लोगों की भड़ास निकलवाने वाले यशवंत सिंह को कल रात पुलिस उठा ले गई. थोड़ी देर पहले उन से एक पुलिस वाले के मोबाइल फोन पर बात हुई. उन्होंने बताया कि वे पुलिस गैरकानूनी हिरासत में हैं. मगर कहाँ, ये उन्हें मालूम नहीं है. यशवंत पकडे जाने के समय इस हालत में ही नहीं थे कि जान पाते कि वे किस के साथ, कहाँ जा रहे हैं.
मोबाइल टावर की लोकेशन से उनके कहीं उत्तराखंड में होने का पता चला है. अंदाजा लगाया जा रहा है वहां भी वे बीएसपी बहुल किसी इलाके में हो सकते हैं. यशवंत के एक करीबी सहयोगी के अनुसार उन्हें काफी समय से मायावती खेमे की और से धमकियां मिल रही थीं. हो सकता है यूपी में मायावती को इतना नुक्सान उन्हीं की वजह से पंहुचा हो और उन के ही लोग अब उनको उत्तराखंड ले गए हों, जहां उनके सहयोग से सरकार का बनना लगभग तय माना जा रहा है. इस बीच, जर्नलिस्टकम्युनिटी.कॉम सहित तमाम संगठनों, संस्थाओं और पत्रकार यूनियनों ने उनकी कुशलता और शीघ्र रिहाई की प्रार्थना और मांग की है. इस सिलसिले में पत्रकारों का एक शिष्टमंडल प्रधानमंत्री से मिलने जाएगा.
(बुरा न मानो, होली है)
Sabhar-journalistcommunity.com
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