लोकसभा सचिवालय भी जांच के दायरे में----------------
o स्वामी चिन्मयानंद पर रेप के आरोप वाला मामला अब एक नया मोड लेता हुआ दिख रहा है । जहां एक पक्ष स्वामी चिन्मयानंद को दोषी ठहरा रहा है वही दुसरे पक्ष का मानना हैं कि स्वामी के साथ चिदर्पिता भी समान रुप से दोषी हैं। चिदर्पिता के खिलाफ़ पक्ष का यह भी कहना है कि साधवी पत्रकारों से बचने का प्रयास कर रहीं हैं। लेकिन इन सभी आरोप प्रत्यारोप के बीच एक नया मामला उभर कर आया है , स्वामी का शादीशुदा और बाल बच्चेदार होने का। चिदर्पिता के पति बी पी गौतम ने लोकसभा से आर टी आई के तहत प्राप्त सूचना के आधार पर एक कागजात दिखाया है जिसमें स्वामी ने अपने आप को शादीशुदा बताया है तथा अपनी पत्नी का नाम अमितानंद बताया है जबकि बिहार मीडिया के द्वारा प्राप्त स्वामी का शपथ पत्र और लोकसभा के रिकार्ड में उपलब्ध बायो डाटा में स्वामी ने स्वयं को कुंवारा दर्शाया है । इस मुद्दे पर बात करने पर साधवी चिदर्पिता ने कहा कि वर्ष २०१० में एक आदमी ने स्वामी के शादीशुदा वाले बायोडाटा के आधार पर आश्रम का अध्यक्ष बनने पर आपति उठाई तो स्वामी ने उस बायोडाटा में परिवर्तन कराया । लेकिन अगर ऐसा है तो यह फ़्राड का मामला है और इसकी जांच के दायरे में लोकसभा सचिवालय भी आयेगा । यह मामला अब गंभीर रुख अख्तियार करता जा रहा है । जांच एजेंसी की जांच रिपोर्ट आने के बाद हीं कुछ पता चलेगा . ।वैसे बिहार मीडिया अपने स्तर से भी खोज बीन कर रहा है । हम यहां साधवी का और शाहजहांपुर के आइ बी एन 7 के पत्रकार सौरभ दीक्षित का इस संबंध में लिखे गये लेख को पोस्ट कर रहे हैं ।
साधवी की फ़ेसबुक पर की गई पोस्टिंग
o शाहजहाँपुर में रही अमिता सिंह नाम की लड़की कुछ समय...उसी का नाम अमिता नन्द कर दिया अपने नाम का नन्द देकर...बाद में सुना कि वह गोंडा रहती है...२००७ में एक १०-११ साल की लड़की को लाकर आश्रम में रखा कहा भतीजे की लड़की है...वह लड़की शान से रहती है कनखल के आश्रम में जबकि उसी लड़की का सगा भाई बताया जाने वाला लड़का वहाँ कमरों में झाड़ू लगाता है...एक ही परिवार के दो बच्चों के साथ दोगला व्यवहार क्यों...उस लड़की के विषय में बताया कि उसकी माँ मर गयी है...शायद वह उसी अमितानन्द की बेटी है..वह अब मर गयी या मार दी ईश्वर जाने या ये कृष्ण पाल उर्फ चिन्मयानन्द. सब ऐसे ही चला...यह भूल गया कि बायोडाटा में क्या लिखा है...२०१० में एक आदमी ने कहा कि यह विवाहित है और आश्रम अध्यक्ष नहीं हो सकता...सबूत के तौर पर वही बायोडाटा लगा दिया तो इसने आनन्-फानन उसे सही कराया...
