श राज्य बनाने हेतु अपना सहयोग प्रदान करेंगे ।
इन प्रश्नों के जवाब में बालकृष्ण जी ने जवाब दिया कि घटना डेढ -दो वर्ष पुरानी है। मंत्री के नाम का खुलासा बाद में किया जायेगा। आश्रम में दवाईयां आदि विभिन्न प्रकार की सामग्री आदि बनाई जाती है, उनके लिये अलग-अलग लाइसेंस आदि की जरुरत पड़ती है। रिश्वत उसके एवज में मांगी गयी थी।
आज की मेरी प्रेस वार्ता निम्न बिन्दुओं के परिपेक्ष में हैः-
क) स्वामी रामदेव जी देश में योग, स्वदेशी एंव भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग का भी वे ऐलान कर रहे हैं। इसलिये मैं रामदेव जी एंव उनके उपरोक्त कार्यों का पूर्ण सम्मान एंव समर्थन करता हूं। मैं उम्मीद करता हूं कि भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई को वे आगे बढ़ायेंगे एंव भ्रष्टाचारियों को बेनकाब करेंगे।
ख) स्वामी रामदेव जी एंव वैद्य बाल कृष्ण जी की तरफ से व्यक्तव्य आया है कि उपरोक्त घटना डेढ-दो वर्ष पूर्व की है। मैंने उत्तराखण्ड का मुख्यमंत्री पद 27 जून 2009 के मध्यान्ह छोड़ा था। तब से आज तक 17 माह पूरे होने वाले हैं। श्री राम देव जी के व श्री बाल कृष्ण जी के व्यक्तव्यों से ऐसा प्रतीत हुआ कि घटना मेरे मुख्यमंत्रित्व काल की भी हो सकती है।
ग) अतः इस वक्तव्य पर अपनी एंव अपने कार्यकाल की स्थिति को स्पष्ट करना मेरा कर्तव्य हो जाता है। मेरा कहना है कि -
1- स्वामी रामदेव जी ने कभी मुझसे न तो किसी मंत्री द्वारा उनसे 2 करोड़ रुपये मांगने की सूचना दी और ना ही शिकायत की। बल्कि राम देव जी ने कभी भी मुझसे किसी भी मंत्री के भ्रष्टाचार के सबंध में शिकायत नहीं की।
2- अतः स्वामी राम देव जी से मेरा निम्न अनुरोध है - i - वे उस मंत्री का नाम बतायें जिसने उनसे दो करोड़ रुपये मांगे?ii - क्या उन्होंने दो करोड़ रुपये की रिश्वत दी?iii - रुपये मांगने की घटना ठीक किस तिथि की है?iv - उन्होंने कब और किस मुख्यमंत्री से मंत्री की शिकायत की?
जहां तक मेरा प्रश्न है तो मैं स्पष्ट कर चुका हूं कि न तो स्वामी राम देव जी ने मुझे इस बारे में कभी कुछ बताया, ना ही कल से पूर्व मुझे इस बात का पता था।
मैं किसी प्रकार के भ्रष्टाचार का सदैव विरोधी रहा हूं तथा भ्रष्टाचार के विरुद्व हर मुहिम का स्पष्ट पक्षधर हूं। मेरे लोकसभा कार्यकाल, केन्द्र में मंत्री कार्यकाल एंव प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यकाल सहित अपने पूरे राजनैतिक जीवन में मैं सुचिता एंव पारदर्शिता का पक्षधर तथा भ्रष्टाचार का विरोधी रहा हूं। भ्रष्टाचार की शिकायत का मैंने सीधे समाचार माध्यमों के माध्यम से भी संज्ञान दिया है। उदाहरणार्थ चम्बा काण्डा ताल फल पट्टी में अवैध निर्माण एंव टिहरी में वन विभाग के कुछ अधिकारियों द्वारा अवैध कटान का मैंने समाचार माध्यमों के समाचारों का संज्ञान लिया तथा तुरन्त कार्यवाही भी की। मेरे केन्द्रीय भूतल परिवहन मंत्री रहते हुये पंजाब के छोटे से पत्र ने मेरे कार्यालय में किसी अधिकारी द्वारा 20 लाख रुपये घूस लेने का समाचार छापा। समाचार का संज्ञान लेते हुये मैंने तत्कालीन चीफ विजलेन्स कमिशनर श्री विटटल को लिखित रुप में अपने कार्यालय की विजलेन्स जांच करने के लिये लिखा। उन्होंने जांच कर मेरे कार्यालय को क्लीन चिट भी दी थी। अर्थात भ्रष्टाचार यदि कोई मेरा निकट व्यक्ति भी कर रहा हो तो मैं उसे माफ करने वाला नही हूं। यदि स्वामी राम देव जी ऐसी कोई भी बात मुझसे करते तो संबंधित मंत्री को तुरन्त मंत्री पद से हटाकर अवश्य आवश्यक जांच करवाता।
मैं इस अवसर पर यह भी स्पष्ट करना चाहता हूं कि मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद मेरी स्वच्छ छवि को धूमिल करने हेतु समाचारों को एंव घटनाओं को तोड-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। मैं एक जिम्मेदार राजनैतिक कार्यकर्त्ता होने के नाते एंव जिम्मेदार पदों पर पूर्व में आसीन होने के कारण सारी चीजों को राजनैतिक स्वार्थ के लिये सार्वजनिक करने का पक्षधर नही हूं। मेरी इस जिम्मेदारी के अहसास को कुछ लोग कमजोरी समझने की भूल कर लगातार मुझ पर आक्रमण कर रहे हैं। लेकिन जनता मेरे चरित्र एंव कार्यशैली से भली-भांति परिचित है। सुचिता के प्रति हर कीमत पर मेरी प्रतिबद्वता से भी जनता वाकिफ है। मैं एक बार फिर भ्रष्टाचार के खिलाफ एंव सुचिता के पक्ष में अपनी प्रतिबद्वता प्रदर्शित करते हुये उत्तराखण्ड को आदर्श राज्य ( मॉडल स्टेट) बनाने हेतु अपना संकल्प दोहराता हूं। मुझे आशा है कि स्वामी रामदेव भी सारी बातों को स्पष्ट व सार्वजनिक कर उत्तराखण्ड को आदर्श राज्य बनाने हेतु अपना सहयोग प्रदान करेंगे ।
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भ्रष्टाचार के मामलों के लगातार उजागर होने से राज्य की छवि पर विपरीत असर पड़ रहा है। उत्तराखण्ड के लोग मेहनती व ईमानदार है, उनके राज्य की छवि भ्रष्टाचार की नहीं बननी चाहिए। स्वामी रामदेव जी द्वारा उठाये गये इस मुद्दे सहित जितने भी भ्रष्टाचार के मुद्दे उत्तराखण्ड में उठ रहे हैं, उनकी किसी उच्च एंव स्वतंत्र एजेन्सी से जांच करवाकर दोषियों को दण्डित किया
Sabhaar :- bhadas4media.com
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