यहां हम एक पत्र प्रकाशित कर रहे हैं जो प्रभात खबर के समस्तीपुर के रिपोर्टर अभय कुमार द्वारा पत्र लिखने वाले की पुत्री के अपहरण के बारे में है । इसकी खबर हरिवंश जी को भी पत्र लिखनेवाले ने दी है । इसमे सबसे गंभीर आरोप है अपराधियों के द्वारा मुकदमा वापस लेने की धमकी देने के बारे में। क्या हरिवंश जी की इस मामले की जांच करके कदम उठायेंगे ?
सेवा में
संपादक महोदय
विषय : पत्रकार बता कर मेरे घर को तबाह करने के सम्बन्ध में.
महाशय
निवेदन पूर्वक कहना है की मुझे यह पता चला की आपके साईट पर पत्रकारों से जुड़े लोगों और इस नाम पर गलत करने वाले के सम्बन्ध में जानकारी छपते हैं. मैं रिलायंस कम्पनी में काम करता हूँ समस्तीपुर आजाद चोक के समीप मेरा आवास है. मेरे परिवार के साथ अभय कुमार सिंह जो खुद को प्रभात खबर का समस्तीपुर का संपादक बता कर जो किया है उससे मैं सर उठा कर चलने लायक नहीं हूँ. अब वह मेरी जन के पीछे पड़ा हुआ है.
मेरी पुत्री का अपहरण 22 march 11 को कर लिया गया. इस कांड में अभय और उसका भाई और उसके साथी का हाथ है अपहरण से एक दिन पहले मैंने नगर थाना को अपहरण की आशंका जताते हुए आवेदन दिया था. आवेदन में नितिन और अमित और आठ दस अज्ञात लोगों का नाम दिया. आवेदन के बाद पुलिस ने अमित नाम के लड़के को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था जो अभी बेल पर है. अपरहण के बाद लड़की का अभी तक कोई पता नहीं है. बदनामी के डर से प्राथमिकी मैंने दर्ज नहीं कराई.
करीब चार माह के बाद खुद को पत्रकार बताने वाले अभय ने अपने दोस्तों के साथ मुझे रास्ते पर रोक कर यह कहा की लड़की की शादी करते तो खर्च होता ही. लड़की ठीक से है उसे पहुँचाने के लिए एक लाख रूपये मुझे दीजिए. यह मुझे पता नहीं की यह रूपये मेरी लड़की के लिए माँगा जा रहा है की अभय रंगदारी मांग रहा है. अभय ने धमकी दी है की यदि मैंने रूपये नहीं दिए तो मेरी बेटी और मुझे खतरा होगा. मैंने इस सम्बन्ध में थाना में 30-7-11 को आवेदन दिया और इस की चाय प्रति प्रभात खबर के प्रधान संपादक से फोन पर बात करके फैक्स से भेज दिया. प्रधान संपादक ने मेरी बात ध्यान से सुनी और कार्रवाई का आश्वासन दिया.
इसके बाद से मुझे ऐसे ऐसे लोगों से मामला वापस लेने केलिए धमकी दिलाई जा रही है जिनके बारे में यही सोच कर हैरान हूँ की प्रभात खबर में ऐसे लोगों से दोस्ती रखने वाले लोग ही पत्रकार हैं. अभी भी अभय प्रभात खबर में है और धमकियाँ दिलवा रहा है. मैं यह साफ कर देना चाहता हूँ की अभय का घर मेरे घर से कुछ ही दूरी पर है. अभय और उसके भाई के बारे में लोगों की राय यही है की इनके सम्बन्ध अच्छे लोगों से नहीं हैं. दोनों भाइयों ने मेरी बेटी का अपहरण कराने वाले लड़कों का भरपूर साथ दिया और अभी भी दे रहा है. मैं उम्मीद करता हूँ की मेरी व्यथा को आप प्रकाशित करने की कृपा करेंगे ताकि पत्रकारिता के नाम पर लोगों को सताने वाले के बारे में लोगों और पत्रकार भाइयों को जानकारी मिले और मुझे न्याय मिलने में मददगार मिले. बिहार मीडिया ने अनिल कुमार सिंह से सच्चाई जानने के लिये बातचीत की उसके बाद हम यह प्रकाशित कर रहे हैं।
सेवा में
संपादक महोदय
विषय : पत्रकार बता कर मेरे घर को तबाह करने के सम्बन्ध में.
