नाहन: कन्या भ्रूण हत्या रोकने व कन्या जन्म अनुपात दर बढ़ाने के उद्देश्य से बनाई गई पीएनडीटी के अर्न्तगत जिला सलाहकार समिति की आज द्विमासिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 एमके पाठक ने कहा कि घटते लिंग अनुपात को देखते हुए कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए सभी वर्गों को जागरूक होना आवश्यक है।
डॉ0 पाठक ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा एक कन्या के जन्म के पश्चात परिवार नियोजन अपनाने पर 25 हजार रूपये तथा दो कन्याओं के जन्म के पश्चात परिवार नियोजन अपनाने पर 20 हजार रूपये की राशि प्रोत्साहन स्वरूप दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि ज़िला में सितम्बर तथा अक्तूबर माह मंे 06 अल्ट्रासाउंड केन्द्रों का औचक निरीक्षण किया गया। उन्होंने बताया कि भविष्य में भी ज़िला के अल्ट्रासाउंड क्लिनिकों का औचक निरीक्षण करने में तेजी लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि ज़िला की दूसरे राज्यों के साथ लगते पांवटा साहिब में स्थापित अल्ट्रासाउंड क्लिनिकों को निर्देश दिए गए कि वे विशेष तौर पर ऐसे परिवारों जहां एक या दो कन्याएं हैं उनकी संघन रूप से जांच की जाए।
डॉ0 पाठक ने कहा कि ज़िला के 13 अल्ट्रासाउंड क्लिनिकों को नोटिस के माध्यम से क्लिनिकों के पंजीकरण संबंधी पुनः चांच के पत्र दिये गये हैं ताकि क्लिनिकों के वैधानिक योग्यता तथा अनुभव प्रमाणपत्रों की जांच की जा सके। उन्होंने कहा कि अनियमितता पाए जाने पर क्लिनिकों के लाईसेंस रद्द कर दिये जायेगें। उन्होंने सभी चिकित्सा अधिकारियों तथा निजी क्षेत्र में कार्यरत अल्ट्रासाउंड क्लिनिकों के मालिकों को निर्देश दिए कि वे गर्भवती महिलाओं के पंजीकरण रिकार्ड पूर्णतया दर्ज करें तथा प्रसव होने के 45 दिन तक उसका अवलोकन करते रहें ताकि लिंग अनुपात में होने वाली विसंगतियों पर काबू पाया जा सके। उन्होंने बताया कि ज़िला, खण्ड तथा पंचायत स्तर पर आयोजित होने वाली सभाओं मंे जन प्रतिनिधियों को कन्या भू्रण हत्या पर विस्तृत जानकारी दी जा रही है ताकि कन्या भ्रूण हत्या रोकने व कन्या जन्म अनुपात दर बढ़ाने के सम्बन्ध में लोगों को जागरूक किया जा सके।
बैठक में निर्णय लिया गया कि हाल ही में पूर्ण अस्पताल पांवटा में अल्ट्रासांउड क्लिनिक में स्टाफ की कमी होने के कारण केन्द्र को सील बन्द करने का निर्णय लिया गया।
इस अवसर पर डॉ0 अजय गुप्ता, डॉ0 सुनील गुप्ता, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ0 अनुपम चतुर्वेदी, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ0 नागा सुधा एवं स्वास्थ्य पर्यवेक्षक एमए अन्सारी उपस्थित थे।
डॉ0 पाठक ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा एक कन्या के जन्म के पश्चात परिवार नियोजन अपनाने पर 25 हजार रूपये तथा दो कन्याओं के जन्म के पश्चात परिवार नियोजन अपनाने पर 20 हजार रूपये की राशि प्रोत्साहन स्वरूप दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि ज़िला में सितम्बर तथा अक्तूबर माह मंे 06 अल्ट्रासाउंड केन्द्रों का औचक निरीक्षण किया गया। उन्होंने बताया कि भविष्य में भी ज़िला के अल्ट्रासाउंड क्लिनिकों का औचक निरीक्षण करने में तेजी लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि ज़िला की दूसरे राज्यों के साथ लगते पांवटा साहिब में स्थापित अल्ट्रासाउंड क्लिनिकों को निर्देश दिए गए कि वे विशेष तौर पर ऐसे परिवारों जहां एक या दो कन्याएं हैं उनकी संघन रूप से जांच की जाए।
डॉ0 पाठक ने कहा कि ज़िला के 13 अल्ट्रासाउंड क्लिनिकों को नोटिस के माध्यम से क्लिनिकों के पंजीकरण संबंधी पुनः चांच के पत्र दिये गये हैं ताकि क्लिनिकों के वैधानिक योग्यता तथा अनुभव प्रमाणपत्रों की जांच की जा सके। उन्होंने कहा कि अनियमितता पाए जाने पर क्लिनिकों के लाईसेंस रद्द कर दिये जायेगें। उन्होंने सभी चिकित्सा अधिकारियों तथा निजी क्षेत्र में कार्यरत अल्ट्रासाउंड क्लिनिकों के मालिकों को निर्देश दिए कि वे गर्भवती महिलाओं के पंजीकरण रिकार्ड पूर्णतया दर्ज करें तथा प्रसव होने के 45 दिन तक उसका अवलोकन करते रहें ताकि लिंग अनुपात में होने वाली विसंगतियों पर काबू पाया जा सके। उन्होंने बताया कि ज़िला, खण्ड तथा पंचायत स्तर पर आयोजित होने वाली सभाओं मंे जन प्रतिनिधियों को कन्या भू्रण हत्या पर विस्तृत जानकारी दी जा रही है ताकि कन्या भ्रूण हत्या रोकने व कन्या जन्म अनुपात दर बढ़ाने के सम्बन्ध में लोगों को जागरूक किया जा सके।
बैठक में निर्णय लिया गया कि हाल ही में पूर्ण अस्पताल पांवटा में अल्ट्रासांउड क्लिनिक में स्टाफ की कमी होने के कारण केन्द्र को सील बन्द करने का निर्णय लिया गया।
इस अवसर पर डॉ0 अजय गुप्ता, डॉ0 सुनील गुप्ता, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ0 अनुपम चतुर्वेदी, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ0 नागा सुधा एवं स्वास्थ्य पर्यवेक्षक एमए अन्सारी उपस्थित थे।
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