कभी समाजसेवा माना जाने वाली पत्रकारिता भी अब धंधेबाजी में तब्दील हो चुकी है, इसलिए इस धंधेबाजी में माल कूटने के लिए कई तरह की तरकीबें भी आ गई है. इसमें भी सबसे बड़ी तरकीब यह है कि अगर आपको पत्रकारिता का जरा भी नॉलेज है, अगर आप कोई सा भी छुटभैया अखबार निकाल रहे हैं तो बस आप मीडिया इंस्टीट्यूट खोलकर बैठ जाइए. जी हां ! इस धंधे में बड़ी कमाई है. बेरोजगारी के इस जमाने में सैकड़ो-हजारों युवा पत्रकारिता में प्रवेश पाना चाहते हैं. अब प्रवेश कैसे करें वे, इसकी जानकारी आप दीजिए उनको. उनको अखबारों के लिए तैयार कीजिए , मीडिया के लिए तैयार कीजिए और इसमें बदलें में मोटी रकम हासिल कर लीजिए. साल भर, दो साल के कोर्स में आप उनकों भाड़े के शिक्षकों की मदद से पत्रकारिता के गुर सिखाइए. ऐसा करने से होगा यह कि भले ही इन युवाओं का आपकी पत्रकारिता के गुर सीखने के बाद भले ही कुछ भी भला न हो, लेकिन आपके बैंक बैलेंस में अच्छा-खासा इजाफा हो जाएगा. दिल्ली से लेकर इंदौर जैसे शहरों में आजकल यही हो रहा है. इसलिए अगर आप मीडिया का क ख ग भी जानते हैं ,तो बस युवा पीढ़ी को पत्रकारिता के गुर सीखाने में जुट जाइए. इससे पत्रकारिता जगत का तो कुछ भला नही होगा, लेकिन आपके वारे-न्यारे जरूर हो जायेंगे।
साभार - ख़बर इंडिया.कॉम
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