श्रीपति त्रिवेदी
डेटलाइन इंडियानई दिल्ली, 26 नवंबर- 1994 में आईएएस में चुने जाने के पहले जासूसी के इल्जाम में पकड़े गए गृह मंत्रालय में निदेशक रवि इंदर सिंह आईएएस बनने के पहले शेयर दलाली का काम करता था और जिस एजेंट के लिए वह काम करता था उसने भी धोखाधड़ी के इल्जाम में उसे निकाल कर बाहर कर दिया था। आईएएस बनने के बाद रवि इंदर सिंह ने सबसे पहले पर्यटन मंत्रालय में रहने के दौरान दो पांच सितारा होटलों के पास बनवाए और वहीं से शुरू हुआ उसका काले कारनामों का सफर। पकड़े जाने के पहले भी महंगी स्कॉच और लगभग दुनिया के हर इलाके से लड़कियों का इंतजाम करने के मामले में रवि इंदर सिंह को काफी शातिर माना जाता था। फिलहाल रवि इंदर और उसके भी दलाल विनीत से स्पेशल सेल में आमने सामने बिठा कर बातचीत और पूछताछ चल रही है। आश्चर्य की बात तो यह है कि रवि इंदर सिंह की पत्नी भी इस कारोबार में शामिल है और उसके खाते से सिर्फ कुछ महीने में डेढ़ करोड़ का कारोबार होने का पता चला है। अभी कुछ प्लॉट और कुछ मकान मिले हैं लेकिन 14 साल में इस शातिर खिलाड़ी ने काफी मोटी कमाई की होगी, यह पक्का है। सरकार की संवेदनशील सूचनाएं निजी कंपनियों को मुहैया कराने का आरोपी आईएएस रवि इंदर बेहद शातिर था। यही वजह है कि फोन टेप होने का पता लगते ही अपने तीनों मोबाइल फोन तोड़कर फेंक दिए थे। स्पेशल सेल की पूछताछ में यह पता लगने के बाद रवि इंदर के खिलाफ साक्ष्य मिटाने का मामला भी दर्ज कर लिया गया है। जांच में रवि इंदर की पत्नी के बैंक खातों से 1.70 करोड़ रुपये के लेनदेन का पता लगा है। पुलिस को इसके अलावा भी कई महत्वपूर्ण जानकारियां हाथ लगी हैं। निजी फोन कंपनी के एक डीजीएम से भी इस संबंध में पूछताछ चल रही है।गृह मंत्रालय में आंतरिक सुरक्षा विभाग में निदेशक पद पर तैनात आईएएस अधिकारी रवि इंदर सिंह के खिलाफ निजी फायदे के लिए महत्वपूर्ण व संवेदनशील सूचनाएं कंपनियों को मुहैया कराने पर मामला दर्ज किया गया था। दो दिन चली पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने रवि इंदर तथा उनके लिए बिचौलिये की भूमिका निभाने वाले विनीत कुमार को गिरफ्तार कर लिया था। इस समय दोनों छह दिन की पुलिस रिमांड पर हैं। प्रारंभिक जांच मे रवि इंदर सिंह से जुड़ी कई दिलचस्प जानकारियां निकली हैं। कोडवर्ड में विनीत से बात करने वाला रवि इंदर को अय्याशी के सभी साधन मुहैया कराए जाते थे। सूत्रों के अनुसार स्पेशल सेल की जांच में सामने आया कि रवि इंदर सिंह तीन मोबाइल फोन प्रयोग करता था। 16 नवंबर को उसने अंतिम बार इन फोन पर बात की थी। पूछताछ में सामने आया कि निजी फोन कंपनी के एक डीजीएम ने रवि इंदर से जान पहचान होने के चलते बता दिया था कि उसके फोन टेप हो रहे हैं। आईएएस दिमाग रवि इंदर ने तत्काल खतरा भांपते हुए तीनों फोन तोड़कर फेंक दिए थे। पुलिस अब उसके टूटे फोन बरामद करने का प्रयास कर रही है। वहीं जांच में आरोपी आईएएस की गुड़गांव में व्यावसायिक संपत्तिा तथा ग्रेटर नोएडा में 250 गज के प्लाट का भी पता चला है। मामले की जांच जारी है। एक आला अधिकारी के अनुसार विनीत तथा रवि इंदर से आमने-सामने व अलग-अलग हो रही पूछताछ में कई महत्वपूर्ण जानकारियां निकलकर सामने आ रही हैं। जो आईएएस अधिकारी पर शिकंजा कसने के लिए काफी हैं।
