नई दिल्ली. शिवसेना ने अन्ना हजारे की टीम पर कड़ा निशाना साधा है। पार्टी ने अपने मुखपत्र 'सामना' के जरिए अन्ना के सहयोगियों को खूब खरी-खोटी सुनाई है। इसमें दो पेज में छपे एक विस्तृत आलेख में अन्ना के चार साथियों को उनकी 'चांडाल चौकड़ी' बताया गया है। इस चौकड़ी में साफ तौर पर अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी, मनीष सिसोदिया और प्रशांत भूषण की ओर इशारा है।
हालांकि अन्ना हजारे ने कहा है कि ऐसे लोग जिन्हें अपने राजनीतिक कॅरियर को लेकर खतरा लग रहा है, वो ही टीम अन्ना के सदस्यों पर हमले कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नए सिरे से गठित होने वाली टीम अन्ना में अल्पसंख्यकों समेत समाज के सभी वर्गों के लोगों को शामिल किया जाएगा।
मजबूत लोकपाल बिल के लिए आंदोलन कर रहे अन्ना हजारे पर कांग्रेस भी हमलावर है, लेकिन सरकार के भीतर हड़कंप मचा लग रहा है। अन्ना ने साफ ऐलान किया है कि अगर संसद के शीतकालीन सत्र में बिल पास नहीं हुआ तो वह फिर अनशन पर बैठ जाएंगे। इसके बाद जहां कांग्रेस उन पर ताबड़तोड़ हमले बोल रही है, वहीं सरकार के अंदर इस बात की कोशिश तेज हो गई है कि अन्ना को फिर अनशन पर बैठने की नौबत नहीं आने दी जाए।
सूत्र बताते हैं कि केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने लोकपाल बिल पर विचार कर रही स्थायी संसदीय समिति से आग्रह किया है कि बिल के मसौदे पर जल्द अंतिम मुहर लगाई जाए। कहा जा रहा है कि मुखर्जी ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और लोकजनशक्ति पार्टी के मुखिया रामविलास पासवान से इस सिलसिले में मुलाकात भी की है।
इस बीच, अन्ना हजारे पर कांग्रेस के जुबानी हमले भी जारी हैं। कांग्रेस ने अन्ना हजारे पर पृथ्वीराज चव्हाण के जरिए फिर हमला किया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री चव्हाण ने एक विवादास्पद बयान दिया है कि अन्ना हजारे की कभी भी राजनैतिक महत्वाकांक्षा नहीं रही है, लेकिन अब उन्हें कोई ऐसा रास्ता दिखा रहा है।
एक निजी चैनल से बातचीत में पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, 'वह व्यवस्था के साथ काम करने वाले व्यक्ति थे। मुझे नहीं मालूम क्या हो गया वह कभी भी सियासी तौर पर महत्वाकांक्षी नहीं थे। निश्चित तौर पर कोई उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को हवा दे रहा और उन्हें इस ओर खींच रहा है।'
वहीं, दूसरी ओर पार्टी के नेता और कोयला मंत्री श्री प्रकाश जयसवाल ने कहा है कि अगर शीतकालीन सत्र में लोकपाल बिल पास नहीं होता है, तो अन्ना हजारे अनशन के लिए आजाद हैं। उनके मुताबिक कांग्रेस के किसी प्रवक्ता ने यह कभी नहीं कहा है कि शीतकालीन सत्र में लोकपाल बिल पास नहीं होगा। लेकिन इसके बावजूद अन्ना चिट्ठियां लिखते रहते हैं या फिर बयान देते रहते हैं।
कांग्रेस की सहयोगी एनसीपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने भी यह कहकर अन्ना पर निशाना साधा है कि अन्ना हजारे को राजनीति में दखल देने की बजाय भ्रष्टाचार मुक्त भारत के उद्देश्य के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि किसी समाज सुधारक या सामाजिक कार्यकर्ता को अपने उद्देश्य सिर्फ सामाजिक मुद्दों तक सीमित रखना चाहिए और उसे राजनीति में दखल नहीं देनी चाहिए।'
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने भी एक बार फिर अन्ना हजारे पर निशाना साधा है। दिग्विजय ने कहा है कि व्यवस्था में बदलाव लाने के लिए अन्ना हजारे का तरीका सही नहीं है और केवल जनलोकपाल बिल से ही भ्रष्टाचार खत्म नहीं हो जाएगा। अन्ना पर जनलोकपाल बिल को जरूरत से ज्यादा बढ़ा चढ़ा कर पेश करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस महासचिव ने कहा कि देश की न्यायपालिका, सरकार, पुलिस और नौकरशाली के मिले-जुले प्रयास से ही भ्रष्टाचार का खात्मा हो सकता है।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि कोई भी लोकपाल बिल का विरोध नहीं कर रहा है और सरकार मजबूत लोकपाल बिल पारित करने की कोशिश में है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने श्री श्री रविशंकर की भ्रष्टाचार के खिलाफ यात्रा का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, ‘हम श्री श्री की यात्रा का स्वागत करते हैं। हमें यह देखना होगा कि उनकी यात्रा में कौन-कौन शामिल होते हैं और श्री श्री भ्रष्टाचार के मसले पर क्या बोलते हैं?’’
sabhar- Bhaskar.com
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