महाशय
निवेदन पूर्वक कहना है की मुझे यह पता चला की आपके साईट पर पत्रकारों से जुड़े लोगों और इस नाम पर गलत करने वाले के सम्बन्ध में जानकारी छपते हैं. मैं रिलायंस कम्पनी में काम करता हूँ समस्तीपुर आजाद चोक के समीप मेरा आवास है. मेरे परिवार के साथ अभय कुमार सिंह जो खुद को प्रभात खबर का समस्तीपुर का संपादक बता कर जो किया है उससे मैं सर उठा कर चलने लायक नहीं हूँ. अब वह मेरी जन के पीछे पड़ा हुआ है.
मेरी पुत्री का अपहरण 22 march 11 को कर लिया गया. इस कांड में अभय और उसका भाई और उसके साथी का हाथ है अपहरण से एक दिन पहले मैंने नगर थाना को अपहरण की आशंका जताते हुए आवेदन दिया था. आवेदन में नितिन और अमित और आठ दस अज्ञात लोगों का नाम दिया. आवेदन के बाद पुलिस ने अमित नाम के लड़के को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था जो अभी बेल पर है. अपरहण के बाद लड़की का अभी तक कोई पता नहीं है. बदनामी के डर से प्राथमिकी मैंने दर्ज नहीं कराई.
करीब चार माह के बाद खुद को पत्रकार बताने वाले अभय ने अपने दोस्तों के साथ मुझे रास्ते पर रोक कर यह कहा की लड़की की शादी करते तो खर्च होता ही. लड़की ठीक से है उसे पहुँचाने के लिए एक लाख रूपये मुझे दीजिए. यह मुझे पता नहीं की यह रूपये मेरी लड़की के लिए माँगा जा रहा है की अभय रंगदारी मांग रहा है. अभय ने धमकी दी है की यदि मैंने रूपये नहीं दिए तो मेरी बेटी और मुझे खतरा होगा. मैंने इस सम्बन्ध में थाना में 30-7-11 को आवेदन दिया और इस की चाय प्रति प्रभात खबर के प्रधान संपादक से फोन पर बात करके फैक्स से भेज दिया. प्रधान संपादक ने मेरी बात ध्यान से सुनी और कार्रवाई का आश्वासन दिया.
इसके बाद से मुझे ऐसे ऐसे लोगों से मामला वापस लेने केलिए धमकी दिलाई जा रही है जिनके बारे में यही सोच कर हैरान हूँ की प्रभात खबर में ऐसे लोगों से दोस्ती रखने वाले लोग ही पत्रकार हैं. अभी भी अभय प्रभात खबर में है और धमकियाँ दिलवा रहा है. मैं यह साफ कर देना चाहता हूँ की अभय का घर मेरे घर से कुछ ही दूरी पर है. अभय और उसके भाई के बारे में लोगों की राय यही है की इनके सम्बन्ध अच्छे लोगों से नहीं हैं. दोनों भाइयों ने मेरी बेटी का अपहरण कराने वाले लड़कों का भरपूर साथ दिया और अभी भी दे रहा है. मैं उम्मीद करता हूँ की मेरी व्यथा को आप प्रकाशित करने की कृपा करेंगे ताकि पत्रकारिता के नाम पर लोगों को सताने वाले के बारे में लोगों और पत्रकार भाइयों को जानकारी मिले और मुझे न्याय मिलने में मददगार मिले. बिहार मीडिया ने अनिल कुमार सिंह से सच्चाई जानने के लिये बातचीत की उसके बाद हम यह प्रकाशित कर रहे हैं।
अनिल कुमार सिंह
बीड़ीएम
रिलायंस बीमा कम्पनी
आजाद चोक समस्तीपुर
mob nomber-09386317477
Sabhar:- Biharmedia.com
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