क्वीन्स बेटन की कवरेज में गये थे : अधिकारियों ने कइयों को पिटवाया : गोली मारने की धमकी : धूप में बैठाये रखा : वाहनों की चाबियां छीनीं : राष्ट्रमण्डल खेलों को लेकर निकाली गयी क्वीन्स बेटन रिले की कवरेज मे लगे पत्रकारों के साथ गोमतीनगर के अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल चौराहे पर प्रशासन व पुलिस के अफसरों ने जमकर बदसलूकी की।
पत्रकारों का दोष सिर्फ इतना था कि वे क्वीन्स बेटन के पीछे चलकर लाइव कवरेज कर रहे थे। क्वीन्स बेटन के साथ डा. अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल चौराहे पर पहुंचे पत्रकारों के साथ पहले दुर्व्यवहार करते हुए कवरेज करने से रोक दिया गया। कवरेज से रोके जाने का पत्रकारों ने विरोध किया तो अपर जिलाधिकारी नगर पूर्वी रमाकांत पाण्डेय, एडीएम टीजी राम सिंहासन प्रेम व अपर पुलिस अधीक्षक नगर पूर्वी हरीश कुमार ने उन सभी के साथ बदसलूकी शुरू कर दी।
अधिकारियों ने अफरातफरी का माहौल बनाते हुए कई पत्रकारों को जबरिया पुलिस के वाहनों में बैठा लिया। इसके बाद यहां से करीब एक दर्जन पत्रकारों को बलपूर्वक वाहन मे ठूंसकर मोहनलालगंज थाने को भेज दिया गया। इसके अलावा बेटन के साथ चल रहे लोगों को भी चौराहे पर घण्टों धूप व उमस भरी गर्मी में रोके रखा गया।
पुलिस के साथ मिलकर प्रशासन के अफसर पूरी तरह से अराजक व्यवहार कर रहे थे। उन्होंने इस रास्ते से निकलने वाले आम लोगों के साथ भी बुरा सलूक किया। उनके वाहनों की चाबियां छीन ली और उन्हे धूप में घंटों बैठाए रखा। इसका विरोध करने पर पुलिस ने डण्डे भी फटकारे व पिटाई करने के साथ ही गोली मार देने की धमकी भी दे डाली। इस दौरान एक मीडिया कर्मी को तो लाठियो से पीटकर अधमरा कर दिया।
करीब दो दर्जन पुलिस कर्मी असलहों से लैस होकर रायफलें ताने खड़े थे तो काफी संख्या में दूसरे पुलिसकर्मी डण्डों से पिटाई करने व लगातार धमकी देने में जुटे थे। करीब दो घण्टे तक पुलिस व प्रशासन का तानाशाही भरा कहर जारी रहा। गली के गुण्डों सरीखा व्यवहार कर रहे प्रशासन के अफसर भद्दी-भद्दी गालियां देने से भी गुरेज नहीं कर रहे थे।
अपमानित होने वाले पत्रकारों के नाम इस तरह हैं- विजय शंकर पंकज, प्रशांत दीक्षित, मनमोहन, राजेंद्र द्विवेदी, किशोर निगम, कमल तिवारी, शिव सिंह, महेंद्र सिंह, कलानिधि मिश्रा, कमल दुबे, देवकीनंदन मिश्रा, योगेश दुबे, रजत सिन्हा, रवींद्र सिंह, के. बख्श सिंह आदि।
मीडिया के बढ़ते हस्तक्षेप, कैमरामैनों व फोटोग्राफरों की भीड़ जमा होने के बाद काफी देर में वाहनों की चाबियां लौटायी गईं। सामाजिक परिवर्तन व सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय का बीड़ा उठाने वाली सरकार की नाक के नीचे यह सभी कुछ प्रशासन के चुनिंदा अफसरों के निर्देश पर चल रहा था।
पत्रकारों का दोष सिर्फ इतना था कि वे क्वीन्स बेटन के पीछे चलकर लाइव कवरेज कर रहे थे। क्वीन्स बेटन के साथ डा. अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल चौराहे पर पहुंचे पत्रकारों के साथ पहले दुर्व्यवहार करते हुए कवरेज करने से रोक दिया गया। कवरेज से रोके जाने का पत्रकारों ने विरोध किया तो अपर जिलाधिकारी नगर पूर्वी रमाकांत पाण्डेय, एडीएम टीजी राम सिंहासन प्रेम व अपर पुलिस अधीक्षक नगर पूर्वी हरीश कुमार ने उन सभी के साथ बदसलूकी शुरू कर दी।
अधिकारियों ने अफरातफरी का माहौल बनाते हुए कई पत्रकारों को जबरिया पुलिस के वाहनों में बैठा लिया। इसके बाद यहां से करीब एक दर्जन पत्रकारों को बलपूर्वक वाहन मे ठूंसकर मोहनलालगंज थाने को भेज दिया गया। इसके अलावा बेटन के साथ चल रहे लोगों को भी चौराहे पर घण्टों धूप व उमस भरी गर्मी में रोके रखा गया।
पुलिस के साथ मिलकर प्रशासन के अफसर पूरी तरह से अराजक व्यवहार कर रहे थे। उन्होंने इस रास्ते से निकलने वाले आम लोगों के साथ भी बुरा सलूक किया। उनके वाहनों की चाबियां छीन ली और उन्हे धूप में घंटों बैठाए रखा। इसका विरोध करने पर पुलिस ने डण्डे भी फटकारे व पिटाई करने के साथ ही गोली मार देने की धमकी भी दे डाली। इस दौरान एक मीडिया कर्मी को तो लाठियो से पीटकर अधमरा कर दिया।
करीब दो दर्जन पुलिस कर्मी असलहों से लैस होकर रायफलें ताने खड़े थे तो काफी संख्या में दूसरे पुलिसकर्मी डण्डों से पिटाई करने व लगातार धमकी देने में जुटे थे। करीब दो घण्टे तक पुलिस व प्रशासन का तानाशाही भरा कहर जारी रहा। गली के गुण्डों सरीखा व्यवहार कर रहे प्रशासन के अफसर भद्दी-भद्दी गालियां देने से भी गुरेज नहीं कर रहे थे।
अपमानित होने वाले पत्रकारों के नाम इस तरह हैं- विजय शंकर पंकज, प्रशांत दीक्षित, मनमोहन, राजेंद्र द्विवेदी, किशोर निगम, कमल तिवारी, शिव सिंह, महेंद्र सिंह, कलानिधि मिश्रा, कमल दुबे, देवकीनंदन मिश्रा, योगेश दुबे, रजत सिन्हा, रवींद्र सिंह, के. बख्श सिंह आदि।
मीडिया के बढ़ते हस्तक्षेप, कैमरामैनों व फोटोग्राफरों की भीड़ जमा होने के बाद काफी देर में वाहनों की चाबियां लौटायी गईं। सामाजिक परिवर्तन व सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय का बीड़ा उठाने वाली सरकार की नाक के नीचे यह सभी कुछ प्रशासन के चुनिंदा अफसरों के निर्देश पर चल रहा था।
साभार- भड़ास ४ मीडिया .कॉम
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