ग्वालियर। दूसरों का स्टिंग ऑपरेशन करके मजा लेने वाले पत्रकार जब खुद ही किसी स्टिंग ऑपरेशन में फंस जाएं तो सोचिए उन पर क्या बीतती होगी। ग्वालियर के कुछ पत्रकारों को भी ऐसे ही हालात से गुजरना पड़ा। ग्वालियर के कुछ पत्रकार आजकल पढ़ाई कर रहे हैं। ये पत्रकार होने के बावजूद पत्रकारिता में डिग्री या मास्टर डिग्री हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे ही कुछ पत्रकार जीवाजी विश्वविद्यालय के दूरस्थ संस्थान से अपनी पढ़ाई कर रहे हैं।
हाल ही में इनकी परीक्षा हुई। बस इसी परीक्षा में यह दूरस्थ संस्थान के निदेशक और एक अन्य मास्टर के स्टिंग ऑपरेशन में फंस गए। हालांकि यह ऑपरेशन मास्टर ने इसलिए किया था कि वह अपने निदेशक को नीचा दिखा सके पर दैनिक भास्कर के छोटे अखबार डीबी स्टॉर में इसका खुलासा होने के बाद पत्रकारों की तो पोल खुल ही गई, उस मास्टर की भी कलई खुल गई जिसने खुफिया कैमरे से फोटो खींचकर मुहैया करवाए थे।
इस मास्टर की अपने निदेशक से तनातनी चली आ रही है। इसलिए इसने पत्रकारों द्वारा परीक्षा में नकल किए जाने का भंडाफोड़ कराने का निर्णय लिया। डीबी स्टॉर में मय फोटो के साथ समाचार प्रकाशित किया गया कि देखिए पत्रकार किस तरह से नकल करते हैं। अब चूंकि नकल करने वाले पत्रकार थे तो उन पर हाथ कौन डाले। इसलिए मास्टर (जो खुद एक अखबार के कारिंदे भी हैं) ने ही उनका स्टिंग ऑपरेशन कर दिया। खुफिया कैमरे से फोटो खींचे और उपलब्ध करवा दिए अखबार को।
अखबार में नकल की खबर साया होने के बाद नकलची पत्रकारों का थूक हलक में अटक गया, क्योंकि फोटो में साफ दिख रहा था कि जिस अखबार में खबर प्रकाशित हुई, उसके संवाददाता भी नकल में मशगूल थे और एक साथ कई चैनल के आईडी थामकर पूरे शहर में घू्मने वाले पत्रकार भी। इनमें से कोई बीजेएमसी कर रहा है जो स्नातकोत्तर की डिग्री नकल से हासिल करने की परीक्षा दे रहा है। डीबी स्टॉर में पत्रकारों के नकल की खबर छपने के साथ ही दूसरी लॉबी सक्रिय हुई और उस मास्टर के पीछे हाथ धोकर पड़ गई जिसके स्टिंग ऑपरेशन में यह फंसे थे। इन सभी ने मिलकर डीबी स्टॉर में यह खबर भी पहुंचवा दी कि मास्टर किस तरह अवैध नियुक्ति के जरिए दूरस्थ संस्थान में टिका हुआ है। कुल मिलाकर मामला रोचक बन गया है और नकल करते डीबी स्टॉर में छपे पत्रकार अब मुंह चुराए फिर रहे हैं।
हाल ही में इनकी परीक्षा हुई। बस इसी परीक्षा में यह दूरस्थ संस्थान के निदेशक और एक अन्य मास्टर के स्टिंग ऑपरेशन में फंस गए। हालांकि यह ऑपरेशन मास्टर ने इसलिए किया था कि वह अपने निदेशक को नीचा दिखा सके पर दैनिक भास्कर के छोटे अखबार डीबी स्टॉर में इसका खुलासा होने के बाद पत्रकारों की तो पोल खुल ही गई, उस मास्टर की भी कलई खुल गई जिसने खुफिया कैमरे से फोटो खींचकर मुहैया करवाए थे।
इस मास्टर की अपने निदेशक से तनातनी चली आ रही है। इसलिए इसने पत्रकारों द्वारा परीक्षा में नकल किए जाने का भंडाफोड़ कराने का निर्णय लिया। डीबी स्टॉर में मय फोटो के साथ समाचार प्रकाशित किया गया कि देखिए पत्रकार किस तरह से नकल करते हैं। अब चूंकि नकल करने वाले पत्रकार थे तो उन पर हाथ कौन डाले। इसलिए मास्टर (जो खुद एक अखबार के कारिंदे भी हैं) ने ही उनका स्टिंग ऑपरेशन कर दिया। खुफिया कैमरे से फोटो खींचे और उपलब्ध करवा दिए अखबार को।
अखबार में नकल की खबर साया होने के बाद नकलची पत्रकारों का थूक हलक में अटक गया, क्योंकि फोटो में साफ दिख रहा था कि जिस अखबार में खबर प्रकाशित हुई, उसके संवाददाता भी नकल में मशगूल थे और एक साथ कई चैनल के आईडी थामकर पूरे शहर में घू्मने वाले पत्रकार भी। इनमें से कोई बीजेएमसी कर रहा है जो स्नातकोत्तर की डिग्री नकल से हासिल करने की परीक्षा दे रहा है। डीबी स्टॉर में पत्रकारों के नकल की खबर छपने के साथ ही दूसरी लॉबी सक्रिय हुई और उस मास्टर के पीछे हाथ धोकर पड़ गई जिसके स्टिंग ऑपरेशन में यह फंसे थे। इन सभी ने मिलकर डीबी स्टॉर में यह खबर भी पहुंचवा दी कि मास्टर किस तरह अवैध नियुक्ति के जरिए दूरस्थ संस्थान में टिका हुआ है। कुल मिलाकर मामला रोचक बन गया है और नकल करते डीबी स्टॉर में छपे पत्रकार अब मुंह चुराए फिर रहे हैं।
साभार : भड़ास ४ मीडिया .कॉम
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