हिंदुस्तान, लखनऊ में इस समय खबरों पर काम करने के अलावा कुर्सियों पर बैठे-बैठे सो लेने का काम भी जारी है. काम के दौरान किसी कार्यालय में सोना हालांकि उचित नहीं है परन्तु एक भागदौड़ करने वाले पत्रकार के काम की अवधि नहीं होती, लिहाजा कार्यालय में सो लेने कोई गुनाह नहीं माना जा सकता, फिर भी इससे अन्य काम करने वाले लोगों को परेशानी तो होती ही है. इससे इनकार भी नहीं किया जा सकता.
हिंदुस्तान, लखनऊ के एक पत्रकार ने वहां सोने के माहौल और सोते एक वरिष्ठ पत्रकार की फोटो भड़ास के पास भेजी है. यही मेल उन्होंने अपने प्रधान संपादक शशि शेखर को भी भेजी है. अब शशि शेखर इस पर क्या एक्शन लेते हैं ये तो वो ही जाने परन्तु भड़ास इसके प्रकाशन का अपना काम कर रहा है. हालांकि पत्र भेजने वाले पत्रकार महोदय ने हिंदुस्तान के कई लोगों की खटिया खड़ी करने वाला पोल खोलता लेख भी भेजा था, परन्तु पत्रकारों की गरिमा का ख्याल रखते हुए उसे प्रकाशित नहीं किया जा रहा है.


Sabhar:- Bhadas4media.com

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