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Nandita Mahtani hosts a birthday party for Tusshar Kapoor

http://www.sakshatkar.com/2017/11/nandita-mahtani-hosts-birthday-party.html

मेरे खिलाफ वही लाबी है जो स्वतंत्र मिश्र के खिलाफ लगी रही : पंकज दीक्षित


भड़ास4मीडिया ने मेरे इस्तीफे की गलत खबर प्रकाशित की है : प्रिय यशवंत जी, मैं ये बिलकुल नहीं कहूँगा कि आपने मेरे कार्यमुक्त होने की खबर क्यूँ लगायी, क्यूंकि खबर लगाना किसी भी पत्रकार और संपादक का अधिकार का होता है। एक बात और मेरे सहारा से कार्यमुक्त होने या नहीं होने की खबर से भी मुझ पर कुछ ख़ास फर्क नहीं पड़ता, क्यूंकि मेरी पहचान अपने इलाके में एक सनकी एवं कठोरतम पत्रकार पंकज दीक्षित से है, न कि किसी बैनर से। फिर भी आपके भड़ास के शुरुआती दिनों से जुड़ा होने के कारण अधिकार पूर्वक कहने का हक रखता हूँ, इसलिए कमेन्ट न लिख आपको मेल कर रहा हूँ।
मैंने आपसे वर्जन लेते समय खबर का सोर्स पूछा था, अपने कहा क्यूँ बताऊ? भाई कोई बात नहीं न बताओ, मगर मैं ये बता दूं कि आपके फोन के बाद मैंने अपने सीनियर जिन्हें मैं रिपोर्ट करता हूँ उनसे अपने सहारा में काम करने के बारे में पूछा तो मुझे जबाब मिला था ऐसा कुछ भी नहीं है। उन्होंने बताया कि भ्रम फैलाया जा रहा है और मेरे खिलाफ वही लाबी है, जो स्वतंत्र मिश्र के खिलाफ लगी रही, लेकिन मेरे द्वारा कोई काम बंद नहीं किया जाये। 
दूसरी बात आपकी खबर में जो लिखा है कि मेरी आईडी जमा करा ली गयी वो भी गलत है। मैंने आज ही एक खबर बनायीं और भेजी। आ डी मेरे पास है। मुझे काम बंद करने के लिए भी नहीं कहा गया। रही बात जाँच एवं आरोप की तो हर जिले में चोर टाइप के चिलमचोर पत्रकार होते हैं, जिनका काम बस अधिकारियों की चमचागिरी और खबरचियों को ऊँगली करने का होता है। मेरे साथ भी होता रहता है। ऐसे ही कुछ दलालों का शिकार मैं भी दो साल पहले हुआ था और एक पत्रकार ने मेरे खिलाफ भ्रामक खबर चलाने का मुकदमा लिखा दिया था। इन दलालों के गिरोह में रमेश अवस्थी का भाई अजय अवस्थी भी था, जिसे हटाकर मुझे सहारा टीवी में काम करने को कहा गया था।
एक बात और, मैंने जिला पंचायत फर्रुखाबाद में भर्ती घोटाला की खबर लिखी थी, जिसके कारण घोटाला न हो सका और उन सभी पत्रकारों का भी हिस्सा मारा गया। सारा खेल 50 लाख का था। वैसे मैं सब प्रचारित नहीं करना चाहता कि मैंने कोई कद्दू में तीर मारा था, ऐसी जाने कितनी ही खबरें हम रोज करते हैं। देखने वाली बात ये थी कि जिला पंचायत वालों ने मेरे खिलाफ मुक़दमा नहीं लिखाया कि मैंने फर्जी खबर लिखी थी, मगर दलाल पत्रकारों ने ये कारनामा कर डाला। इसके सिवा तो कोई आज तक मुझ पर कोई दाग नहीं लगा। इसी बात की जाँच क्या होगी जब मैं ख़ुद अपने बायोडाटा में भी इस बात का जिक्र कर देता हूँ। इस बात की शिकायत भी मेरे ज्वाइन करने से पहले हुई थी।
खैर, आपको भेजी गयी सूचना/खबर नितान्त झूठी एवं मुझे नीचा दिखाने के लिए थी, मगर मुझ पर अब इन खबरों से कोई असर नहीं पड़ता क्यूंकि मैं सेल्फ मेड पर्सन हूँ, जो आपसे छुपा नहीं है। ये बात सच है कि मैंने सहारा में ज्वाइन करने के बाद केवल बड़ी खबरे भेजी। हर रोज सड़कों पर कैमरा लेकर सबको चेहरा दिखाना मेरी फितरत में नहीं रहा। शायद इसी से कुछ भ्रम फ़ैल गया। ये सभी आज भी मेरे लिए दिन भर सोचते रहते हैं और मैं अपना काम करता रहता हूँ। बात मेरे जैसे के लिए हाथी के चलने और विरोधियों के कुत्ते जैसे भौंकने की है। इस बात की पुष्टि के लिए आप कानपुर ब्यूरो अनिरुद्ध जी से बात कर सकते हैं। नव वर्ष आप सभी को मंगलमय हो!
आपका अनुज
पंकज दीक्षित
9415333325
Sabhar:- Bhadas4media.com

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