· सौरभ दीक्षित का साधवी से संबंधित लेख
गौतम की कहानी में उलझ कर रह गईं साध्वी
सवालों से बचने को लगा रहीं हैं पत्रकारों पर आरोप
विरोधाभाशी ब्यानो की बजह से साध्वी अपने ही बुने जाल में फसती नजर आ रही है। कभी कहती है कि स्वामी के बंदूकधारी उन्हे हरिद्वार से मुमुक्षु आश्रम में लाकर बंधक बनाया वहीं अपने ब्लाग पर लिखती है कि स्वामी जी ने आश्रम में अपनी आंख बना कर भेजा था। स्वामी से वह दस सवाल पूछ रही है पर सवालो से खुद बच रही है। 30 नवम्बर को पुलिस अधीक्षक कार्यालय शाहजहांपुर में अपर पुलिस अधीक्षक के सामने पेस हुई जहां लगभग तीन घन्टे तक अपने ब्यान दर्ज कराये। उस के बाद साध्वी ने अपर पुलिस अधीक्षक से एसपी रमित शर्मा से मिलने की बिनती की। एसपी से मिलने के बाद वह सीधे कार्यालय से कैमरो और पत्रकारो से बचती हुई निकल गई। समाचार पत्रो और खबरिया चैनलो तक साध्वी की बात को पहुचाने का काम गौतम कर रहे है। गौतम पत्रकार है इस लिये पत्रकारो से अपने पक्ष में सहयोग मांग रहे है। यदि किसी पत्रकार ने साध्वी के खिलाफ कुछ लिख दिया तो दोनांे की तियोरियां चढ़ जाती है। पत्रकार जनता के सामने सच लाना चाहते है पर साध्वी सच से भाग रही है। जो वह दस सवाल स्वामी से कर रही है पर कुछ सवाल जनता भी साध्वी से जानना चाहती है कि यदि महिलाओं का सन्यास वर्जित है तो क्या कारण रहा कि संत से राजनेता बने स्वामी के साथ किस तरह का अध्यात्म का ज्ञान लेने के लिये जुड़ी थी?वह यह नही जानती थी कि बिना स्वार्थ के इस दुनिया में कोई किसी का साथ नही देता है स्वामी उनपर इतने मेहरवान क्यो थें? उन की उच्च शिक्षा पर इतना ध्यान क्यो दिया जा रहा था। स्वामी ने मंत्री बनने पर कोमल गुप्ता और उनके भाई का ही नाम क्यो पीए के लिये दिया? स्वामी के आश्रम से लेकर ब्यक्तिगत जिंदगी के सारे राज साध्वी जानती है। उनका आरोप है कि स्वामी शादी सुदा है उनके एक पुत्र भी है तो वह खुलासा करें कि स्वामी की पत्नी इस समय कहा है उनका पुत्र कहा है? यदि पुत्र,पत्नी है तो उस का कोई फोटो दिखाऐ जिस से यह सिद्ध हो कि स्वामी की शादी हो चुकी है जनता में भ्रामक खबरेें फैलाने से काम नही चलेगा।जब वह अपने ब्लाग पर खुद लिख रही है कि गौतम ने चुनाव लड़ने के लिये उन्हे प्रेरित किया और सीट का चुनाव भी किया। जब साध्वी को शाहजहांपुर की जनता जानती थी तो वह यहां की किसी भी सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर सकती थी पर बदायूॅ में क्या खास था जो वहां से जुनाव लडने का मन बना लिया। इस से तो यही लगता है कि गौतम चाहते थे कि साध्वी उनके करीब रह कर बदायूॅ से चुनाव लडे। जिस से गौतम को भी फायदा हो।
साध्वी कह रही है कि उन्हे बंधक बनाकर आश्रम में रखा गया पर कुछ तथ्य ऐसे है जिन से लगता है कि यह झूठ बोल रही है साध्वी ने अमरनाथ की या़त्रा अकेले की आश्रम से कोई भी साथ नही था। मुमुक्षु आश्रम और एसएस कालेज में समय समय पर होने बाले अनेक कार्यक्रमो में देश के जाने माने नेता,शिक्षाविद,प्रशासनिक अधिकारी आते रहे। उनके साथ साध्वी का उठना बैठना और बातचीत होती रही।एसएस कालेज के कार्यक्रमो में भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुरलीमनोहर जोशी से साध्वी ने एलएलबी की डिग्री ली थी। पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह ,रूहेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति जाहिद हुसैन जैदी,सत्यपाल गौतम,राजेन्द्र मिश्रा कुलपति सम्पूर्णा नन्द विश्व विद्यालय,शैलेन्द्र सागर ,गोरखपुर के सांसद योगी आदित्य नाथ,चन्द्रा स्वामी,चिन्तानन्द (मुनी जी) आदि बहुत से लोग समय समय पर आये।ऐसे मौको पर साध्वी ने कभी भी अपने बंधक होने के बारे में किसी भी वीवीआईपी को क्यो नही बताया?
क्या साध्वी स्वामी के साथ अपनी मर्जी से रह रही थी?क्या किसी के दबाव में आरोप लगा रही है साध्वी? आश्रम छोडकर मां,भाई के पास जाने के बजाये गौतम के पास क्यों गई?साध्वी और गौतम के पीछे किसी बडी हस्ती का हांथ तो नही है?यह कई अनसुलझे सवाल है जिन का जबाव अभी साध्वी को देना है।
साध्वी पत्रकारों पर आरोप लगाने से आप के गुनाह कम नही हो जाऐगे। आप अपने आप को साध्वी कहती हंै पर भाषा आप की ........जाहिलो बाली है।फेसबुक पर चाटुकारो द्वारा मिली सहानुभूती से कुछ हासिल होने वाला नही है.............
यहां हम स्वामी का चुनाव के समय दाखिल किया गया शपथ पत्र और लोकसभा में उपलब्ध बायोडाटा दे रहे हैं
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आर टी आई के तहत बी पी गौअत्म को प्राप्त सूचना
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