प्रवासी टुडे के तत्वावधान में कनॉट प्लेस में नेशनल इंस्टीट्यूट आफ नेशनल अफेयर्स एवं प्रवासी टुडे के तत्वावधान में हिंदी संसार एवं नुक्कड़ (सामूहिक ब्लाग) तथा हिंदी ब्लाग विमर्श का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रवासी भारतीय कनाडा निवासी प्रमुख ब्लागर व साहित्यकार समीर लाल उर्फ उड़नतश्तरी थे. विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रख्यात व्यंगकार जनमेजय और विख्यात तकनीक विशेषज्ञ बालेन्दु दाधीच थे.
इस कार्यक्रम में दिल्ली एवं आसपास के चालीस से ज्यादा ब्लागरों ने शिरकत की. मुख्य अतिथि समीर लाल ने अपने मस्तमौला अंदाज़ में बोलते हुए न सिर्फ़ अपने अनुभव बांटे, बल्कि वहां मौजूद ब्लॉगरों एवं शिक्षार्थियों की जिज्ञासा का समाधान भी किया. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हिंदी ब्लॉगिंग एक बडी ताकत के रूप में उभर कर सामने आ रहा है. इसलिए ब्लॉगिंग करने वाले हर ब्लॉगर को एक जिम्मेदारी का स्वत: अहसास होना चाहिए.
विशिष्ट अतिथि बालेन्दु दाधीच ने अपनी बात रखते हुए हिंदी ब्लॉगिंग की वर्तमान स्थिति, रुझान, समस्याएं, संभावानाओं आदि पर खुल कर अपनी बात कही. उन्होंने ब्लॉगर्स को आंकडों की भाषा में बताया समझाया तथा कई बारीकियों को भी साझा किया. गगनांचल और व्यंग्ययात्रा के संपादक प्रेम जनमेजय ने कहा कि वे इस क्षेत्र में नए हैं, इसलिए सबका साथ अपेक्षित है.
कार्यक्रम के आयोजक अविनाश वाचस्पति ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि सार्थक ब्लॉगिंग आखिर है क्या, यही सवाल सबके सामने है. जहां तक मेरा विचार है कि ध्वस्त हो रहे जीवन मूल्यों, सामाजिकता, जनसेवा की भावना को पूरा रचनात्मक सकारात्मकता के साथ आपस में साझा करना, जिसके मानवता की बेहतरी की ओर तेज कदमों से आगे बढ़ा जा सके, यही सार्थक ब्लागिंग है.
कार्यक्रम का संचालन अनिल जोशी ने किया. कार्यक्रम में सुश्री सरोज, सुश्री सुनीता शानू, डॉ वेद व्यथित, सुरेश यादव, सुश्री रचना, सुश्री प्रतिभा कुशवाहा, मयंक सक्सेना, सतीश सक्सेना, डॉ टीएस दराल, अरविंद चतुर्वेदी, एम वर्मा, रतन सिंह शेखावत, पद्म सिंह, नीरज जाट, शाहनवाज सिद्दिकी, विनोद पांडेय, राजीव, संजू तनेजा, तारकेश्वर गिरी, अजय कुमार झा, कनिष्क कश्यप, कौशल मिश्रा, नवीन चंद्र जोशी, मोहिन्दर कुमार, निर्मल वैद, पंकंज नारायण, दीपक बाबा, अपूर्वा बजाज, सुश्री रिया नागपाल सहित कई लोग मौजूद थे.
इस कार्यक्रम में दिल्ली एवं आसपास के चालीस से ज्यादा ब्लागरों ने शिरकत की. मुख्य अतिथि समीर लाल ने अपने मस्तमौला अंदाज़ में बोलते हुए न सिर्फ़ अपने अनुभव बांटे, बल्कि वहां मौजूद ब्लॉगरों एवं शिक्षार्थियों की जिज्ञासा का समाधान भी किया. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हिंदी ब्लॉगिंग एक बडी ताकत के रूप में उभर कर सामने आ रहा है. इसलिए ब्लॉगिंग करने वाले हर ब्लॉगर को एक जिम्मेदारी का स्वत: अहसास होना चाहिए.
विशिष्ट अतिथि बालेन्दु दाधीच ने अपनी बात रखते हुए हिंदी ब्लॉगिंग की वर्तमान स्थिति, रुझान, समस्याएं, संभावानाओं आदि पर खुल कर अपनी बात कही. उन्होंने ब्लॉगर्स को आंकडों की भाषा में बताया समझाया तथा कई बारीकियों को भी साझा किया. गगनांचल और व्यंग्ययात्रा के संपादक प्रेम जनमेजय ने कहा कि वे इस क्षेत्र में नए हैं, इसलिए सबका साथ अपेक्षित है.
कार्यक्रम के आयोजक अविनाश वाचस्पति ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि सार्थक ब्लॉगिंग आखिर है क्या, यही सवाल सबके सामने है. जहां तक मेरा विचार है कि ध्वस्त हो रहे जीवन मूल्यों, सामाजिकता, जनसेवा की भावना को पूरा रचनात्मक सकारात्मकता के साथ आपस में साझा करना, जिसके मानवता की बेहतरी की ओर तेज कदमों से आगे बढ़ा जा सके, यही सार्थक ब्लागिंग है.
कार्यक्रम का संचालन अनिल जोशी ने किया. कार्यक्रम में सुश्री सरोज, सुश्री सुनीता शानू, डॉ वेद व्यथित, सुरेश यादव, सुश्री रचना, सुश्री प्रतिभा कुशवाहा, मयंक सक्सेना, सतीश सक्सेना, डॉ टीएस दराल, अरविंद चतुर्वेदी, एम वर्मा, रतन सिंह शेखावत, पद्म सिंह, नीरज जाट, शाहनवाज सिद्दिकी, विनोद पांडेय, राजीव, संजू तनेजा, तारकेश्वर गिरी, अजय कुमार झा, कनिष्क कश्यप, कौशल मिश्रा, नवीन चंद्र जोशी, मोहिन्दर कुमार, निर्मल वैद, पंकंज नारायण, दीपक बाबा, अपूर्वा बजाज, सुश्री रिया नागपाल सहित कई लोग मौजूद थे.
sabhaar : bhadas4media.com
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