ऐसे टीवी चैनल क्यों खुलते हैं जो स्ट्रिंगरों का खून पी-पी कर अपने आप को जिन्दा रखना चाहते हैं. मैंने जीवन में सोचा था कि मास काम की पढ़ाई करने के बाद देश व अपने माता-पिता के लिए जीवन में कुछ करुंगा पर पत्रकारिता के फील्ड में आने के बाद पता चला कि यहां तो सब भ्रष्ट करप्ट लोग ही भरे पड़े हैं. जो लोग थोड़ा सही हैं वो काम ही नहीं कर पाते. मैं बात ए2जेड न्यूज चैनल की कर रहा हूं.
इस चैनल में पहले ब्यूरो प्रमुख के पद पर पुष्कल श्रीवास्तव थे. वो बहुत मेहनती व सिद्धांतवादी व्यक्ति थे. वह स्ट्रिंगरों की पीड़ा शायद समझते थे. इसलिए कभी किसी पर बिना मतलब का प्रेसर नही बनाते थे. उनकी वजह से a2z न्यूज चैनल की छवि धीरे-धीरे सुधरने लगी थी. परन्तु वरुण सिन्हा जैसे कुछ लोग आये हैं जो चुनाव के समय में चैनल मालिकों को बहुत सारा कमाकर देना चाहते हैं. ये मालिकों को बड़े-बड़े प्रलोभन देकर मोटी कमाई कराने में जुटे हैं. ये चल पड़े उत्तर प्रदेश की ओर. अपने लोगों का एक ग्रुप बनाकर स्ट्रिंगरों को धमकाने लगे और रुपये की डिमांड करने लगे. पन्द्रह हजार रुपये दो नहीं तो नौकरी से निकाल दूंगा. पूरी बातचीत की रिकार्डिंग भेज रहा हूं.
ये रहा टेप, क्लिक करके सुनें.. वाल्यूम फुल कर लें...
http://www.bhadas4media.com/print/1600-2012-01-04-09-47-18.html आलोक
बहराइच (यूपी)
upa2znews@gmail.com
Sabhar:- Bhadas4media.com
इस चैनल में पहले ब्यूरो प्रमुख के पद पर पुष्कल श्रीवास्तव थे. वो बहुत मेहनती व सिद्धांतवादी व्यक्ति थे. वह स्ट्रिंगरों की पीड़ा शायद समझते थे. इसलिए कभी किसी पर बिना मतलब का प्रेसर नही बनाते थे. उनकी वजह से a2z न्यूज चैनल की छवि धीरे-धीरे सुधरने लगी थी. परन्तु वरुण सिन्हा जैसे कुछ लोग आये हैं जो चुनाव के समय में चैनल मालिकों को बहुत सारा कमाकर देना चाहते हैं. ये मालिकों को बड़े-बड़े प्रलोभन देकर मोटी कमाई कराने में जुटे हैं. ये चल पड़े उत्तर प्रदेश की ओर. अपने लोगों का एक ग्रुप बनाकर स्ट्रिंगरों को धमकाने लगे और रुपये की डिमांड करने लगे. पन्द्रह हजार रुपये दो नहीं तो नौकरी से निकाल दूंगा. पूरी बातचीत की रिकार्डिंग भेज रहा हूं.
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