रांची .26 नवंबर. वार्ता. झारखंड विधानसभा अध्यक्ष सीपी सिंह ने राज्य
सरकारों से आग्रह किया है कि वह पत्रकारों की सुरक्षा सुनििश्चत करे
और अप्रिय घटना होने पर उनके परिवारों की जिम्मेदारी वहन करें ।
नेशनल यूनियन आफ जर्नलिस्ट्स की दो दिवसीय राष्ट्रीय
कार्यकारिणी की बैठक का आज यहां उद्घाटन करते हुए श्री सिंह ने
उपरोक्त अपील की । उन्होंने कहा कि पत्रकारिता अब मिशन नहीं
उत्पाद बन गया है। समाचार पत्र भी लाभ कमाने के लिए निकाले जा
रहे हैं । पत्रकार अपनी जान जोखिम में डाल कर काम करते हैं इसलिए
राज्य सरकारों की जिम्मेदारी बनती है कि वे उनकी सुरक्षा सुनििश्चत
करें और पत्रकार की मृत्यु उपरांत उसके परिवार के पालन शिक्षा और स्वास्थ्य की जिम्मेदारी वहन करें । उन्होंने कहा कि मीडिया . विधायिका . कार्यपालिका व
न्यायपालिका को दर्पण दिखाती है . पर उसे स्वयं भी आईना देखना
चाहिए और समाज में शुचिता लाने के लिए केवल नकारात्म ही नहीं
सकारात्म पहलू को भी दिखाना चाहिए ।
हिंदी दैनिक प्रभात ख़बर के संस्थापक संपादक एवं वरिष्ठ पत्रकार
शिव नारायण विनोद ने अपने संबोधन में मीडिया की गिरती
विश्वसनीयता को बडी चुनौती बताया । उन्होंने कहा कि यह सच है
कि देश में लोकतंत्र की रक्षा मीडिया ही कर रहा है .पर उसे अपनी
विश्वसनीयता को बनाए रखना है । उन्होंने कहाकि न्यायपालिका .
विधायिक और कार्यपालिका को सही दिशा मीडिया ही दिखा रहा है ।
अगर मीडिया अपनी जिम्मेदारी भली भांति नहीं निभाता तो देश में बडे
बडे घोटाले जनता के सामने नहीं आते ।
श्री विनोद ने पेड न्यूज को पत्रकारिता के लिए कलंक बताते हुए
कहा कि अब तो इसके भी आगे बढकर पैकेज डील होने लगी है जो
स्वस्थ्य लोकतंत्र के लिए शुभ सकेत नहीं है । उन्होंने पत्रकारों से
अपील की है कि ए नैतिक मूल्यों से कोई समझौता न करते हुए
निर्भीक पत्रकारिता करें ।
.
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने
सम्मेलन को भेजे अपने शुभकामना संदेश में कहा कि उनकी पाटीo
पत्रकारों के हितों और मीडिया से जुडे सभी महत्वपूर्ण मुद्दो पर हर
परिस्थिति में उनके साथ है।
एन.यू.जे. इंडिया. के अध्यक्ष प्रज्ञा नंद चौधरी में मजीठिया वेतन
आयोग की सिफारिशों पर केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना का जिक्र
करते हुए कहा कि हम सबके समक्ष सबसे बडी चुनौती वेतन बोर्ड की
अनुशंसाओं को सभी समाचार पत्रों और इलेक्ट्रानिक मीडिया में लागू
कराना है ताकि पत्रकारों को उनके अनुरूप वेतन और सुविधाएं मिल
सकें। उन्होंने वेतन बोर्ड की सिफारिशों का आधार एनयूजे के लंबे
संघर्ष को बताया। उन्होंने पेड न्यूज जैसी गलत परंपराओं का डटकर
विरोध करने और अख़बारों की बाजारवाद से बचने की सलाह दी।
संगठन के महासचिव रास विहारी ने अपने संबोधन में एनयूजे के
उद्देश्यों और कार्यो पर चर्चा करने के साथ पत्रकारों की सुरक्षा के लिए
सुरक्षा कानून बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि उनका संगठन
हमेशा ही साफ़ सुथरी पत्रकारिता के पक्ष में रहा है और पिछले चालीस
वषोo में उसके किसी भी सदस्य पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा है।
हिंदुस्तान के स्थानीय समाचार संपादक मनोरंजन सिंह ने
पत्रकारिता और बाजारवाद की चर्चा की। उन्होंने कहा कि आज
अख़बार इसलिए चलते हैं. क्योंकि उन्हें बाजार से तालमेल बनाकर
चलना होता है।
समारोह में विधानसभा अध्यक्ष ने संगठन की पत्रिका इंकवल्र्ड का
विमोचन किया। इस अवसर पर उन्हें और श्री विनोद सहित संगठन के
वरिष्ठ पत्रकारों को सम्मानित भी किया गया।
जेयूजे के अध्यक्ष रजत गुप्ता ने वेतन बोर्ड .पत्रकारों की आर्थिक
स्थिति. सरकारी विज्ञापन के मुद्दों पर विचार व्यक्त किए।
मंच संचालन दैनिक हिंदुस्तान के वरिष्ट पत्रकार नंदकिशोर
मुरलीधर ने किया।
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