पाकिस्तान के सिंध प्रांत की राजधानी कराची के बीचों-बीच एक इमारत पर नज़रें एकाएक ठहर जाती हैं क्योंकि वहाँ दिखाई देता है - भारत का झंडा.ये झंडा दिखाई देता है रतन तलाव स्कूल की इमारत पर, जिसे देख कुछ पलों केलिए लगता है मानो आप भारत में हैं जहाँ किसी राष्ट्रभक्त ने अपने घर पर तिरंगा बनवा लिया है.रतन तलाव स्कूल के मुख्य द्वार पर सीमेंट से भारत का राष्ट्रीय ध्वज बना हुआ है जिसे ना धूप-बारिश-धूल मिटा पाई है ना बँटवारे का भूचाल.तिरंगे के साथ हिंदी में दो शब्द भी लिखे दिखाई देते हैं - स्वराज भवन.ये स्कूल एक सरकारी स्कूल है और वहाँ के बुज़ुर्ग अध्यापक ग़ुलाम रसूल बताते हैं कि इस सरकारी स्कूल में दो पारियों में कक्षाएँ चलती हैं जिनमें कम-से-कम सौ बच्चे पढ़ते हैं.अतीतस्कूल की इमारत पर लगी पट्टीस्कूल में गंदी हो चुकी एक पट्टी पर दिखता है बाबू राजेंद्र प्रसाद का नामग़ुलाम रसूल बताते हैं कि इस स्कूल के अतीत के बारे में उन्हें पूरी जानकारी नहीं है सिवा इस बात के कि इसका निर्माण 1937 में हुआ था और तब वो इस इलाक़े का एकमात्र स्कूल था.वे बताते हैं कि स्कूल के पुराने काग़ज़ात भी मौजूद नहीं हैं.स्कूल के एक और अध्यापक असलम राजपूत बताते हैं कि उन्होंने लोगों से सुना है कि स्कूल के दरवाज़े के पास स्कूल के उदघाटन के समय का पत्थर था जो अब दब गया है.वहाँ दीवार पर लगी मिट्टी को कुरेदने पर दो तख़्तियाँ नज़र आईं जिन्हें साफ़ करने पर हिंदी में लिखावट मिलती है जिनसे पता चलता है कि इस भवन की आधारशिला बाबू राजेंद्र प्रसाद ने रखी थी और स्कूल का उदघाटन पंडित जवाहरलाल नेहरू ने किया.इन पत्थरों की हालत देखकर ऐसा लगता है मानो इंसान तो नफ़रत के शिकार हुए ही हैं, भाषा और इमारतें भी इस नफ़रत से नहीं बच सकी हैं.धरोहरस्कूल पर लगी पट्टीस्कूल में एक और पत्थर पर लिखा है पंडित जवाहरलाल नेहरू का नामसिंधी और उर्दू के जाने-माने लेखक अमर जलील ने अपनी एक किताब में इस स्कूल का ज़िक्र किया है.अमर जलील लिखते हैं - "1947 की एक शाम को ख़बर मिली कि रतन तलाव स्कूल को आग लगा दी गई है. मैं दौड़ता हुआ स्कूल के सामने पहुँचा तो स्कूल से धुआँ उठ रहा था."यह दृश्य देख कर मैं परेशान हो गया. रतन तलाव से निकले आग के शोले मेरे वजूद में बुझ नहीं सके हैं."इस स्कूल के पास और भी कुछ ऐसी इमारतें हैं जो उस दौर में मंदिर या धर्मशाला हुआ करती थीं. लेकिन अब मंदिर इमामबाड़े में और धर्मशाला गाड़ियों के गैरेज में बदल चुके हैं.लेकिन इन बदलावों के बीच भी एक तिरंगा झंडा आज भी एक इतिहास का एहसास दिलाता है. ये तिरंगा दोनों देशों के उस साझा इतिहास की धरोहर है. -रियाज़ सुहैल
Sabhaar-www. legendnews.com
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Famous Post
-
बॉलीवुड जहा एक तरफ कुआ है दूसरी तरफ खाई | जो इस खेल को पार कर गया, वह बन जाता है फिल्म स्टार या बेकार | बॉलीवुड में काम करने का सपना लेक...
-
यह आश्चर्यजनक तस्वीर इस बात का डरावना सबूत हो सकते हैं कि भूत-पिशाच और हैवानी शक्तियां भी रात में सेक्स करते हैं। डियाने कार्लिस्ले की पोती...
-
मेरे मित्र यशवंत के ' भड़ास ' पर एक पाठक ने पत्र भेज कर ' जागरण ' में ' अश्लील ' फोटो छापने पर ऐतराज़ जताया है...
-
Sunny Leone (born Karen Malhotra ; [ 1 ] May 13, 1981 [ 2 ] ) is an Indo-Canadian pornographic actress , businesswoman and model. ...
-
क्या बात है सन्नी क्या बिग बॉस ५ में घुसी तो उनको अपनी फिल्म मर्डर ३ के लिए महेश भट्ट भी बिग बॉस के घर में जाने के बारे में सोचने लगे | ...
-
क्या बीपी गौतम अपनी पत्नी साध्वी चिदर्पिता का प्रयोग प्रसिद्ध होने के लिए कर रहे है | साध्वी चिदर्पिता से शादी करने से पहले कितने लोग पत...
-
नागपुरी गद्य के सौ साल PUSHKAR MAHTO 2008 में नागपुरी गद्य साहित्य लेखन के सौ साल पूरे हुए। सौ साल की इस साहित्यिक यात्रा में नागपुरी गद्य...
-
साध्वी चिदर्पिता रानियो की तरह रहती थी फिर अचानक स्वामी से कैसे बगाबत पर उतर आयी | आखिर कौन से जंगल की बूटी वी पी गौतम ने सुघा दी, जो सा...
No comments:
Post a Comment