मवाना में अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण निगम के अस्थाई सुरक्षा गार्ड बाबूराम को अमर उजाला के पत्रकार संदीप नागर ने अपने साथियों की मदद से बुरी तरह से पीट डाला। हालांकि घटना 9 सितम्बर 2010 की है। लेकिन बाबूराम इस बात से आहत है कि अमर उजाला प्रबंधन ने पत्रकार के खिलाफ अब तक कोई कार्यवाई नहीं की है। मवाना में मेरठ रोड पर स्थित अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण निगम के सामने 9 सितम्बर की रात आठ और नौ बजे के लगभग एक ट्रैक्टर ने एक कार में टक्क्र मार दी थी। उस कार में सवार एक गर्भवती महिला और एक अन्य व्यक्ति घायल हो गए थे। अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण निगम के सुरक्षा गार्ड बाबूराम, निवासी अशोक विहार कालोनी, मवाना ने दोनों घायलों को अस्पताल पहुंचाया था।
घायल व्यक्ति ने बाबूराम को अपनी कार का और उसमें रखे सामान का ध्यान रखने का अनुरोध किया था। बाबूराम का आरोप है कि थोड़ी देर बाद अमर उजाला का पत्रकार संदीप नागर वहां आया और कार में घुसकर चोरी का प्रयास करने लगा। बाबूराम ने जब इसका विरोध किया तो संदीप नागर ने उसके साथ हाथापाई की। उसने अपने गांव ढिकोली से भी अपने साथियों को बुला लिया। सबने उसकी बुरी तरह पिटाई की।
बाबूराम ने उसी दिन मवाना थाना के एसओ को संदीप नागर के खिलाफ तहरीर भी दी थी। इस तहरीर के आधार पर 10 सितम्बर को पत्रकार संदीप तोमर के खिलाफ धारा 323/508 में मुकदमा दर्ज कर दिया था। बाबूराम ने मवाना पुलिस की निष्पक्ष्ता पर भी सवाल उटाए हैं। 30 अक्टूबर को बाबूराम ने सक्षम अधिकारी को दिए गए एक शपथ-पत्र में कहा है कि पुलिस ने उन तथ्यों पर एनसीआर नहीं लिखी, जो उसने 9 सितम्बर को दी गयी अपनी तहरीर में दिए थे। बाबूराम ने शपथ-पत्र में लिखा है कि सही घटना वही हैं, जिसका उल्लेख उसने 9 सितम्बर की तहरीर में लिखी थी। यहां यह बताना भी उल्लेखनीय है कि इस घटना की खबर को सभी अखबारों ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। क्षेत्र के दूसरे पत्रकारों का कहना है कि संदीप नागर की दबंगई से मवाना का अवाम ही नहीं, बल्कि यहां के पत्रकार भी परेशान हैं।
घायल व्यक्ति ने बाबूराम को अपनी कार का और उसमें रखे सामान का ध्यान रखने का अनुरोध किया था। बाबूराम का आरोप है कि थोड़ी देर बाद अमर उजाला का पत्रकार संदीप नागर वहां आया और कार में घुसकर चोरी का प्रयास करने लगा। बाबूराम ने जब इसका विरोध किया तो संदीप नागर ने उसके साथ हाथापाई की। उसने अपने गांव ढिकोली से भी अपने साथियों को बुला लिया। सबने उसकी बुरी तरह पिटाई की।
बाबूराम ने उसी दिन मवाना थाना के एसओ को संदीप नागर के खिलाफ तहरीर भी दी थी। इस तहरीर के आधार पर 10 सितम्बर को पत्रकार संदीप तोमर के खिलाफ धारा 323/508 में मुकदमा दर्ज कर दिया था। बाबूराम ने मवाना पुलिस की निष्पक्ष्ता पर भी सवाल उटाए हैं। 30 अक्टूबर को बाबूराम ने सक्षम अधिकारी को दिए गए एक शपथ-पत्र में कहा है कि पुलिस ने उन तथ्यों पर एनसीआर नहीं लिखी, जो उसने 9 सितम्बर को दी गयी अपनी तहरीर में दिए थे। बाबूराम ने शपथ-पत्र में लिखा है कि सही घटना वही हैं, जिसका उल्लेख उसने 9 सितम्बर की तहरीर में लिखी थी। यहां यह बताना भी उल्लेखनीय है कि इस घटना की खबर को सभी अखबारों ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। क्षेत्र के दूसरे पत्रकारों का कहना है कि संदीप नागर की दबंगई से मवाना का अवाम ही नहीं, बल्कि यहां के पत्रकार भी परेशान हैं।
साभार : भड़ास ४ मीडिया.कॉम
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