डेटलाइन इंडियानई दिल्ली, 26 नवंबर- 1994 में आईएएस में चुने जाने के पहले जासूसी के इल्जाम में पकड़े गए गृह मंत्रालय में निदेशक रवि इंदर सिंह आईएएस बनने के पहले शेयर दलाली का काम करता था और जिस एजेंट के लिए वह काम करता था उसने भी धोखाधड़ी के इल्जाम में उसे निकाल कर बाहर कर दिया था। आईएएस बनने के बाद रवि इंदर सिंह ने सबसे पहले पर्यटन मंत्रालय में रहने के दौरान दो पांच सितारा होटलों के पास बनवाए और वहीं से शुरू हुआ उसका काले कारनामों का सफर। पकड़े जाने के पहले भी महंगी स्कॉच और लगभग दुनिया के हर इलाके से लड़कियों का इंतजाम करने के मामले में रवि इंदर सिंह को काफी शातिर माना जाता था। फिलहाल रवि इंदर और उसके भी दलाल विनीत से स्पेशल सेल में आमने सामने बिठा कर बातचीत और पूछताछ चल रही है। आश्चर्य की बात तो यह है कि रवि इंदर सिंह की पत्नी भी इस कारोबार में शामिल है और उसके खाते से सिर्फ कुछ महीने में डेढ़ करोड़ का कारोबार होने का पता चला है। अभी कुछ प्लॉट और कुछ मकान मिले हैं लेकिन 14 साल में इस शातिर खिलाड़ी ने काफी मोटी कमाई की होगी, यह पक्का है। सरकार की संवेदनशील सूचनाएं निजी कंपनियों को मुहैया कराने का आरोपी आईएएस रवि इंदर बेहद शातिर था। यही वजह है कि फोन टेप होने का पता लगते ही अपने तीनों मोबाइल फोन तोड़कर फेंक दिए थे। स्पेशल सेल की पूछताछ में यह पता लगने के बाद रवि इंदर के खिलाफ साक्ष्य मिटाने का मामला भी दर्ज कर लिया गया है। जांच में रवि इंदर की पत्नी के बैंक खातों से 1.70 करोड़ रुपये के लेनदेन का पता लगा है। पुलिस को इसके अलावा भी कई महत्वपूर्ण जानकारियां हाथ लगी हैं। निजी फोन कंपनी के एक डीजीएम से भी इस संबंध में पूछताछ चल रही है।गृह मंत्रालय में आंतरिक सुरक्षा विभाग में निदेशक पद पर तैनात आईएएस अधिकारी रवि इंदर सिंह के खिलाफ निजी फायदे के लिए महत्वपूर्ण व संवेदनशील सूचनाएं कंपनियों को मुहैया कराने पर मामला दर्ज किया गया था। दो दिन चली पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने रवि इंदर तथा उनके लिए बिचौलिये की भूमिका निभाने वाले विनीत कुमार को गिरफ्तार कर लिया था। इस समय दोनों छह दिन की पुलिस रिमांड पर हैं। प्रारंभिक जांच मे रवि इंदर सिंह से जुड़ी कई दिलचस्प जानकारियां निकली हैं। कोडवर्ड में विनीत से बात करने वाला रवि इंदर को अय्याशी के सभी साधन मुहैया कराए जाते थे। सूत्रों के अनुसार स्पेशल सेल की जांच में सामने आया कि रवि इंदर सिंह तीन मोबाइल फोन प्रयोग करता था। 16 नवंबर को उसने अंतिम बार इन फोन पर बात की थी। पूछताछ में सामने आया कि निजी फोन कंपनी के एक डीजीएम ने रवि इंदर से जान पहचान होने के चलते बता दिया था कि उसके फोन टेप हो रहे हैं। आईएएस दिमाग रवि इंदर ने तत्काल खतरा भांपते हुए तीनों फोन तोड़कर फेंक दिए थे। पुलिस अब उसके टूटे फोन बरामद करने का प्रयास कर रही है। वहीं जांच में आरोपी आईएएस की गुड़गांव में व्यावसायिक संपत्तिा तथा ग्रेटर नोएडा में 250 गज के प्लाट का भी पता चला है। मामले की जांच जारी है। एक आला अधिकारी के अनुसार विनीत तथा रवि इंदर से आमने-सामने व अलग-अलग हो रही पूछताछ में कई महत्वपूर्ण जानकारियां निकलकर सामने आ रही हैं। जो आईएएस अधिकारी पर शिकंजा कसने के लिए काफी हैं।
sabhaar : datelineindia.com
No comments:
Post a Comment