सोशल नेटवर्किंग साइट्स अब केवल अपने विचार एवं भावनाओं को व्यक्त करने के मंच ही नहीं रह गए हैं बल्कि अब ये राहत कोष भी साबित हो रहे हैं। इसे साबित किया फेसबुक के जरिए एक पत्रकार के इलाज के लिए जुटाए गए पैसों ने। कानपुर के एक बीमार पत्रकार की मदद के लिए उनके कुछ जानने वाले पत्रकारों ने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर लोगों से मदद की अपील की थी। और देखते ही देखते करीब 60 हजार रुपए एक हफ्ते के अंदर एकत्र हो गए, जिसे बीमार पत्रकार को सौंप दिया गया।
कानपुर के एक दैनिक के पत्रकार दीपचन्द पांडे को कैंसर हो गया है। वे अपना इलाज मुंबई स्थित टाटा मेमोरियल हास्पीटल में करवा रहे थे। इस इलाज पर उन्होंने करीब तीन लाख रुपए खर्च हो चुके थे। इसी बीच उन्हें पता चला कि उनकी 21 साल की बीए में पढ़ने वाली बेटी शिखा को 'ब्लड कैंसर' हो गया है। इसके बाद दीपचंद ने अपना इलाज अधूरा छोड़कर अपनी बेटी के कैंसर इलाज शुरू करा दिया। परन्तु इस जानलेवा और पैसा खाऊ बीमारी के चलते उनकी आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई और पैसे की कमी इलाज के आड़े आने लगी।
दीपचंद और उनकी बेटी को कैंसर होने और इलाज कराने में आर्थिक दिक्कत आने की जानकारी उनके कुछ साथियों को मिली, तब उन लोगों ने उनके इलाज में मदद की खातिर सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर उनकी फोटो के साथ लोगों से मदद करने की अपील की। फेसबुक पर किए गए इस अपील का असर यह हुआ कि देखते ही देखते देश-विदेश से कई लोग मदद के लिए हाथ बढ़ाने लगे। इन सभी के सहयोग से लगभग 60 हजार रुपये इकट्ठे हो गए। इसे सहयोगियों ने दीपचंद को सौंप दे दिया।
Sabhar:-bhadas4media.com
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