अमर उजाला, लखनऊ के संपादक डा. इदुशेखर पंचोली के अत्याचार ने एक पत्रकार के ससुर की जान ले ली. दामाद की नौकरी जाने का उनको इतना गहरा सदमा लगा कि हार्ट-अटैक से उनकी मौत हो गई. अब तक अपनी डांट से कई अधीनस्थों को बेहोश कर चुके इंदुशेखर पंचोली पर चाहे-अनचाहे एक व्यक्ति की जान लेने का आरोप भी लग गया है. घटना से नाराज लखनऊ के पत्रकार पंचोली पर हत्या का मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग की है.
मामला अमर उजाला में कार्यरत सीनियर सब एडिटर अंशु दीक्षित से जुड़ा हुआ है. अंशु दीक्षित गिनती लखनऊ के जुझारु युवा रिपोर्टरों में की जाती है. उनके पास कई महत्वपूर्ण बीट के अलावा रेलवे का बीट भी है. रेलवे रिपोर्टिंग में अंशु की पकड़ बेहद मजबूत मानी जाती है. कालका मेल दुर्घटना के दिन उनसे एक गलती हो गई, उन्होंने इस हादसे की जानकारी होने के बाद संपादक को जानकारी दिए बगैर खबर जुटाने के लिए रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के पास पहुंच गए.
इंदुशेखर पंचोली को अंशु की यही बात नागवार गुजरी. उन्होंने सूचना न दिए जाने को अपना तौहीन माना. खबर के तत्परता दिखाने वाले अंशु को शाबाशी देने की बजाय अंशु के ऑफिस पहुंचते ही उन पर भड़क गए तथा उन्हें बाहर निकलने का आदेश दे दिया. अंशु ने जब संपादक से अपनी गलती के बारे में पूछा तो उन्होंने जवाब देने की बजाय अंशु को नौकरी से निकाले जाने का फरमान सुना दिया. इसकी सूचना जब अंशु के ससुराल वालों को हुई तो बेवजह दामाद की नौकरी जाने से परेशान हो उठे. एक साल पहले ही अंशु की शादी हुई थी. इस खबर से पंजाब नेशनल बैंक में काम करने वाले उनके ससुर अंजनी मिश्र अत्यन्त आहत हुए.
इस घटना के बाद से ही अंजनी मिश्र बार-बार बड़बड़ाने लगे कि उनकी बेटी का क्या होगा. उनकी बेटी का जीवन तो मुश्किल हो गया. अंशु की नौकरी जाने के बाद से ही वे तनाव में आ गए थे. इस घटना के बाद से अंशु भी काफी परेशान थे. तीन दिन तक तनाव में रहने के बाद अंजनी मिश्र की बुधवार को हार्ट-अटैक से मौत हो गई. इसके बाद अंजनी मिश्र का पूरा परिवार ही टूट गया है. अंशु तो इस घटना से और अधिक व्यथित बताए जा रहे हैं. संपादक की हठधर्मिता ने एक हंसते खेलते परिवार की खुशियां छीन ली.
गौरतलब है कि जब से इंदुशेखर पंचोली ने अमर उजाला, लखनऊ की कमान थामी है तब से उनकी डांट और अत्याचार से कई सहयोगी बेहोश हो चुके हैं. सबके सामने अपने अधीनस्थों का अपमान करने के लिए खासे बदनाम रहे पंचोली के चलते ही सीनियर रिपोर्टर प्रद्युम्न तिवारी एक महीने तक बिस्तर से नहीं उठ सके थे. एक सीनियर पत्रकार उनकी अपमानित करने वाले व्यवहार से इतने आहत हुए थे कि आत्महत्या तक की कोशिश कर डाली थी. तीन महीने बेड पर पड़े रहे. एक पत्रकार डांट से कार्यालय के अंदर ही बेहोश हो गया था. अपने कार्यकाल में पंचोली अमर उजाला से डेढ़ दर्जन के आसपास पत्रकारों की नौकरी खा चुके हैं.
अंशु दीक्षित के ससुर के साथ हुए हादसे के बाद से लखनऊ के तमाम पत्रकारों में रोष है. उत्तर प्रदेश रचनाशील जर्नलिस्ट यूनियन ने अंशु दीक्षित के साथ हुए इस बर्ताव की घोर निंदा की है. साथ उन्होंने अंजनी मिश्र की आत्मा की शांति के श्रद्धांजलि अर्पित की. यूनियन के महामंत्री मुनेश शुक्ल ने यूपी के पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था ब्रजलाल को फैक्स भेजकर इंदुशेखर पंचोली के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है. इस संदर्भ में पत्रकारों का एक दल जल्द ही अमर उजाला समूह के एमडी राजुल माहेश्वरी से मिलेगा.
Sabhar:- Bhadas4media.com
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