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Nandita Mahtani hosts a birthday party for Tusshar Kapoor

http://www.sakshatkar.com/2017/11/nandita-mahtani-hosts-birthday-party.html

ये वीडियो देखने के बाद भी आप कहेंगे कि भारत में कानूनराज है?

मुंबई पुलिस की क्रूरता का वीडियो : मुंबई से एक साथी ने यह वीडियो भड़ास4मीडिया के पास भेजा है. कुछ मिनट के इस वीडियो के जरिए आप देखकर जान सकते हैं कि अपनी भारतीय पुलिस कितनी बर्बर और अराजक है. दुनिया भर में पुलिसिंग को जनपक्षधर बनाने और न्यूनतम हिंसा के जरिए संचालित किए जाने के प्रयास जोरों पर है. लेकिन अपने देश में पुलिस ने जैसे तय कर रखा हो कि उसे तो सिर्फ डंडे के जरिए ही पुलिसिंग करनी है, बाकी कोई फंडा नहीं सीखना.
वीडियो देखने से पता चल रहा है कि एक कम उम्र के लड़के को मुंबई के पनवेल इलाके के पुलिस वाले बेतरह मार रहे हैं. दो पुलिस वालों ने उसके हाथ-पैर पकड़ कर उल्टा कर रखा है और दो-तीन अन्य पुलिस वाले लड़के की पीठ पैर आदि पर पट्टों, फट्टों, लाठियों के जरिए मारे जा रहे हैं. जब लड़का बुरी तरह चीखने लगता है तो उसे कुछ देर के लिए छोड़ते हैं और वह लड़का जाने क्या क्या बोलता रहता है. संभव है, जो युवक इन पुलिस वालों की क्रूरता का शिकार हो रहा है, उसका किसी मामले में कोई अपराध हो और पुलिस उससे कुछ पता लगाने का काम कर रही हो लेकिन क्या यही एक तरीका है पता लगाने का? और, क्यों यह पिटाई का हथियार ही गरीब लोगों पर अप्लाई किया जाता है जबकि कोई अमीर आदमी या बड़ा माफिया पकड़ा जाता है तो यही पुलिस वाले थाने में बिठाकर उसको चाय-पानी पिलाने लगते हैं. क्या पुलिस वालों का डंडा भी अमीर-गरीब के हिसाब से ही चलते हैं?
इस देश में मानवाधिकार आयोग समेत कई ऐसे संस्थान, प्रतिष्ठान, संगठन आदि हैं जो पुलिस उत्पीड़न के शिकार लोगों के लिए काम करते हैं पर ज्यादातर मामलों में गरीब व अशिक्षित लोग इन संगठनों तक पहुंच ही नहीं पाते. इसी कारण पुलिस वाले गरीबों पर अपने डंडों का बेखौफ प्रयोग करते रहते हैं. इस वीडियो के डिटेल्स नहीं पता हैं. कोई पत्रकार साथी अगर वीडियो में दिख रहे युवक व पुलिस वालों व संबंधित प्रकरण के बारे में बता सके तो इस मामले को विस्तार से जाना जा सकता है और न्याय के लिए पहल की जा सकती है. फिलहाल तो यही कहा जा सकता है कि हम भारत में रहते हुए पाकिस्तान-अफगानिस्तान में अराजक हालात को देखकर जिस तरह चिंतित होते हैं और फिर शुक्र मनाते हैं कि हम भारत में हैं जहां ऐसा कुछ नहीं होता, वह सब सिर्फ दिल को खुश रखने का खयाल भर है. अपने भारत में भी आम जन का बहुत भयंकर शोषण व उत्पीड़न होता है और अपराधी-आरोपी किस्म के पुलिसवालों का कोई कुछ नहीं बिगाड़ पाता.
वीडियो देखने के लिए क्लिक करें- मुंबई में पनवेल पुलिस का कारनामा
यशवंत
एडिटर
भड़ास4मीडिया
संपर्क- yashwant@bhadas4media.com

Sabhar:- Bhadas4media.com

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